उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC) सीधी भर्ती के तहत होने वाले इंटरव्यू में अभ्यर्थियों की संख्या तय करेगा। लिखित परीक्षा में 13 गुना अभ्यर्थी बुलाने का मानक बन चुका है। अब उसी के अनुरूप सीधी भर्ती में एक पद पर आठ से 10 गुना अभ्यर्थी बुलाए जा सकते हैं, लेकिन अभी उसको लेकर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, जो निर्णय लिया जाएगा वह उन परीक्षाओं पर भी लागू होगा जिनका पूर्व में विज्ञापन निकल चुका है। इसके मद्देनजर 29 मई 2004 व 19 जून 2004 में आयोग की बैठक में जो निर्णय लिया गया था उसे निरस्त कर दिया गया है।
यूपीपीएससी की ओर से सीधी भर्ती के तहत होने वाले इंटरव्यू में काफी विसंगतियां थी। किसी भर्ती में एक पद पर आठ तो किसी में 10, 20, 30 से लेकर 100 गुना तक अभ्यर्थी बुलाए जाते थे। इससे अभ्यर्थियों को दिक्कत होती थी। वहीं, इंटरव्यू लेने में आयोग का समय बर्बाद होता था। बीते दिनों हुई आयोग की बैठक में सीधी भर्ती के तहत होने वाले इंटरव्यू में अभ्यर्थियों की संख्या तय करने का निर्णय हुआ। अभ्यर्थियों की संख्या का मानक हर भर्ती में लागू होगा।
प्रभावित होंगी दर्जनभर भर्तियां
यूपीपीएससी द्वारा नया नियम बनाने से सीधी भर्ती के तहत होने वाली दर्जनभर भर्तियां प्रभावित होंगी, क्योंकि उसका विज्ञापन पहले निकल चुका है। इसमें डिग्री कॉलेज प्रवक्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर जैसी भर्तियां शामिल हैं। इसके अलावा पीसीएस 2018, आरओ-एआरओ 2016 की भर्ती भी नए नियम से प्रभावित हो सकती है।
पहले हो चुका है बदलाव
आयोग में सीधी भर्ती में पहले सिर्फ इंटरव्यू होता था। अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने पर नवंबर 2019 में नियम में बदलाव करते हुए उसकी स्क्रीनिंग परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया। विशिष्ट योग्यता वाले पद जैसे मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर आदि को छोड़कर सारे पदों पर स्क्रीनिंग परीक्षा अनिवार्य कर दिया है। इसमें एक पद के लिए 20 से 50 अभ्यर्थी बुलाने का नियम बना था।