‘हिमालयन वियाग्रा’ मतलब ‘यार्सागुम्बा’ : इस हिमालयन वियाग्रा को लोग यार्सागुम्बा के नाम से भी जानते हैं। आयुर्वेद में यार्सागुम्बा को जड़ी-बूटी की श्रेणी में रखा गया है, जो हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में मिलता है। दरअसल यह एक मृत कीड़ा है जिसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सेक्स पावर बढ़ाने के अचूक नुस्खे होते हैं। इसलिए इसे हिमालयी वियाग्रा भी कहा जाता है।
नेपाल के लोग इसे पड़ोसी देश चीन में ऊंची कीमतों पर बेचते हैं। चीन में इसे हर्बल दवाओं के काम में लाया जाता है। हिमालय के दुर्गम और खतरनाक स्थानों पर बेहद मुश्किल से मिलने वाले इस यार्सागुम्बा नामक इस कीड़े की कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में तकरीबन 60 लाख रुपए प्रति किलो है।
हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता
यार्सागुम्बा समुद्र तल से 3800 मीटर ऊँचाई पर हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है। वैसे तो यह कुछ मात्रा में भारत और तिब्बत में भी मिलता है पर मुख्यतः यह नेपाल में पाया जाता है। यह कीड़ा भूरे रंग का होता है जिसकी लम्बाई लगभग 2 इंच होती है। इसका स्वाद खाने में मीठा होता है। यह कीड़ा यहाँ उगने वाले कुछ खास पौधों पर ही पैदा होते है तथा इनका जीवन काल लगभग छह महीने होता है।
उल्लेखनीय है कि यार्सागुम्बा पहले भी कई लोगों की मौत का कारण बन चुका है। साल 2009 में इसको लेकर सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। दो साल बाद अदालत ने 19 गांववालों को दोषी ठहराया था। इस कारण इसे हत्यारी वियाग्रा भी कहा जाने लगा है।
2001 तक नेपाल सरकार ने भी इस कीड़े के उपयोग पर प्रतिबंध लगा रखा था लेकिन लोगों की मांग को देखते हुए सरकार ने पाबंदी हटा ली है। अब नेपाल सरकार ने इसके उत्पादक क्षेत्रों में यार्सागुम्बा सोसायटी बना दी है जो की लोगो से यार्सागुम्बा को लेकर आगे बेचती है। बीच में नेपाल सरकार प्रति किलोग्राम 20000 रुपए रॉयल्टी वसूलती है।