UP में कानपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर बिठूर ब्लॉक में अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला। इस गांव के रहने वाले विमल कुमार के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। मां-बाप के मुताबिक, बच्चा पैदा होते ही हंसने लगा और बैठने की कोशिश करने लगा।
ये देखकर वो लोग डर गए। लेकिन बाद में घरवालों ने उसकी हनुमान का रूप मानकर पूजा शुरू कर दी। देखते ही देखते पूरा गांव इस बच्चे को देखने और उसकी पूजा करने के लिए उमड़ पड़ा। हालांकि 30 मिनट बाद उसकी मौत हो गई। विमल की मां सरला देवी ने बताया कि मंगलवार की देर शाम उनकी बहू ने घर में ही एक बच्चे को जन्म दिया। इनके मुताबिक, इनकी बहू का ये पहला बच्चा था। देर शाम बच्चे ने जन्म लेने के बाद ही अजीबोगरीब हरकत करने लगा। उसका चेहरा फूला हुआ था, ऐसा लग रहा था कि जैसे बच्चे के रूप में हनुमान जी ने जन्म लिया हो।
मंगलवार की रात करीब दस बजे बच्चे ने करीब एक कटोरी दूध पिया, उसके दस मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई। इनके मुताबिक बच्चे का आकार और हरकत देख एक बार तो हम सब डर गए, मगर फिर घर के सभी लोगो ने इसको हनुमान का अवतार मानकर मंगलवार की सुबह इसकी पूजा अर्चना शुरू कर दी।बच्चे के पिता विमल ने बताया कि जब उनको पता चला कि उनकी पत्नी ने एक लड़के को जन्म दिया है, तो उन्हें बेहद खुशी हुई।लेकिन जन्म के 10 मिनट के बाद जब वो अपने बच्चे को देखने कमरे में गए तो बच्चा हंस रहा था और करवट लेकर बैठने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने बताया कि बच्चे के चेहरे का रंग बार-बार बदल रहा था, कभी नाक और मुंह का भाग लाल हो जाता, तो कभी पूरा चेहरा काला पड़ जाता।
करीब 5000 रुपए चढ़ गए बेटे पर
बुधवार की सुबह इस विचित्र बच्चे के जन्म लेने की बात पूरे गांव में फैल गई। बच्चे के पिता ने बताया कि गांव की के लोगों की भीड़ उनके घर पर इकठ्ठा होने लगी। देखते ही देखते करीब पांच हजार रुपए बच्चे के ऊपर चढ़ गए।
गांव की एक महिला कमला देवी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा बिचित्र बच्चा पहली बार देखा है। ये तो पूरा हनुमान जी का रूप लग रहा है। एक बुजुर्ग श्याम तिवारी ने बताया कि पूरे गांव के लोग चंदा इकठ्ठा कर इसका एक मंदिर बनाएंगे। अंधविश्वास में डूबे गांव वालों को देख उस गांव के कुछ युवाओं ने किसी तरह उस बच्चे का अंतिम संस्कार करवाया।
गांव के एक युवा योगेश यादव ने बताया कि जब उन्हें इस बच्चे के बारे में पता चला तो वो भी इसको देखने पहुंचे। उनका मानना है कि उस बच्चे में कोई विचित्र बात नजर नहीं थी। उनके मुताबिक बुधवार की शाम करीब पांच बजे किसी तरह लोगों को समझाबुझा कर बच्चे के शव को गंगा में प्रवाहित किया गया।