व्यक्ति का जीवन हमेशा किसी न किसी समस्या से जूझता रहता है ये समस्याएँ उसके जीवन में अनायास ही आ जाती है जिसके कारण वह इनके चंगुल में फंस जाता है. व्यक्ति के जीवन की इन्ही समस्याओं को दूर करने के कई माध्यम हमारे समक्ष उपलब्ध है जिसमे वास्तु शास्त्र की एहम भूमिका है.
वास्तु शास्त्र का मानना है की व्यक्ति के जीवन की यह समस्या उसके आस-पास के वातावरण या घर में वास्तु दोष होने के कारण आती है. यदि व्यक्ति इन वास्तु दोषों को दूर कर लेता है या इनके निवारण के उपायों को अपना लेता है तो उसके जीवन की यह समस्याएँ स्वतः ही समाप्त हो जाती है. वास्तु शास्त्र में ऐसे ही कुछ दोषों के विषय में बताया गया है जो व्यक्ति कि स्वास्थ सम्बन्धी समस्याओं का कारण होते है. आइये इन दोषों के विषय में जानते है.
1. यदि व्यक्ति अपने मकान कि उत्तर-पूर्व दिशा में किसी प्रकार का भारी निर्माण या शौचालय बनवाता है तो उसेके जीवन में मानसिक रोग, अनिद्रा, तनाव आदि कई प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ता है क्योंकि यह निर्माण प्राकृतिक ऊर्जा को बाधित करता है.
2. यदि व्यक्ति अपने घर कि दक्षिण दिशा में अधिक विस्तार करता है या इस दिशा में सोता है तो भी उसके जीवन में मानसिक रोगों की समस्या बनी रहती है और यदि व्यक्ति के घर में इस दिशा में कोई भूमिगत जलस्त्रोत होता है तो इससे उसे जल की कमी से होने वाले रोग हैजा, संतान दुःख आदि समस्याएँ होती है.
3. यदि कोई व्यक्ति अपने उत्तर-पश्चिम दिशा का अधिक उपयोग बैठने या सोने के लिए करता है तो इससे उसका मन स्थाई नहीं रहता वायु विकार सम्बंधित कई रोग होते है.
4. यदि किसी व्यक्ति ने अपने घर के मध्य भाग में भूमिगत जलस्त्रोत बनवाया है तो उसे गंभीर रोग व पेट से सम्बंधित रोगों का सामना करना पड़ता है.