नई दिल्ली बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ एक बार फिर से विवादों में घिरती दिख रही है।
‘पतंजलि’ को मिस ब्रैंडिंग एवं भ्रामक प्रचार के पांच मामलों में दोषी पाए जाने पर एडीएम हरिद्वार (न्याय निर्णायक अधिकारी) ने ‘पतंजलि’ आयुर्वेद की पांच उत्पादन यूनिटों पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ‘पतंजलि’, जिसका टर्नओवर वर्तमान में 5 हजार करोड़ है, अगले वित्तीय वर्ष तक इसे 10 हजार करोड़ करने की तरफ कदम बढ़ा रही है।
कोर्ट ने माना कि ‘पतंजलि’ जिन उत्पादों को अपनी यूनिटों में उत्पादित बताकर उनके लेबल पर बेच रही थी, वह किसी दूसरी यूनिटों में बने थे। कहा गया कि यह सीधे तौर पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 की धारा 52-53 और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (पैकेजिंग एंड लेबलिंग रेग्युलेशन-2011) की धारा 23.1(5) का उल्लंघन है।
इस मामले से जुड़े नमूने 16 अगस्त 2012 को लिए गए थे। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से हरिद्वार प्रभारी योगेंद्र पांडेय ने कनखल स्थित दिव्य योग मंदिर से ‘पतंजलि’ द्वारा उत्पादित बेसन, शहद, कच्ची घानी का सरसों का तेल, जैम एवं नमक के सैंपल भरे थे, जिन्हें जांच के लिए रुद्रपुर लैब में भेजा गया था।
रिपोर्ट में उत्पादों के सैंपल फेल पाए गए। इसे लेकर जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने एडीएम कोर्ट में वर्ष 2012 में वाद दायर किया था। पिछले चार सालों से कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान ‘पतंजलि’ की ओर से भी तथ्य रखे गए, जिन्हें कोर्ट ने अपर्याप्त मानते हुए फैसला सुनाया।
‘पतंजलि’ को जुर्माने की यह धनराशि महीनेभर के अंदर जमा करानी होगी, साथ ही भविष्य में सुधार न करने पर जिला खाद्य सुरक्षा विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने यह आदेश एक दिसंबर 2016 को दिया था पर सार्वजनिक अब जाकर हुआ।