भाजपा संसदीय दल की बैठक को आज पीएम करेंगे संबोधित

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नाम को लेकर भाजपा का मंथन जारी है। बुधवार को भी पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बीच इस मामले में चर्चा हुई। गुरुवार सुबह भाजपा संसदीय दल की बैठक होगी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा को बंपर बहुमत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। इसको लेकर बुधवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच डेढ़ घंटे चर्चा हुई। 

शनिवार को हो सकती है विधायक दल की बैठक
इस बीच, सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शनिवार को मप्र भाजपा विधायक दल की बैठक में एक नाम पर मुहर लग सकती है। इसके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम एक-दो दिन में सामने आ सकते हैं। जो भोपाल आकर विधायक दल की बैठक में राय मशवरा लेकर मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकते हैं। 
इस बीच, दावेदारों का केंद्रीय नेतृत्व से मेल-मुलाकात का दौर जारी है। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, वीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय के बाद मंत्री गोपाल भार्गव भी दिल्ली पहुंचे। उन्होंने नड्डा एवं शाह से मुलाकात कर एक तरह से अपना दावा पेश किया है। भार्गव नौ बार के विधायक हैं और मध्य प्रदेश के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी वे संकेत दे चुके हैं कि इस बार वह कुछ बड़ा हासिल करने वाले हैं। भाजपा ने मध्य प्रदेश में 230 सीटों में से 163 सीटों पर जीत कर सत्ता बरकार रखी है। अब मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक हलचल हैं। 

तीनों ही राज्यों में नए चेहरों की चर्चा
प्रदेश में मुख्यमंत्री की रेस में अभी शिवराज सिंह चौहान सबसे आगे हैं। हालांकि, पार्टी के सूत्रों के कहना है कि पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में नया चेहरा लाएगी। ऐसे में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य कोई नया चेहरा भी हो सकता है। भाजपा अपने निर्णय से चौंकाती है, इसलिए चर्चा है कि पार्टी इस बार भी मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चौंका सकती है। 

दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला 
इसके अलावा यह भी चर्चा है कि प्रदेश में दिग्गजों को साधने के लिए इस बार भाजपा केंद्रीय नेतृत्व दूसरे राज्यों की तरफ प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री बना सकती है। यदि ओबीसी मुख्यमंत्री नहीं बना तो ओबीसी उप-मुख्यमंत्री बनना तो तय माना जा रहा है। इसी तरह आदिवासियों की हितैषी बताने में जुटी पार्टी इस वर्ग के किसी नेता को भी आगे बढ़ा सकती है।

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