मिलान। कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए तमाम देशों की सरकारे लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन मुहैया करने की कोशिश में जुटी हुई हैं। इटली अपने लोगों को जनवरी से कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाना शुरू कर देगा। कोरोना वायरस आपातकाल के लिए इटली के विशेष अयुक्त ने बताया कि जो लोग वैक्सीन लगावाना चाहते हैं उन सभी लोगों को अगले साल सितंबर तक इसकी डोज मिल जाएगी। वहीं, भारत में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की कोरोना वैक्सीन अगले साल फरवरी से उपलब्ध होगी।
विशेष आयुक्त डोमेनिको अर्कुरी ने कहा कि यूरोपीय संघ के खरीद कार्यक्रम के माध्यम से जनवरी के मध्य तक फाइजर वैक्सीन की 3.4 मिलियन (34 लाख) खुराक मिल जाएगी, जो इटली के 6 कोरोड़ लोगों में से 16 लाख लोगों को वैक्सीन की दो खुराक देने के लिए प्रयाप्त है। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग लोगों और ज्यादा जोखिम वाले व्यक्तियों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
अर्कुरी ने कहा, ‘हम नहीं जानते हैं कि कितने लोग वैक्सीन लगवाना चाहते हैं, लेकिन हमारी आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से को साल की पहली छमाही में या तीसरे तिमाही के अंत तक किसी भी कीमत पर टीका लगा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर सरकार संसद को सूचित करेगी जिसमें विभिन्न श्रेणियों के नागरिकों को खुराक दी जानी है।
47 हजार से अधिक लोगों की मौत-
इटली में वैक्सीन लगाने के लिए आवश्यक सीरिंज और सुइयों के लिए शुक्रवार को बोली प्रक्रिया खोलने की योजना बनाई गई है। वैक्सीन लगाने के लिए तीन प्रकार की सीरिंज और कम से कम छह प्रकार की सुइयों की आवश्यकता होती है। ब्रिटेन के बाद यूरोप में इटली में कोरोना महामारी की वजह से 47,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकि है।
भारत में फरवरी तक वैक्सीन-
वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ ने कहा कि कोरोना वैक्सीन अगले साल फरवरी से उपलब्ध होगी। वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बुजुर्ग लोगों को लगाई जाएगी। आम लोगों के लिए इसे अप्रैल से उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संभवत: 2024 तक सभी भारतीयों का टीकाकरण कर दिया जाएगा। हर भारतीय को वैक्सीन उपलब्ध कराने में दो से तीन साल का समय लगेगा। इसका कारण सिर्फ आपूर्ति संबंधी बाध्यताएं नहीं हैं।