नोएडा के आरटीआई कार्यकर्ता व समाजसेवी रंजन तोमर ने गृह मंत्रालय में आरटीआई डालकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं के बारे में पूछा था। जवाब में जो बात सामने आई वो आपको चौंका सकती है।
 जवाब में यह बात सामने आई है कि मनमोहन कार्यकाल की अपेक्षा तीन साल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं अधिक हुईं और सेना के जवान भी अधिक  शहीद हुए हैं। यह बात भी सामने आई है कि गृह मंत्रालय ने आतंकवाद से लड़ने के लिए दोगुनी राशि जारी की है।
जवाब में यह बात सामने आई है कि मनमोहन कार्यकाल की अपेक्षा तीन साल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं अधिक हुईं और सेना के जवान भी अधिक  शहीद हुए हैं। यह बात भी सामने आई है कि गृह मंत्रालय ने आतंकवाद से लड़ने के लिए दोगुनी राशि जारी की है।तोमर ने गृह मंत्रालय से चार सवाल पूछे थे कि मोदी सरकार के आने के तीन साल व उसके पहले मनमोहन सरकार के आखिरी तीन साल में जम्मू-कश्मीर में कितनी आतंकवादी गतिविधियां हुईं।
कितने आम नागरिक मारे गए और कितने जवान शहीद हुए। इस दौरान आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए मंत्रालय ने दोनों कार्यकाल में कितनी धनराशि जारी की। जवाब में लोक सूचना अधिकारी ने कहा कि मई 2011 से मई 2014 के बीच में जम्मू-कश्मीर में 705 आतंकवादी घटनाएं हुईं जिसमें 59 आम नागरिक मारे गए व 105 जवान शहीद हुए।
जबकि मोदी सरकार में मई 2014 से 2017 तक 812 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जिनमें 62 नागरिक मारे गए व 183 जवान शहीद हो गए। मनमोहन सरकार ने 850  करोड़, जबकि मोदी सरकार के समय गृह मंत्रालय ने 1890  करोड़ रुपये आतंकवादियों से लड़ने के लिए जारी किए।
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
