हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने में अभी 17 दिन का समय शेष है और यात्रा की तैयारियां अभी नाकाफी हैं। पुलना से घांघरिया तक पानी, संचार और बिजली व्यवस्था सुचारु नहीं हो पाई है। गोविंदघाट में अलकनंदा पर निर्माणाधीन बैली ब्रिज के निर्माण में हो रही देरी से भी यात्रा तैयारियां प्रभावित हो रही हैं।
बीते 5 मार्च को गोविंदघाट में अलकनंदा पर निर्मित मोटर पुल चट्टान से भूस्खलन होने से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने करीब 75 मीटर दूरी पर 48 मीटर लंबे बैली ब्रिज निर्माण कार्य शुरू किया लेकिन दो माह बाद भी अभी तक सिर्फ ब्रिज का ढांचा ही खड़ा हो पाया है। जबकि 25 मई से यात्रा शुरू होनी है। हेमकुंड साहिब की ओर आवाजाही के लिए नदी पर पैदल पुल तो बनाया गया है लेकिन उससे घोड़े-खच्चरों की आवाजाही नहीं हो पा रही है।
यात्रा मार्ग पर अभी तक पेयजल की सुचारु सप्लाई नहीं हो पाई है। संचार सेवा गोविंदघाट से आगे नहीं है। विद्युत व्यवस्था भी सुचारु नहीं हुई है। घांघरिया के होटल व्यवसायी अपने प्रतिष्ठानों में खाद्य सामग्री नहीं ले जा पा रहे हैं।
गोविंदघाट गुरुद्वारे में वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह का कहना है कि हेमकुंड साहिब यात्रा को लेकर घांघरिया के गुरुद्वारे में व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई हैं। हेमकुंड साहिब तक पैदल मार्ग को बर्फ हटाकर सुचारु कर दिया जाएगा।
बैली ब्रिज निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। इधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता नवीन ध्यानी का कहना है कि ब्रिज निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ब्रिज निर्माण पूर्ण कर एप्रोच रोड का काम शुरू किया जाएगा।
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