मामूली फुंसी का इलाज कराने गए नौ वर्षीय बच्चे की जान चली गई। परिजनों ने डॉक्टर पर गलत उपचार करने का आरोप लगाया है। घटना के बाद से चिकित्सक क्लीनिक और घर बंद कर फरार है। बच्चे के परिजन कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
मूलरूप से खुर्जा के पास एक गांव के रहने वाले रवि बंगाली कॉलोनी ईलायचीपुर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके मंझले बेटे वंशू के घुटने में मामूली फुंसी निकल आई थी। 25 अगस्त को उनकी पत्नी सीमा बेटे को घुटने पर पट्टी कराने के लिए पास के एक निजी चिकित्सक के पास ले गई। आरोप है कि चिकित्सक ने पट्टी करने के बजाए उनके बेटे को गलत इंजेक्शन लगा दिया।
इंजेक्शन लगाते ही शुरू हुईं उल्टियां
इसके लगाने के पांच मिनट बाद ही बेटे को उल्टियां शुरू हो गईं। कुछ ही देर में वह निढ़ाल हो गया। चिकित्सक ने उसे ऑटो में बैठाकर दिल्ली के सरकारी अस्पताल के लिए चलता कर पल्ला झाड़ लिया। खुद अपना क्लीनिक और घर बंद कर फरार हो गया। अस्पताल पहुंचने पर उसे वहां से दिल्ली के ही हिन्दुराव अस्पताल भेज दिया गया, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रवि का आरोप है कि उसने हिन्दुराव अस्पताल में बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया है। जिसकी अभी तक रिपोर्ट नही आई है। जबकि वह अयोग्य चिकित्सक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उसी दिन से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट दर्ज नही हुई है।
यह बोले डिप्टी सीएमओ
मामले में डिप्टी सीएमओ डॉ. जीपी मथुरिया ने कहा कि आरोपी डॉक्टर क्लीनिक बंद कर फरार है। जिस मकान में क्लीनिक था, उसका मकान मालिक भी लापता है, जो दिल्ली में रहता है। क्लीनिक और डॉक्टर का स्वास्थ्य विभाग में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। बच्चे के परिजनों के बयानों के आधार पर विभाग आरोपी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर कराएगा।