राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register, NPR 2020) के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की आज शुक्रवार को अहम बैठक बुलाई है। इसमें NPR के तौर तरीकों पर चर्चा होगी। बैठक में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और जनगणना निदेशकों को बुलाया गया है। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय मौजूद होंगे जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही साफ कर चुकी हैं कि बैठक में उनके राज्य का कोई भी प्रतिनिधि भाग नहीं लेगा।
वैसे इस बैठक में शामिल होने के लिए बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने सहमति दे दी है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारिक सूत्र ने बताया कि बैठक के दौरान जनगणना के पहले चरण में मकानों की गणना और इसके साथ एनपीआर के लिए आंकड़े जुटाने के तौर तरीकों पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों की मानें तो बैठक में जनगणना और एनपीआर के आंकड़े जुटाने के लिए सभी राज्यों के लिए टाइम लाइन तय की जाएगी।
गौरतलब है कि एनपीआर और जनगणना के लिए फंड की मंजूरी देते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में कहा गया था कि एनपीआर के दौरान कोई बायोमेट्रिक नहीं ली जाएगी और न ही कोई दस्तावेज मांगा जाएगा। यहां बता दें कि साल 2010 में जुटाए गए एनपीआर के आंकड़ों के दौरान लोगों का बायोमेट्रिक भी लिया गया था। उस दौरान कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार थी और उस समय दस्तावेज भी मांगे गए थे।
जनगणना और एनपीआर के आंकड़े जुटाने के लिए एक अप्रैल से 30 सितंबर तक का समय है। चूंकि इन आंकड़ों को जुटाने में 40-45 दिन का समय लगता है। इसलिए राज्य आंकड़े जुटाने के लिए एक अप्रैल से 30 सितंबर के बीच कोई भी 40-45 दिन का समय तय कर सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से यह भी कहा जाएगा कि आंकड़े जुटाने के दौरान किसी पर भी कोई दस्तावेज दिखाने का दबाव नहीं डाला जाए। आंकड़े लेने के दौरान जनगणना कर्मी लोगों को समझाएंगे कि इससे उन्हें सरकार की लाभकारी योजनाओं का फायदा कैसे मिलेगा।