जिले में संचालित सरकारी शराब दुकानें फायदे में चल रही है। 3 माह में शराब दुकानों से आबकारी को 31 करोड़ रुपए की आय हुई है। अंग्रेजी शराब दुकानों में ग्राहकी कम होने के कारण कुछ दुकानों को एक निश्चित स्थान पर मर्ज कर संचालित करने पर विचार किया जा रहा है।
जिले में संचालित सभी 27 देसी-विदेशी शराब दुकानों का संचालन ठेकेदारों से छीनकर सरकार ने 1 अपै्रल से अपने हाथ में ले लिया है। कलेक्टर सीआर प्रसन्ना ने बताया कि 3 माह में देसी-विदेशी शराब दुकानों से आबकारी विभाग को शराब बिक्री से 31 करोड़ की आय हुई है।
जिले की शराब दुकानों के निर्माण और मरम्मत कार्य पर 88 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। शराब दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरा, सिक्यूरिटी गार्ड, दुकानों पर कार्यरत सुपरवाईजर, सेल्समेन और वर्करों के लिए जारी पेमेंट की राशि कंपनी को दी गई है। जिले में देसी-विदेशी शराब दुकानों से आबकारी विभाग को सालाना करीब 120 करोड़ आय होती है।
अंग्रेजी शराब दुकान हो सकते हैं मर्ज
कलेक्टर प्रसन्ना ने बताया कि देसी दुकानों के पास कुछ अंग्रेजी दुकानें भी संचालित है, जहां पर्याप्त बिक्री नहीं होती। लेकिन कर्मचारी व परिवहन खर्च अन्य दुकानों के बराबर है। खर्च कम करने शहर की कुछ अंग्रेजी शराब दुकानों को मर्ज कर एक निश्चित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा।
शिफ्टिंग के लिए विचार जारी है। कलेक्टर ने बताया कि शराब दुकानों के समय परिवर्तन के लिए कलेक्टर को अधिकार दिया गया है, लेकिन आदेश नहीं पहुंचा है। वर्तमान में संचालित सभी शराब दुकानें दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक ही दुकान खुली रहेगी।