प्राकृतिक गर्भनिरोधक है अरंडी का बीज, ऐसे खाएंगे तो नहीं ठहरेगी प्रेग्नेंसी…
लाखों महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए गर्भ निरोधक गोलियां का सहारा लेती है, जो की काफी आसान और पुराना तरीका है. लेकिन क्या आप इन गोलियों को बिना डॉक्टर की सलाह के तो नहीं ले रही हैं ना ? क्योंकि बिना डॉक्टर के कंसल्ट के ये गोलियां आपकी सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है.
प्राकृतिक तरीके से प्रेग्नेंसी रोकना
वैसे तो बाजार में गर्भनिरोधकों के तमाम विकल्प पहले से ही मौजूद हैं. लेकिन गर्भनिरोधक दवाइयों के साइड इफेक्ट किसी से नहीं छुपे हैं. अगर आप बिना इसका इस्तेमाल किये प्राकृतिक तरीके से प्रेग्नेंसी रोकना चाहती हैं तो आयुर्वेद के पास आपका हल है. हालांकि इस तरीके का इस्तेमाल करने से पहले अपने फैमिली डॉक्टर और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा जरूर कर लेनी चाहिए.
आयुर्वेद में अरंडी यानी कैस्टर के बीच को सबसे बढ़िया गर्भनिरोधक तत्व माना गया है. इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले अरंडी के बीज को फोड़ें. उसके बाद उसमें मौजूद सफेद बीज को निकालें. इस बीज को एक गिलास पानी के साथ खा लें. अरंडी के बीज का इस्तेमाल आप संबंध बनाने के 72 घंटे के अंदर गर्भनिरोधक गोलियों के रूप में कर सकती है.
अगर महिलाएं सेक्स करने के 72 घंटे के भीतर इस बीज का सेवन करती हैं तो यह एक कॉन्ट्रासेप्टिव पिल की तरह ही गर्भधारण रोक सकता है. अगर कोई महिला इस बीज का सेवन पीरियड्स के तीन दिनों तक करे तो एक महीने तक इसका प्रभाव रहेगा. आपको बता दें कि अरंडी के बीज आयुर्वेद में अपना एक विशेष स्थान रखते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार अरंडी के बीजों का प्रयोग एक गर्भनिरोधक की तरह करने के लिए एक विशेष विधि है. वैसे तो इसका कोई दुष्परिणाम नहीं होता लेकिन फिर भी इस बीज का इस्तेमाल करने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर का परामर्श जरूर ले लेना चाहिए. ऐसा करने से आपको इसकी सही मात्रा का पता चलेगा.
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