स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अक्सर होमवर्क को लेकर लापरवाही करते हैं दोस्तों के साथ खेलने कूदने में वो अपना होमवर्क करना भूल जाते हैं जिसके बदले उन्हें टीचर से सजा भी मिलती है। हम में से भी बहुत से होंगे जिनको होमवर्क ना करने की वजह से टीजर से सजा मिली होगी। पढ़ाई ना करने पर टीचर द्वारा सजा देना कोई गलत बात नहीं है भारत के लगभग सभी स्कूलों में बच्चों को स्कूल के दौरान सजा मिलती है लेकिन यहीं सजा अगर हद से ज्यादा दी जाए तो उसे सजा नहीं बल्कि अपराध माना जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही टीचर के बारे में बता रहे हैं जिसने होमवर्क पूरा ना करने पर अपनी क्लास की एक छात्रा को ऐसी बेरहम सजा दी जिसको सुनकर आपको भी शर्म आ जाएगी।
दरअसल, मध्य प्रदेश में झाबुआ के जवाहर नवोदय विद्यालय थांदला में टीचर द्वारा एक छात्रा को सजा देने का एक नया मामला सामने आया है। इस स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाली अनुष्का को होमवर्क न करने पर टीचर ने उसी की कक्षा की 14 छात्राओं से कहा कि सब उसे दो दो थप्पड़ मारे। हैरानी की बात तो यह हैै कि टीचर ने ऐसा एक दिन नहीं बल्कि लगातार छह दिन तक किया। छह दिनों तक कुल मिलाकर 168 थप्पड़ खाने के बाद लड़की के मन में काफी डर बैठ गया और स्कूूल जाने से डर लगने लगा। ऐसी सजा से लड़की मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से काफी दहशत में थी। इस सारे मामले के बारे में लड़की ने जब अपने पिता को बताया तो लड़की के पिता गुस्से में सीधा स्कूूल जा पहुंचे और स्कूल प्रिंसिपल से इस मामले की शिकायत की।
लड़की के पिता शिव प्रताप सिंह ने इस बात की प्रिंसिपल से लिखित शिकायत की है। छात्रा के पिता ने कहा है कि टीचर द्वारा ऐसी सजा देना बेहद गलत है। छात्रा के पिता ने बताया कि पिछले दिनों वह बीमार हो गई थी जिसके कारण ऐसी स्थिति में वह अपना होमवर्क पूरा नहीं कर पाई। उनके पास अस्पताल में कराए गए उसके इलाज की स्लिप भी हैं। स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार होने परिजनों ने लड़की को स्कूल भेजना चाहा पर वह स्कूल जाने को राजी नहीं थी। बहला फुसलाकर छात्रा की मां 10 जनवरी को उसे स्कूल छोड़ने गई। स्कूल में साइंस के अध्यापक ने होमवर्क पूरा न करने पर उसे सजा दी। शिक्षक के कहने पर कक्षा की 14 छात्राओं ने 11 जनवरी से प्रतिदिन दो-दो थप्पड़ लगाने शुरू कर दिए और यह सिलसिला 16 जनवरी तक चला।
छात्रा के पिता ने जब जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल से इस मामले की शिकायत की तो उन्होंने भी काफी हैरान कर देने वाली बात कही। स्कूल प्रिंसिपल ने मामले को गंभीरता से ना लेते हुए सजा को सामान्य बताया और इस मामले को दबाने की कोशिश करते नजर आए। उन्होंने कहा यह काफी फ्रेंडली सजा है जो स्कूल में दी जाती है। लेकिन लड़की के पिता प्रिंसिपल की इस बात से सहमत नहीं हुए और चेतावनी दी कि ऐसा दुबारा नहीं होना चाहिए।