वाशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को एक बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की, जिससे दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वायरस प्रकोप को झेला है। यहां पर अबतक कोरोना से 300,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
न्यूयॉर्क की नर्स सैंड्रा लिंडसे अमेरिका की पहली व्यक्ति बनीं, जिन्होंने फाइजर-बायोएनटेक शॉट प्राप्त किया। लॉन्ग आइलैंड यहूदी मेडिकल सेंटर में एक नर्स लिंडसे ने कहा, “यह किसी भी अन्य वैक्सीन लेने से अलग नहीं लगा। मुझे आशा है कि यह हमारे इतिहास में बहुत दर्दनाक समय के अंत की शुरुआत है।”

अमेरिका और कई अन्य देशों में बढ़ते मामलों के साथ महामारी के सबसे गहरे चरणों में से एक में टीकाकरण आते हैं। सोमवार को नीदरलैंड ने महामारी शुरू होने के बाद से सबसे सख्त लॉकडाउन लगाने की बात कही है। ब्रिटेन ने लंदन पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की और तुर्की ने कहा कि नए साल की छुट्टियों पर चार दिनों का लॉकडाउन लगाया जाएगा।
फ्रांस में लोगों को अब घर छोड़ने के अपने कारण को सही ठहराने वाले फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन इसके साथ ही 8:00pm-6: 00am तक कर्फ्यू जारी रहेगा।
अमेरिका में दुनिया का सबसे अधिक मौत का आंकड़ा है और 16.3 मिलियन मामले यहां पर रिपोर्ट किए गए हैं। टीकाकरण शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद मौतें का आकड़ा 300,000 के पार हो गया।
कैलिफोर्निया, पेंसिल्वेनिया और ओहियो में भी टीकाकरण हुआ, जबकि कनाडा ने मॉन्ट्रियल में एक देखभाल करने वाले को पहली खुराक दी गई।
शुरुआती 2.9 मिलियन खुराक बुधवार तक देश भर में 636 साइटों पर वितरित किए जाने की आवश्यकता है। अधिकारियों ने कहा कि 20 मिलियन अमेरिकी वर्ष के अंत तक दो-शॉट प्राप्त कर सकते हैं और मार्च तक 100 मिलियन।
सूखी बर्फ वाले बक्से में वैक्सीन भेजी जा रही है जोकि -70 डिग्री सेल्सियस (-94 डिग्री फ़ारेनहाइट) पर रखी जा सकती है। परीक्षणों से पता चला है कि फाइजर-बायोएनटेक टीका 95 प्रतिशत प्रभावी है।
दुनिया भर में पिछले दिसंबर में चीन से कोरोना फैलने के बाद से कम से कम 1.6 मिलियन मौतें हुई हैं और कुल मिलाकर 71.6 मिलियन मामले सामने आए हैं।
सोमवार को टीकाकरण शुरू करना वाला देश संयुक्त अरब अमीरात भी था, जिसने अबू धाबी में चीनी दवाओं के दिग्गज सिनोफार्मा के शॉट्स को लगाना शुरू किया।
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