नई दिल्ली। हस्तमैथुन की आदत के शिकार लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी नाबालिग की मौजूदगी में हस्तमैथुन नहीं किया जाए तो सार्वजनिक रूप से हस्तमैथुन करना अपराध नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला 69 वर्षीय एक व्यक्ति के मामले में दिया है। उस व्यक्ति को छात्रों के सामने हस्तमैथुन करते पकड़ा गया था। मई 2015 में उसे दोषी ठहराया गया था। आरोपी व्यक्ति को तीन महीने जेल की सजा और करीब ढाई लाख रुपये जुर्माना लगाया था। दोषी के वकील ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में मामले को चुनौती दी, जिसने आरोपी के पक्ष में फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अब सार्वजनिक किया गया है। जजों ने फैसला दिया कि पिछले साल कानून में बदलाव करके हस्तमैथुन को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। अब इसे तभी अपराध माना जाएगा, जब सार्वजनिक रूप से इस कृत्य को अंजाम देते समय कोई नाबालिग देख लें यानी नाबालिग की मौजूदगी में ऐसा करना अपराध होगा। अगर कोई नाबालिग मौजूद न हो, तो यह अपराध नहीं होगा।
अब नए कानून के मुताबिक अगर ऐसा करते हुए कोई नाबालिग देख लेता है तो दोषी को साढ़े चार साल की जेल हो सकती है। वैसे दुनिया के कई अन्य हिस्से में सार्वजनिक रूप से हस्तमैथुन करना अब भी अपराध है और इसके लिए जेल हो सकती है। और अब आपकी टेंशन खत्म करते हुए बता दें कि ये मामला इटली का है और सुप्रीम कोर्ट भी इटली का ही है।