बीजिंग। चीन 2027 तक सैन्य शक्ति में अमेरिका की बराबरी करने के लिए तेजी से प्रयास कर रहा है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ओर से जारी दिशानिर्देशों वाली पुस्तिका में सैन्य अधिकारियों को अत्याधुनिक तकनीक के जरिये क्षमता ब़़ढाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि अगर सेना को आधुनिक ल़़डाकू बल के रूप में विकसित होना है तो आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस जैसे तरीकों से उसे खुद में बदलाव लाना होगा।
यह पुस्तिका इसी महीने सरकारी पीपुल्स पब्लिशिंग हाउस ने प्रकाशित की है। इसमें देश के विकास की पंचवषर्षीय योजना के बारे में भी बताया गया है। राष्ट्रपति चिनफिंग ने चीन की 20 लाख सैनिकों वाली सेना के आधुनिकीकरण की कई साल पहले से मुहिम छेड़ रखी है। इसके चलते थलसेना में करीब तीन लाख सैनिक कम किए गए हैं और इलीट फोर्स विकसित की गई है।
इस इलीट फोर्स में अमेरिका के मरीन कमांडो जैसे कमांडो तैयार करने की कोशिश हो रही है। 67 वषर्षीय चिनफिंग के पास राष्ट्रपति के साथ ही चीन की सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख और सेंट्रल मिलिटरी कमीशन के चेयरमैन के पद भी हैं। उन्हें चीनी क्रांति के नेता माओ त्से तुंग के बाद सबसे ताकतवर नेता माना जा रहा है।
घोषित तौर पर चीन का रक्षा बजट 179 अरब डॉलर ([13.38 लाख करो़़ड रपये)] का है, जो अमेरिका के 732 अरब डॉलर ([54.72 लाख करोड़ रपये)] के रक्षा बजट के बाद सुरक्षा पर दुनिया में दूसरे नंबर पर खर्च होने वाली वाषिर्षक धनराशि है। लेकिन स्टॉकहोम पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक चीन ने 2019 में अपने रक्षा बजट से परे जाते हुए सैन्य विस्तार में 232 अरब डॉलर खर्च किए थे।
हाल में हुए कम्युनिस्ट पार्टी के वाषिर्षक अधिवेशन में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी [(पीएलए)] को 2027 तक अमेरिकी सेना के समान आधुनिक स्वरूप देने और ताकतवर बनाने का संकल्प लिया गया था। राष्ट्रपति चिनफिंग की ओर से जारी पुस्तिका में इस संकल्प को पूरा करने के तरीके बताए गए हैं।