पुलिस मुठभेड़ में 10 जुलाई को मारे गए उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने एक महीने में एक करोड़ रुपये कमाए। यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने दी।
ईडी ने कहा कि दुबे एक सामान्य जिंदगी जीता था। उसे भव्य जीवनशैली में जीना अच्छा नहीं लगता था। इसी वजह से जांच एजेंसी को उसके पैसे का पता लगाने में काफी परेशानी हो रही है।
गैंगस्टर सामान्य कपड़े पहना करता था और उसके बैंक अकाउंट में भी बहुत ज्यादा पैसा नहीं है। ईडी अब दुबे के करीबी सहयोगियों और कुछ अन्य के बैंक खातों की जांच कर रहा है।
ईडी के सूत्रों के अनुसार, दुबे ने 90 लाख और 1.20 करोड़ रुपये के लगभग पैसे कमाए थे। लेकिन उसने कभी भी विदेश यात्राओं पर पैसे खर्च नहीं किए और न ही महंगा सामान खरीदा।
रिपोर्ट के अनुसार ईडी उन मूक निवेशकों का भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है, जो दुबे के फंड का प्रबंधन करते थे। सूत्रों का कहना है कि उन लोगों की सूची तैयार की जा रही है, जिनमें कारोबारी भी शामिल हैं, जो गैंगस्टर के करीबी थे।
दुबे उस मामले में मुख्य अभियुक्त था जिसमें तीन जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ये सभी पुलिसकर्मी उस टीम का हिस्सा थे जो दुबे को अपहरण और हत्या के प्रयास मामले की शिकायत मिलने पर उसे गिरफ्तार करने के लिए पहुंचे थे।
पुलिसवालों को गोली मारने के बाद गैंगस्टर घटनास्थल से फरार हो गया था और पांच दिनों तक पुलिस से बचता रहा। आखिरकार नौ जुलाई को उसे मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया था। जो उसे सड़क मार्ग के जरिए कानपुर ला रही थी।
पुलिस ने अनुसार, 10 जुलाई की सुबह कानपुर के नजदीक बारिश के कारण पुलिस की गाड़ी पलट गई। मौके का फायदा उठाकर दुबे ने पुलिसकर्मी की बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की। उसे चेतावनी दी गई लेकिन वह नहीं रुका और उसने पुलिस पर गोली चलाई। जवाबी कार्रवाई में उसकी मौत हो गई।