त्रिपुरा चुनाव: BJP-IPFT गठबंधन को दो-तिहाई बहुमत से जीत, CM की रेस में बिप्लब सबसे आगे
त्रिपुरा चुनाव: BJP-IPFT गठबंधन को दो-तिहाई बहुमत से जीत, CM की रेस में बिप्लब सबसे आगे

त्रिपुरा चुनाव: BJP-IPFT गठबंधन को दो-तिहाई बहुमत से जीत, CM की रेस में बिप्लब सबसे आगे

नई दिल्ली: बीजेपी- इंडीजनस पीपुल्स फ्रंट (आईपीएफटी) गठबंधन ने 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत से जीत दर्ज की. बीजेपी को 35 और आईपीएफटी को आठ सीट मिलीं. इसी के साथ राज्य में वाम मोर्चे के 25 साल के शासन का अंत हो गया. जीत का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदार पर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. जिसमें त्रिपुरा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब का नाम सबसे आगे चल रहा है. फिलहाल बीजेपी के संसदीय दल की बैठक चल रही जिसके बाद ही त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का नाम साफ हो पाएगा.

राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 59 पर 18 फरवरी को मतदान हुआ था जहां सरकार बनाने के लिए 31 सीट चाहिए. एक सीट पर माकपा उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विप्लव कुमार देव ने बनमालीपुर सीट पर जीत हासिल की है. पिछले 25 साल से सत्ता पर काबिज माकपा मात्र 16 सीटें ही जीत सकी है. जबकि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे ने 60 में से 50 सीटें हासिल की थीं. त्रिपुरा में कांग्रेस को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है.

जिम ट्रेनर से नेता बने बिप्लब

मुख्यमंत्री की रेस में बिप्लब इसलिए भी सबसे ज्यादा आगे हैं, क्योंकि लो-प्रोफाइल रहकर वह अपना काम बखूबी अंजाम देने में माहिर माने जाते हैं. जिम ट्रेनर से राजनेता बने बिप्लब कुमार ने 2016 में त्रिपुरा बीजेपी की कमान संभाली थी. उनके नेतृत्व में राज्य में पार्टी ने शून्य से शिखर का प्रदर्शन किया है. ऐसे में मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम की चर्चा स्वाभाविक है.

चुनाव नतीजों के दौरान बीजेपी महासचिव राममाधव के साथ वह मंच भी साझा करते दिखे हैं. इससे यह संकेत मिलता है कि बीजेपी आलाकमान भी बिप्लब को सीएम की कुर्सी पर बिठाने का लगभग मन बना चुका है. साथ ही त्रिपुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैलियों को कामयाब बनाने में वह चुपचाप पर्दे की पीछे से अपना काम करते रहे हैं. कम बोलने वाले और अपने काम पर ध्यान रखने वाले बिप्लब की पहचान बीजेपी में कर्मठ नेता की है. राज्य के जनजातीय इलाकों में इन्होंने बीजेपी के लिए खूब काम किया.

पिछले साल अगस्त में बेहद चतुराई का परिचय दिया

राज्य की राजनीति में लौटने के बाद पिछले साल अगस्त में इन्होंने बेहद चतुराई का परिचय दिया. राज्य में तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पार्टी के बड़े नेता सुदीप राय बर्मन को उनके समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी के खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई.

1999 में त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट बिप्लब के खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा नहीं दर्ज है. ग्रेजुएशन के बाद बिप्लब उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आ गए. यहां उन्होंने एक जिम ट्रेनर के रूप में काम भी किया. वह करीब 15 सालों तक दिल्ली में रहने के बाद फिर अपने गृह राज्य लौट गए.

बिप्लब ने नामांकन पत्र के साथ दिए ऐफिडेविट में अपनी संपत्ति मात्र 2,99,290 रुपये बताई थी. साफ छवि वाले बिप्लब कुमार शुरुआत दिनों से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं. आरएसएस के वरिष्ठ नेता के. एन. गोविंदाचार्य के साथ काम कर चुके बिप्लब लंबे समय से संगठन में काम कर चुके हैं. 48 वर्षीय बिप्लब साल 2018 में पहली बार चुनाव लड़े हैं. विप्लव की पत्नी बैंक में कार्यरत हैं.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com