मंडल कारागार में पत्नी और बेटों से मुलाकात के दौरान बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मंगलवार को दिल का दौरा पड़ गया। पति की खराब हालत देख पत्नी अफ्शां अंसारी भी बेहोश हो गईं। बांदा जिला अस्पताल में करीब ढाई घंटे तक प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को एंबुलेंस से शाम करीब सात बजे पीजीआई लाया गया। दोनों को कार्डियोलॉजी विभाग के एमआईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया।
पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया गया है जबकि मुख्तार की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। इस मामले में प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बांदा के जिलाधिकारी और एसपी से जॉइंट रिपोर्ट मांगी है।
गाजीपुर निवासी और मऊ सदर से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी मंडल कारागार में 20 मार्च-17 से निरुद्ध हैं। मंगलवार को उनकी पत्नी अफ्शां, पुत्र अब्बास और उमर अंसारी जेल में मिलने आए थे। वहां चाय पीने के कुछ देर बाद ही मुख्तार बेहोश होकर गिर पड़े। यह देख अफ्शां भी बेसुध हो गईं। मुख्तार को पसीने के साथ सीने में दर्द की शिकायत हो रही थी। पीजीआई के एमआईसीयू वार्ड में बेड नंबर 14 पर भर्ती मुख्तार का इलाज कर रहे प्रो. पीके गोयल ने कहा कि उनकी हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।
पीजीआई निदेशक राकेश कपूर ने मीडिया से बातचीत में बताया, ‘मुख्तार अंसारी को माइनर हार्ट अटैक आया था, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। एंजियोग्राफी और ईसीजी नॉर्मल है। ट्रॉपोनिन एंजाइम मामूली सा बढ़ा है। ऐसा माइनर हार्ट अटैक में होता है। बुधवार को कुछ और जांचें की जाएंगी। उनकी पत्नी उनकी हालत देखकर घबरा गईं थी, उनकी हालत ठीक है, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।’
डीएम-एसपी ने प्रमुख सचिव गृह को सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट
बांदा जेल में बंद माफिया विधायक मुख्तार अंसारी तबियत खराब होने के मामले में प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बांदा के डीएम और एसपी से संयुक्त रिपोर्ट मांगी है। एसपी बांदा शालिनी की ओर से भेजी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्तार की पत्नी अफशा उनसे मिलने जेल पहुंची थीं। इसी दौरान मुख्तार को अचानक पसीना आना शुरू हो गया और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। इससे अफशा बदहवास हो गई और वहीं गिर कर बेहोश हो गईं।
दोनों को आनन-फानन में जिला जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया। लगभग एक घंटे के बाद मुख्तार को होश आया। वहां से उन्हें सवा तीन बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में लखनऊ रवाना किया गया। प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि मुख्तार को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्तार व उनकी पत्नी को अलग-अलग एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई लाया गया।
अलर्ट दिखा एसजीपीजीआई प्रशासन
पीजीआई के आसपास लोगों की भीड़ एकत्र होने की सूचना पर एसजीपीजीआई प्रशासन भी अलर्ट दिखा। समर्थक और परिवार वालों की भीड़ बढ़ती देख संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह ने सुरक्षा के मद्देनजर मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर आईसीयू का जायजा लिया।
पांच मिनट के लिए रोके गए मरीज-तीमारदार
मुख्तार के आने की सूचना पर एपीआरओ अजय तिवारी पहले से स्ट्रेचर ऑक्सीजन के साथ मुस्तैद थे। पुलिस भी पहले से भीड़ को संभालने में जुटी थी। शाम सात बजे के करीब दो एंबुलेंस में मुख्तार दंपती पहुंचे तो उन्हें आईसीयू में तुरंत शिफ्ट कराया गया। इस दौरान पांच मिनट के लिए सामान्य मरीजों व उनके तीमारदारों के आने-जाने पर पाबंदी रही। मुख्तार को स्ट्रेचर से अस्पताल के अंदर लेते ही मुख्य प्रवेश द्वार बंद कर दिया। उनके समर्थक आने लगे तो गार्डों ने उन्हें रोका तो वे धक्का मुक्की करने लगे। लेकिन मुख्तार के तीमारदारों ने उन्हें समझाकर शांत कराया।
मुख्तार को इलाज मुहैया कराने में हुई देरी : अफजाल
अफजाल अंसारी ने अपने भाई मुख्तार अंसारी और भाभी अफशा अंसारी की अचानक तबीयत खराब होने पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि आशंकाएं बहुत हैं, लेकिन जब तक मुख्तार से उनकी मुलाकात नहीं मिल जाती तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। उन्होंने इलाज मिलने में भी देरी का आरोप लगाया। अफजाल ने कहा कि मुख्तार की तबीयत खराब होने के बाद से ही बांदा के डॉक्टर व अफसर उन्हें रेफर करने पर जोर दे रहे थे, न कि उन्हें समुचित इलाज देने पर। मुख्तार के साथ दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है।
उनके खिलाफ दिल्ली, लखनऊ और मऊ की जेल में केस चल रहा है। जबकि उनको सैकड़ों किलोमीटर दूर बांदा जेल में रखा गया है। हार्ट की बीमारी का कोई इतिहास उनके खानदान में नहीं रहा है और न ही मुख्तार को कभी हार्ट संबंधी शिकायत रही है। उन्होंने कहा कि शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि पति-पत्नी को एक साथ हार्ट अटैक पड़ा हो। गनीमत है कि मुख्तार होश में हैं और सुधार हो रहा है।
उन्होंने वाराणसी जेल में बंद बृजेश सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक आदमी को उसी के घर के पास रखा गया है और घर का खाना मुहैया कराया जा रहा है और एक को घर से 600 किलोमीटर दूर रखा गया है, जहां से किसी केस का कोई लेना देना नहीं है।