उत्तराखंड में सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक हट गयी है। उच्च न्यायालय ने सरकार को कानून सम्मत तरीके से भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश दिये हैं। ये नियुक्तियां अंतत: अदालत के आदेश के अधीन रहेंगी।
वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वमार् की युगलपीठ ने ये निर्देश बुधवार को मामले से जुड़ी अनेक याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिये हैं। विभिन्न याचिकाकतार्ओं की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार की ओर से सहायक अध्यापक के लगभग 2600 पदों को भरने के लिये दिसंबर, 2018 में एक विज्ञप्ति जारी की गयी।
सरकार राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापकों की भतीर् प्रक्रिया से बाहर कर दिया है जबकि केन्द्र सरकार व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इन अभ्यर्थियों को मान्यता दी है। ऐसे में राज्य सरकार का यह कदम गैर कानूनी है।
इसके बाद अदालत ने राज्य के इस कदम पर रोक लगा दी थी और अभ्यर्थियों को भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिये थे। आज राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार ने इन अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निदेर्श दे दिये हैं।