नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. हाल में सीरो सर्वे रिपोर्टका जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा है कि रिपोर्ट देखने से लगता है कि दिल्ली में हर चार में से एक शख्स कोरोना से संक्रमित है और हर घर में कोई न कोई कोरोना महामारी की चपेट में आ चुका है. दिल्ली में कोरोना ने इतना भयानक रूप ले लिया है इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने अभी तक कोई उचित कदम क्यों नहीं उठाया है और कोरोना पर दी गई ढील पर अब तक रोक क्यों नहीं लगाई गई है.
दिल्ली में किए गए सीरो सर्वे के चौथे चरण की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में नवंबर महीने में किए गए सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. इस रिपोर्ट को न्यायमूर्ति हिमा कोहली और सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ के समक्ष रखा गया. सीरो सर्वे की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की जांच में 25 प्रतिशत लोगों के शरीर में COVID-19 एंटी बॉडी पाए गए हैं.
कोर्ट ने कहा रिपोर्ट को बारीकी से पढ़ने के बाद लगता है कि राजधानी दिल्ली की हालत बेहद खराब हो चुकी है. यहां पर हर चार में से एक शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित है और कोई भी घर ऐसा नहीं बचा है जहां पर वायरस नहीं पहुंचा हो. सर्वे के आंकड़ों का हवाला देते हुए कोर्ट ने ये टिप्पणी की.
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार से पूछा है कि उन्होंने अभी तक इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की. कोर्ट ने कहा, दूसरे प्रभावित राज्य लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं तो दिल्ली सरकार नियमों में ढील क्यों दे रही है.