उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को पाए गए PETN पदार्थ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. ऐसी खबरें थी कि सरकार की ओर से PETN पदार्थ की जांच के लिए इसे आगरा की फॉरेंसिक लैब भेजा गया था, जिसमें पाया गया था कि वह पदार्थ PETN नहीं है. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे पर सफाई पेश की है.
यूपी सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मीडिया में इस प्रकार की खबरें चल रही हैं कि विधानसभा में पाया गया पदार्थ PETN नहीं है, लेकिन हम आपको बता दें कि हमने इस पदार्थ को जांच के लिए आगरा की फॉरेंसिक लैब में भेजा ही नहीं था. आगरा की लैब में इस प्रकार के पदार्थ की जांच करने के लिए पर्याप्त उपकरण ही नहीं है. पदार्थ की जांच 14 तारीख को ही लखनऊ की लैब में की गई थी. जिसमें लगभग 3 टेस्ट किए गए और पुष्टि की गई. इस बात की पुष्टि भी की हुई है, लैब की ओर से इसकी रिपोर्ट भी जारी की गई है.
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घटना के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि सुरक्षा सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि 12 जुलाई को बजट सत्र के दौरान कोई भी विधायकों के अलावा कोई नहीं आ सकता है. लेकिन नेता विपक्ष की सीट के पास विस्फोटक मिलना चिंता का विषय है.
इस मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है. यह धारा हजरत गंज थाने में हुई है. सेक्शन 16,18,20 (विस्फोटक एक्ट) और IPC की दारा 121A, 12 B के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. योगी ने कहा कि विधानसभा में 150 ग्राम विस्फोटक एक पुड़िया में मिला है. जिसके बाद घटना की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी.