गम, गुस्से और गर्व की भावना के साथ शनिवार को पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूतों को अंतिम विदाई दी गई। जिन रास्तों से शहीदों के पार्थिव शरीर गुजरे उन्हें नमन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा।
प्रशासन ने राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार की व्यवस्था की थी लेकिन जनसैलाब के आगे व्यवस्था कम पड़ गई। लोगों के दिलों में वीर सपूतों को खोने का गम था तो पड़ोसी पाकिस्तान की कायराना हरकत के प्रति आक्रोश भी। इसकी अभिव्यक्ति गगनभेदी पाकिस्तान मुर्दाबाद, भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से हो रही थी।
अफसरों की आंखें भी नम
परिजनों के क्रंदन सुन ढांढ़स बंधाने पहुंचे अधिकारियों की भी आखें नम हो गईं। महाराजगंज के पंकज त्रिपाठी के ताबूत को देखते ही उनकी मां बेहोश हो गईं। मैनपुरी के शहीद रामवकील की पत्नी को देख महिला एसएचओ भी रो पड़ीं। शामली के शहीद प्रदीप की मां बेटे का चेहरा दिखाने की गुहार लगाती रहीं, जिन्हें बड़ी मुश्किल से समझाया गया।
केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण,कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान,स्मृति ईरानी, महेश शर्मा और वीके सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद रहे। मुख्यमंत्रियों ने श्रद्धांजलि दी।
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