2. राज्य और केंद्र, दोनों मिलकर सामान और सेवाओं पर टैक्स लगाएंगे। इससे देश भर में वस्तुओं के दाम कम होंगे और कीमतों में समानता आएगी। अरुण जेटली के अनुसार इससे आम जनता पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। इसके अलावा तंबाकू, शराब आदि जैसे सेहत पर खराब असर डालने वाले सामानों और लग्जरी चीजों पर टैक्स बढ़ाया गया है.
3. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के कई टैक्स रेट होना सही है। अब हवाई चप्पल और बीएमडब्ल्यू पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता। संसद और राज्यों की विधानसभाओं को गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा।
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4. जीएसटी काउंसिल में 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। संविधान संशोधन के तहत जीएसटी के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा, तो उसकी व्यवस्था की जाएगी। टैक्स को लेकर अगर दो राज्यों में विवाद होता है, तो आम सहमति से फैसला लिया जाएगा। जम्मू एवं कश्मीर राज्य को जीएसटी कानून के दायरे में नहीं लाया गया है।
5. जीएसटी लागू होने से टैक्स में चोरी आसान नहीं होगी। अप्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।
6. जीएसटी के लागू होने के बाद देश भर में गुड्स एवं सर्विसेज की मूवमेंट आसान होगी। एक स्थान से दूसरे स्थान में सामान और सेवाओं के शुल्क में ज्यादा फर्क नहीं होगा।
7. जीएसटी के लागू होने से आपूर्ति क्षमता बेहतर होगी।
8. इस नई कर व्यवस्था से एकरूपता आएगी, जो ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। जीएसटी से ऑनलाइन लेनदेन बढ़ेगा और इससे कर देने वालों का दायरा बढ़ेगा। इसका ईमानदार करदाताओं को फायदा मिलेगा।
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9. विश्व बैंक के एक शोध के अनुसार जीएसटी लागू होने से GDP में 2% का इजाफा होगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
10. वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार, सरकार ने 0%, 5%, 12%, 18% और 28% के टैक्स स्लैब रखे हैं। खाने-पीने की अहम चीजों पर 0% टैक्स, जबकि नुकसानदेह या लग्जरी चीज़ों पर अधिक टैक्स रखा गया है।