अल्मोड़ा: विशेष सत्र न्यायाधीश ने पॉक्सो एक्ट के एक मामले में अभियुक्त को दोषी करार देते हुए पांच साल की कैद की सजा सुनाई है। कैद के साथ ही उसे दो हजार रुपये का अर्थदंड भी जमा करना होगा। अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्त को तीन माह की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन के अनुसार रानीखेत तहसील के एक गांव में 16 जून 2017 को एक नाबालिग किशोरी अपने कमरे में सो रही थी। रात के लगभग दस बजे देवेंद्र सिंह पुत्र स्व. जैत सिंह ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया और दरवाजा खुलने पर कमरे के अंदर घुसकर नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास करने लगा।
नाबालिग के चिल्लाने पर उसके परिजन कमरे के अंदर आए तो वह उनके साथ मारपीट करने लगा। 17 जनवरी 2017 को पीडि़ता के परिजनों ने पटवारी क्षेत्र रियूनी में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। यह मामला रेगुलर पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया।
विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा के न्यायालय में चला। जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से दस गवाह परीक्षित कराए गए। जबकि माता पिता ने बोलने और सुनने में अक्षम होने के कारण देहरादून में उनके सांकेतिक भाषा में बयान भी लिए गए।
मौखिक और लिखित साक्ष्यों पर विचारण के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के तहत पांच वर्ष की कैद और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।