जीएसटी को लेकर फिल्मों के शौकीन भी परेशान हैं कि इसके बाद मूवी देखने के बाद उनकी जेब कितनी कटेगी. जहां बॉलीवुड फिल्में बनाने में लागत बढ़ने की बात से परेशान है, वहीं बॉलीवुड फैन्स को टेंशन है कि फेवरेट एक्टर की फिल्म देखने के लिए उनको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी.
बताया जा रहा है कि किसी फिल्म की 100 रुपये या उससे कम की टिकट पर 18 प्रतिशत टैक्स पड़ेगा. जबकि इससे ज्यादा कीमत होने पर 28 प्रतिशत टैक्स भरना होगा. ऐसे में डिस्ट्रिब्यूटर्स का मानना है कि सिंगल थियेटर पर GST का असरमल्टीप्लेक्स के मुकाबले कम होगा.
क्या लौटेंगे सिंगल स्क्रीन के अच्छे दिन
दरअसल, 100 रुपये का टिकट रेट फिलहाल सिंगल स्क्रीन पर मिल सकता है. ऐसे में अगर यहां की टिकट के दाम GST लगने के बाद कम रहते हैं तो सिंगल स्क्रीन सिनेता पर फिल्म देखने वालों की भीड़ लौट सकती है. वैसे भी पिछले कुछ दिनों में कई सिंगल स्क्रीन थिएटर बंद हुए हैं. इनमें दिल्ली का मशहूर रीगल सिनेमा भी शामिल है.
बता दें कि GST के तहत सरकार ने फिल्म टिकट को सबसे ज्यादा, 28 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब में डाला है. थिएटर में फिल्म देखने को एक तरह से फाइव स्टार होटल में खाने से ज्यादा लग्जरी लाइफस्टाइल का हिस्सा माना गया है. फाइव स्टार में खाना खाने को GST के 18 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब में रखा गया है.
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रीजनल सिनेमा पर गिर सकती है गाज
कयास लगाए जा रहे हैं कि GST का असर बॉलीवुड से ज्यादा क्षेत्रीय फिल्मों पर पड़ेगा. दरअसल इन फिल्मों पर एंटरटेनमेंट टैक्स कम लगता है. कन्नड़ फिल्मों पर तो एंटरटेनमेंट टैक्स लगाया ही नहीं जाता है. लेकिन अब इन पर GST लगने से टिकट के दाम बढ़ जाएंगे जिनके चलते कम दर्शक इन फिल्मों को देखने सिनेमाहॉल पहुंचेंगे.
एक इवेंट में एक्टर कमल हासन ने इस बारे में सरकार पर भी उंगली उठाई थी. उनका कहना था- इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर रीजनल सिनेमा ही अवॉर्ड जीतकर लाता है. ऐसे में सरकार ने इन फिल्मों को बॉलीवुड की हाई बजट फिल्मों के साथ हाई रेट टैक्स स्लैब में रखकर सही नहीं किया है.
बढ़ सकता है पायरेसी रेट
फिल्में बनाने में भले ही भारत सबसे आगे है. लेकिन यहां फिल्म इंडस्ट्री के हालात अच्छे नहीं हैं. जिस तरह का बजट है, उस तरीके से फिल्में कमाई नहीं कर रही हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है पायरेसी.
दंगल हो या बाहुबली-2, तमाम फिल्में रिलीज के साथ ही इंटरनेट पर आ जाती हैं. इससे फिल्मों की कमाई को खासा नुकसान पहुंचता है. ऐसे में अगर GST से बढ़े रेट दर्शकों की ज्यादा जेब काटने लगे तो पायरेसी की डिमांड और होगी. इसके लिए इंडस्ट्री के साथ ही सरकार को भी अभी से अलर्ट होने की जरुरत है.