उत्तराखंड में मौसम के अचानक करवट बदलने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भूस्खलन के मलबे में दबकर लैंसडौन के पास समखाल में मां, बेटी समेत तीन लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। नेपाल के रहने वाले यह सभी लोग समखाल में एक होटल के निर्माण में लगे हुए थे। उधर, चंपावत जिले के सेलाखोला गांव में मलबे में दबकर मां और बेटे की मौत हो गई।

इस बीच एसडीआरएफ और पुलिस ने जंगल चट्टी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर वहां भारी बारिश के बीच फंसे 22 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला। ये श्रद्धालु केदारनराथ मंदिर से वापस लौटने के दौरान यहां फंस गए थे। सभी को गौरीकुंड शिफ्ट किया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 55 वर्षीय एक श्रद्धालु को चलने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें स्ट्रेचर पर बाहर निकाला गया।
दस हजार यात्री फंसे
मौसम की मुश्किलों के चलते चारधाम रूट पर लगभग 10,025 तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हैं। जबकि, सोमवार को बद्रीनाथ और केदारनाथ की चोटियों और गंगोत्री और यमुनोत्री में बर्फबारी हुई है। मंगलवार को मौसम को देखते हुए यात्रा को लेकर फैसला लिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिया अपडेट
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज देखते हुए सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से फोन पर बात कर बारिश से बचाव की तैयारियों पर अपडेट लिया और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का वादा किया।
केदारनाथ व बद्रीनाथ समेत 150 मार्ग बाधित
तेज मूसलाधार बारिश की वजह से उत्तराखंड में लगभग 150 मार्ग अवरुद्ध रहे। बद्रीनाथ हाईवे पर तोताघाटी में एहतियातन यातायात बंद कर दिया है। यमुनोत्री हाईवे बंद होने से रास्ते में तीर्थयात्रियों के कई वाहन फंसे हुए हैं।
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