पटना।दस के सिक्के पटनावासियों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। आए दिन दुकानदार ग्र्राहकों से सिक्के लेने में आना कानी कर रहे हैं। इस कारण लोगों में अनिश्चितता की स्थिति बन गई है कि कौन से सिक्के असली हैं कौन नहीं। सोशल साइट्स पर भी सिक्के ना लेने की अफवाह फैलाई जा रही है। इसके बारे में आरबीआई ने लोगों को गुमराह होने से बचने के लिए निर्देश दिए हैं।
मैसेज भेजकर आरबीआई ने दूर की अफवाह
शहर में एक रुपये के सिक्के के बाद दस रुपये के सिक्के ना लिए जाने पर आरबीआई ने मेसेज जारी किया है। इसमें सिक्के वैध ना लेने की अफवाह का खंडन किया गया है। इस मैसेज में लिखा गया है कि 10 रुपये के सिक्के – रुपये चिन्ह के साथ और उसके बिना, दोनों ही सूरत में वैध हैं। इन्हें बेझिझक लें।
इसके साथ ही आरबीआई ने एक टॉल फ्री नंबर भी जारी किया है। इसपर कॉल करने के बाद एक बैक कॉल आती है और इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। इस जानकारी के लिए 14440 पर मिस्ड कॉल देकर जानकारी पा सकते हैं। इसके अलावा वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी अपडेट कर दी गई है ताकि परेशानी से लोग बच सकें। इसके लिए आप आरबीआई की ऑफिशियल वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट आरबीआई डॉट ओआरजी डॉट इन पर जा सकते हैं।
दस के सिक्के न लेने से बढ़ी लोगों की परेशानी
पिछले कई दिनों से छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यवसायी तक दस रुपये के सिक्के लेने से कतरा रहे हैं। इसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ रही है। आए दिन लोगों को यह परेशानी आ रही है। काजीपुर की रहने वाली अवंतिका बताती हैं कि दस रुपये के सिक्के पेट्रोल पंप पर भी लेने को मना कर दे रहे हैं। एक ओर जहां लोग इसकी वजह सोशल साइट पर वायरल हो रही अफवाहों को बता रहे हैं तो दुकानदार भी इसी का हवाला देकर सिक्के लौटा दे रहे हैं। बोरिंग रोड के दुकानदार सुमित बताते हैं कि इस तरह की बातें होने से सिक्के को हमलोग बैंक में जमा करने भी चले गए थे। वहां बताया गया कि यह अफवाह नहीं है।
असली नकली का ये है फेर
आरबीआई द्वारा यह साफ कर दिया गया है कि दस रुपये के सिक्के वैध हैं। मूलत: बाजार में दो तरह के दस के सिक्के उपलब्ध हैं। इसमें एक चमकीले लाइन पैटर्न का सिक्का है जिसपर रुपये का चिन्ह अंकित किया गया है। एक ऐसा सिक्का है जिसमें रुपये का चिन्ह अंकित नहीं है लेकिन ये दोनों ही सिक्के वैध हैं। इस तरह के सिक्के आरबीआई के टकसालों द्वारा ढाले गए हैं। समय समय पर इसके लक्षण और डिजाइन बदले गए हैं जो देश के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों के विभिन्न विषयों को दर्शाते हैं।