नई दिल्ली. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी तनातनी को देखते हुए लद्दाख में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है. इस दौरान लद्दाख के निवासी भी पूरे तन-मन से देश की सेवा में जुट गए हैं. ये लोग फॉरवर्ड में तैनात सैनिकों के लिए स्थानीय खाने-पीने की चीजें भेज रहे हैं. लोकल लद्दाखी गांव वाले लोग सुखाया हुआ पनीरबोरियों में भरकर भारत के वीर सैनिकों के लिए भेज रहे हैं. लोकल भाषा में इसे छुर्पे कहते हैं. ये प्रोटीन का खजाना है और कई महीनों तक खराब नहीं होता.
इसके अलावा गांव वालों ने जवानों के लिए सुखाया हुआ साग भी भेजा है. जिसे जब चाहें गरम पानी में उबालकर खाया जा सकता है. जौ का बेहद पौष्टिक और गरम तासीर का सत्तू लद्दाख के लोगों को कड़ी सर्दी में बहुत काम आता है. इसे ऊंचे पहाड़ पर तैनात सैनिकों को भेजा जा रहा है ताकि वो जब चाहें गरम पानी में डालकर इस रेडी टू ईट भोजन का इस्तेमाल कर सकें.
वहीं, चीनी ड्रैगन बातचीत की आड़ में एकबार फिर से भारत के साथ बडे़ धोखे की तैयारी कर रहा है. चीन की सेना PLA ने अपने कब्जे वाले अक्साई चिन इलाके में पिछले 30 दिनों में बड़े पैमाने पर सैनिकों को तैनात किया है और बहुत तेजी के साथ सड़कों का निर्माण कर रही है. यही नहीं चीन ने पैंगोंग झील के फिंगर 6 से 8 को जोड़ने वाली रोड को भी चौड़ा किया है ताकि किसी युद्धक कार्रवाई की सूरत में बहुत तेजी से चीनी सेना को भारतीय मोर्चे के पास तक पहुंचाया जा सके.
रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना की इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत मिलता है कि वह अक्साई चिन में लंबे समय तक डटे रहने की तैयारी कर रही है. साथ ही भारत के साथ बातचीत के बाद भी उस पर दबाव बनाए रखना चाहती है. भारत और चीन की सेना के बीच सैनिकों को पीछे हटाने और तनाव को घटाने के लिए बहुत जल्द ही बातचीत होने वाली है.