हरियाणा के हिसार में टिकट की वजह से बीजेपी में घमासान तेज हो गया है। पूर्व CM भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई और उनके विधायक पुत्र भव्य बिश्नोई टिकट कटने से नाराज होकर घर बैठे हैं। लोकसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट रणजीत चौटाला के प्रचार से आदमपुर से भाजपा विधायक भव्य बिश्नोई ने किनारा कर लिया है। हिसार भाजपा के सोशल मीडिया अकाउंट से रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने के लिए भव्य बिश्नोई का शेड्यूल जारी किया गया था। तय शेड्यूल के अनुसार शनिवार को भव्य बिश्नोई चौटाला के समर्थन में प्रचार के लिए नहीं पहुंचे।
बता दें कि 24 मार्च को रानिया से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला बीजेपी में शामिल हो गए थे और कुछ ही घंटों बाद पार्टी ने उन्हें हिसार संसदीय सीट से टिकट दे दिया। अन्य दावेदार हिसार के पूर्व सांसद कुलदीप और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु पार्टी द्वारा चौटाला को हिसार से मैदान में उतारने और उनके नामों को नजरअंदाज करने से नाराज थे। दो बार के विधायक रणजीत पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के छोटे भाई हैं।तब से पूर्व सांसद जिले में किसी भी भाजपा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं और उनका बेटा कुछ समय के लिए तब दिखाई दिया था, जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उनके पूर्ववर्ती मनोहर लाल खट्टर ने हिसार में लोकसभा कार्यालय का उद्घाटन किया था।
गौर रहे कि 20 अप्रैल को जब चौटाला ने आदमपुर निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया तो भव्य उपस्थित नहीं हुए थे। गोपी राम धर्मशाला में सभा को संबोधित करते हुए रणजीत चौटाला ने कहा कि “किसी को भी इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि पार्टी उनके (कुलदीप का जिक्र करते हुए) बिना कुछ नहीं कर सकती।” “मैंने कुलदीप से दो बार फोन पर बात की थी और उन्होंने मुझे समर्थन का आश्वासन दिया था। मैं उन लोगों का मित्र हूं, जो मुझे मित्र मानते हैं और इसका विपरीत भी। चौटाला ने कहा कि पार्टी में हर कोई कार्यकर्ता है, मैं पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने वालों के बारे में आलाकमान को अवगत कराऊंगा।
2019 लोकसभा चुनाव में आदमपुर से पिछड़ गए थे भव्य
भजनलाल परिवार को भाजपा के सहारे की जरूरत तब महसूस हुई, जब 2019 के लोकसभा चुनाव में भव्य बिश्नोई आदमपुर हलके से पिछड़ गए। हिसार लोकसभा में हिसार, हांसी, उकलाना, बरवाला, नारनौंद, आदमपुर, उचाना और बवानीखेड़ा विधानसभा क्षेत्र आते हैं। भव्य बिश्नोई हर विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी से पिछड़ गए थे, यहां तक कि उनको आदमपुर से भी निराशा हाथ लगी।