दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में दाखिल मरीजों के तीमारदारों को अब आईसीयू के बाहर रुकने में परेशानी नहीं होगी। इसके लिए बकायदा एम्स प्रशासन ने पिछले हफ्ते एक आदेश जारी कर तीमारदारों (अटेंडेंट्स) के आईसीयू से बाहर रहने और अपने मरीजों की सेहत की जानकारी के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब देश के सभी एम्स और उनके जैसे केंद्रीय अस्पतालों में आईसीयू के बाहर मरीजों के परिजनों की सुविधा के लिए दिल्ली एम्स जैसी सुविधाओं को शुरू करने के लिए कहा है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की एक बैठक हुई।
दिल्ली एम्स स्थित आईसीयू के बाहर मरीजों को होने वाली समस्याओं से संबंध में एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन लगातार अस्पताल प्रशासन से सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कह रहा था। एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉक्टर विनय कहते हैं कि आईसीयू के बाहर मरीजों के परिजनों के बैठने से लेकर उनके रहने और मरीज का हाल-चाल जानने तक में समस्याएं होती थीं। इसे लेकर तीमारदारों के व्यवस्थित तरीके से आईसीयू के बाहर रहने और उनको बेहतर सुविधा मिले, इसके लिए वह लगातार एम्स प्रशासन से गुजारिश कर रहे थे। बीते सप्ताह एम्स डायरेक्टर ने आईसीयू के बाहर बेहतर सुविधाओं को सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ देश के सभी एम्स के निदेशक और प्रशासनिक अधिकारियों की एक अहम बैठक भी आयोजित की गई। इस बैठक में अस्पतालों में बेहतर इलाज के साथ-साथ मरीजों और तीमारदारों की सुविधाओं के संबंध में विषय निर्देश जारी किए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक जिन अस्पतालों में नए विभागों को शुरू किया जाना है, उनके बारे में भी चर्चा की गई। इसके अलावा अस्पतालों में दिल्ली एम्स की तर्ज पर आईसीयू के बाहर मरीजों के तीमारदारों के लिए व्यवस्थित उपाय किए जाने के लिए भी निर्देशित किया गया। दरअसल देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए एम्स में अभी भी कई विभागों की शुरुआत होनी है। इसके अलावा विभागों में चिकित्सकीय सेवाओं का विस्तार भी किया जाना है।
दिल्ली एम्स ने अपने आदेश में कहा कि एम्स के सभी आईसीयू से जुड़े प्रतीक्षा क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इन प्रतीक्षा क्षेत्र को वातानुकूलित बनाया जाएगा। बेसिक अटेंडेंट को कुर्सी कम बेड की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इसके अलावा मरीजों और तीमारदारों के सामान के लिए लॉकर, पीने के पानी की सुविधा समेत नहाने के लिए विशेष क्षेत्र और महिला, पुरुष शौचालय के अलावा मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट और फोन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को मुताबिक इन्ही सुविधाओं के साथ-साथ के अलग-अलग एम्स में भी मरीज और तीमारदारों के लिए इस तरीके की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।