मध्यप्रदेश

इंदौर में बूंदाबूंदी ने खोली बिजली व्यवस्था की पोल, 50 कॉलोनियों के रहवासी परेशान

शहर की बिजली व्यवस्था कितनी दुस्र्स्त है इसकी पोल बरसात की शुरुआती बूंदाबांदी ने ही खोल कर रख दी। महालक्ष्मी नगर जोन और राऊ इलाके की 50 से ज्यादा कॉलोनियों में पिछले दो-तीन दिनों से बिजली लुका-छिपी का खेल खेल …

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डकैत बबली गैंग की तलाश में जंगल में गया जवान लापता

डकैत बबली गैंग के जंगल में होने की सूचना पर कॉम्बिंग में गया एस एफ का जवान लापता हो गया है। लापता जवान का नाम सचिन पाण्डेय बताया जा रहा है और वह बगदरा घाटी पोस्ट पर तैनात था। जवान …

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सिवनी में किडनी चोर गिरोह की दहशत, बच्चों को स्कूल तक भेजना किया बंद

एक पखवाड़े से बालाघाट जिले में किडनी चोर गिरोह की अफवाह से दहशत फैली हुई है। अब इसका असर पड़ोसी जिले में भी दिखने लगा है। इससे ग्रामीण सहमे हुए हैं। बालाघाट से लगे सिवनी जिले के बरघाट और कुरई …

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बहुत खास है मोहनपुरा डैम, जिसका आज लोकार्पण करेंगे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मप्र के राजगढ़ जिले में मोहनपुरा डेम का लोकार्पण करेंगे। मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की मुख्य उपलब्धि तो यह है कि कि इसे समय सीमा से पहले ही पूरा कर लिया गया। इस डैम का निर्माण …

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यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पी.सी.गुप्ता पीतांबरा पीठ से निकलते ही गिरफ्तार

126 करोड़ के घोटाले के आरोपी वाले यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पी.सी.गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुप्ता को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह पीतांबरा पीठ के दर्शन कर लौट रहे थे। उस वक्त उनके साथ उनकी पत्नी भी थी। पूर्व सीईओ पी.सी.गुप्ता जैसे ही मंदिर से बाहर निकले सादी वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनको हिरासत में ले लिया और गौतमबुद्धनगर के लिए रवाना हो गए। पीसी गुप्ता पर आरोप है कि उसने यमुना प्राधिकरण का सीईओ रहते हुए भाई, भतीजे और करीबी रिश्तेदारों के नाम मथुरा में किसानों से सस्ती दर पर मास्टर प्लान से बाहर जाकर जमीन खरीदवाई और दो माह के अंतराल में ही उस जमीन को प्राधिकरण ने खरीद लिया। प्राधिकरण ने यह जमीन मथुरा क्षेत्र मादौर, सेऊपट्टी खादर, सेऊपट्टी बांगर, कोलाना बांगर, कोलाना खादर, सोतीपुर बांगर, नौहझील बांगर में रैंप बनाने व किसानों को सात फीसद भूखंड देने के नाम पर खरीदी थी। इस पर करीब 86 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ब्याज समेत यह राशि बढ़कर 126 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि यह जमीन एक्सप्रेस से काफी दूर थी, इसलिए न तो इस जमीन पर रैंप का निर्माण हो सका और न ही किसानों को विकसित भूखंड दिए जा सके। यह जमीन एक साथ न होकर जगह-जगह टुकड़ों में बंटी थी।

126 करोड़ के घोटाले के आरोपी वाले यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पी.सी.गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुप्ता को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह पीतांबरा पीठ के दर्शन कर लौट रहे थे। उस वक्त उनके साथ …

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‘एक क्लिक’ से मप्र को इतनी सौगातें दे रहे PM मोदी,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मप्र के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के दौरान राजगढ़ के दौरे के बाद इंदौर पहुंच रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी पूरे मध्यप्रदेश के अलग-अलग अंचल को 'एक क्लिक' से कई सौगातें दे रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने राजगढ़ जिले में 3800 करोड़ रुपए की लागत से मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना का लोकार्पण किया। इसके बाद मप्र में 14 साल बाद फिर से राज्य सड़क परिवहन निगम के बस सेवा का शुभारंभ करेंगे। फिलहाल मप्र के 20 शहरों में 1600 बजे शुरू की जा रही है। पहले चरण में 127 बसें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, गुना और भिंड शुरू होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने कटनी में 35 करोड़ की लागत से बनने वाले इंट्रीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट का भी ई-शुभारंभ करेंगे। वहीं स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 5 स्मार्ट सिटी इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में 278.36 करोड़ की लागत से 23 कार्यों का लोकार्पण करेंगे। मप्र दौरे में प्रधानमंत्री ने प्रदेश के 10 नगरीय क्षेत्रों में 10 पार्क का ई-लोकार्पण किया, जिसकी लागत 8.31 करोड़ रुपए है। साथ ही 2.11 करोड़ की लागत से निर्मित छतरपुर-बिजावर रोड का भी लोकार्पण करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने पीएम आवास योजना से लाभ लेकर घर बनाने वाले करीब 1 लाख 219 परिवारों का गृहप्रवेश कराएंगे। इसकी लागत 4063 करोड़ रुपए है। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल के तहत 14 नगरीय क्षेत्रों की पेयजल योजनाओं का शुभारंभ करेंगे, इसकी लागत 227.78 करोड़ रुपए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मप्र के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के दौरान राजगढ़ के दौरे के बाद इंदौर पहुंच रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी पूरे मध्यप्रदेश के अलग-अलग अंचल को ‘एक क्लिक’ से …

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खंडवा जिले के सिंगाजी में लगेगा MP का पहला डी-सल्फेराइजेशन सिस्टम

थर्मल पॉवर की चिमनी से निकलने वाली हानिकारक सल्फर डाईआक्साइड गैस की मात्रा को कम करने के लिए बिजली कंपनी खंडवा जिले के सिंगाजी थर्मल पॉवर में पहला एफजीडी (फ्लू गैस-डी-सल्फेराइजेशन सिस्टम) लगाने जा रही है। करीब 562 करोड़ की लागत से लगने वाले इस संयंत्र को लगाने का काम जून 2021 से सितम्बर के बीच पूरा होने की संभावना है। प्रदेश के ताप विद्युत गृहों से निकलने वाली हानिकारक गैस सल्फर डाइ-आक्साइड से पर्यावरण को होने वाले नुकसान और प्रदूषण को रोकने के लिए मध्यप्रदेश विद्युत जनरेशन कंपनी ने सभी ताप विद्युत ग्रहों में एफजीडी लगाने का निर्णय लिया है। यह काम 2025 तक पूरे प्रदेश में किया जाना है जिसकी शुरुआत सिंगाजी थर्मल पॉवर में शुरू होने वाली 660-660 मेगावॉट की यूनिट क्रमांक 3 व 4 से हो रही है। इससे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 7 दिसंबर 2015 को जारी अधिसूचना में ताप विद्युत गृहों को सल्फर डाइ-आक्साइड के उत्सर्जन को निर्धारित मापदंड 100 एमजी/एनएम के भीतर रखने के निर्देश दिए हैं। जुलाई से आरंभ होंगी दोनों परियोजना पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा की दूसरे चरण की 660-660 मेगावाट स्थापित क्षमता की इकाई क्रमांक तीन व चार क्रमश: इस वर्ष जुलाई एवं अक्टूबर माह में आरंभ की जाएंगी। एफजीडी के लिए ग्लोबल टेंडर जारी उक्त दोनों इकाइयों में फ्लू गैस डी-सल्फेराइजेशन सिस्टम (एफजीडी) की स्थापना के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया गया है। टेंडर की अनुमानित लागत लगभग 562 करोड़ रुपए है। ट्रेक्टबेल इंजीनियरिंग को इस कार्य के लिए परियोजना सलाहकार नियुक्त किया गया है। दूसरे ताप विद्युत गृहों में भी लगेगी पावर जनेरटिंग कंपनी के संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंगपुर, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी, अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खंडवा के प्रथम चरण में निर्मित इकाई क्रमांक एक व दो में भी फ्लू गैस डी-सल्फेराइजेशन सिस्ट्म स्थापित किए जाएंगे।

थर्मल पॉवर की चिमनी से निकलने वाली हानिकारक सल्फर डाईआक्साइड गैस की मात्रा को कम करने के लिए बिजली कंपनी खंडवा जिले के सिंगाजी थर्मल पॉवर में पहला एफजीडी (फ्लू गैस-डी-सल्फेराइजेशन सिस्टम) लगाने जा रही है। करीब 562 करोड़ की …

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इंदौर में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए 1400 बसों का अधिग्रहण

इंदौर में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में लोगों को लाने के लिए परिवहन विभाग ने 1400 बसों का अधिग्रहण किया है। यह बसें तीन संभागों के नगरीय निकायों से लोगों को लेकर इंदौर जाएंगी। नेहरू स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम में लगभग 75 हजार लोगों के मौजूद रहने की संभावना है। यहां प्रधानमंत्री मप्र के 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्धाटन करेंगे। साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में इंदौर और भोपाल को पहले व दूसरे नंबर पर आने के लिए पुरस्कृत भी करेंगे। नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए परिवहन विभाग ने 1400 बसों का अधिग्रहण किया है। सभी बसें 23 जून को सुबह इंदौर पहुंचेंगी। सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम के लिए बसें जुटाने में परिवहन विभाग को काफी मशक्कत करना पड़ी, क्योंकि पिछले कुछ कार्यक्रमों के भुगतान में दिक्कतें आने की वजह से प्राइवेट बस संचालकों ने बसें देने से इनकार कर दिया था। 12 शहर होंगे पुरस्कृत कार्यक्रम के दौरान मोदी देश के चार हजार से ज्यादा नगरीय निकायों में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में टॉप 12 शहरों को पुरस्कृत करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की विस्तृत रिपोर्ट का भी विमोचन करेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों जारी परिणाम में विभिन्न् श्रेणियों में टॉप 3 शहरों की जानकारी ही दी गई थी। इसके अलावा मप्र के 20 शहरों में संचालित होने वाली नगरीय बस सेवा 'सूत्र सेवा" का भी उद्धाटन करेंगे। इसके बाद केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह सूरी ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में अन्य नगरीय निकायों को पुरस्कार बांटेंगे। प्रधानमंत्री ऑर्गेनिक अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था की एक पॉलिसी भी जारी करेंगे। 127 बसों को हरी झंडी दिखाएंगे प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री इंदौर दौरे के दौरान मप्र की नगरीय बस 'सूत्र सेवा" का उद्धाटन करेंगे। सूत्र सेवा की शुरुआत के पहले चरण में प्रधानमंत्री 127 बसों को हरी झंडी दिखाएंगे। यह बसें 4 नगर निगम और 2 नगर पालिका क्षेत्रों में चलेगी। मप्र में सूत्र सेवा के तहत कुल 700 बसें चलेंगी। अगले चरणों में 16 नगर निगम व 4 नगर पालिकाओं तक ये बसें पहुंचेगी।

इंदौर में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में लोगों को लाने के लिए परिवहन विभाग ने 1400 बसों का अधिग्रहण किया है। यह बसें तीन संभागों के नगरीय निकायों से लोगों को लेकर इंदौर जाएंगी। नेहरू स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम में …

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बैतूल : केमिकल से भरा टैंकर पलटा, हुआ विस्फोट, चालक की मौत, 2 घायल

बैतूल के मुलताई क्षेत्र में केमिकल से भरे एक टैंकर में पलटी खाने के बाद विस्फोट हो गया। घटना में टैंकर चालक की मौत हो गई जबकि 2 अन्य घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक मुलताई में केमिकल से भरा टैंकर पलटी खा गया। घटना तड़के हुई। पलटी खाने के बाद टैंकर में ब्लास्ट हो गया। इससे टैंकर चालक की मौत हो गई। जबकि दो अन्य लोग विस्फोट में घायल हो गए। ये टैंकर नागदा से लिक्विड फोम के रूप में कास्टिक सोडा भरकर गंतव्य के लिए निकला था। सुबह करीब 5 बजे मुलताई-छिंदवाड़ा रोड पर घाटपिपरिया के पास टैंकर अनियंत्रित होकर पलट गया। पलटने के बाद टैंकर मुख्य सड़क से करीब 25 फीट दूर तक घिसटता चला गया। इसके बाद टैंकर में विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना तीव्र था कि टैंकर के जिस पिछले हिस्से में केमिकल भरा था उसके परखच्चे उड़ गए और टैंकर का स्टोरेज टैंक उड़कर गाड़ी से अलग हो गया। हादसे में टैंकर ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि टैंकर में मौजूद 2 अन्य कर्मचारी बुरी तरह जख्मी हो गए हैं। स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है।

बैतूल के मुलताई क्षेत्र में केमिकल से भरे एक टैंकर में पलटी खाने के बाद विस्फोट हो गया। घटना में टैंकर चालक की मौत हो गई जबकि 2 अन्य घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक मुलताई में केमिकल से भरा …

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भय्यू महाराज मामला , विवादित जमीन के सौदागर भी थे सेवादार!

भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) आत्महत्या केस में नई जानकारी सामने आई है। जो सेवादार, कंस्ट्रक्शन व्यवसायी महाराज को बार-बार कॉल कर रहे थे उनकी भूमिका संदिग्ध है। कुछ पर जमीन और स्टांप हेराफेरी का शक है, जिसकी डीजीपी द्वारा गोपनीय जांच करवाई जा रही है। 50 वर्षीय भय्यू महाराज की आत्महत्या के पीछे पुलिस ने भले ही पारिवारिक कलह बताई हो लेकिन पर्दे के पीछे कुछ और ही कथा छुपी हुई है। जानकार बताते हैं कि भय्यू महाराज के कुछ करीबी रियल इस्टेट और जमीनों की खरीद-फरोख्त करने लगे थे। वे उनसे जुड़े बड़े कारोबारियों को भी विवादित जमीनों को सस्ती बताकर सौदा करवा देते थे। कुछ समय पूर्व उनके कहने पर मुंबई की चिटफंड कारोबारी (महिला) ने भी बैतूल में करोड़ों रुपए कीमती जमीन खरीदी थी। बताते हैं कि सौदे में कंस्ट्रक्शन व्यवसायी मनमीतसिंह अरोरा (सिल्वर स्प्रिंग), सेवादार अमोल चौहान (पुणे) आदि की अहम भूमिका रही है। महिला का आरोप है कि इस जमीन की रजिस्ट्री में स्टांप की हेराफेरी की गई। जैसे ही महिला कारोबारी को इसका पता चला उसने कर्मचारी विलास आर. रासम निवासी कल्पना हनुमान मंदिर के पास सोपरा गांव ठाणे (महाराष्ट्र) के जरिए सभी के खिलाफ डीपीजी ऋषिकुमार शुक्ला को शिकायत करवा दी। शिकायत में कहा गया कि घोटाले में संगठित गिरोह का हाथ है। मामला हाईप्रोफाइल होने पर डीजीपी ने टीम गठित की और शिकायत (167/17) पंजीबद्ध कर ली। घोटाले की जांच सीबीआई से लौटे निरीक्षक को सौंपी गई। निरीक्षक ने शिकायतकर्ता और आरोपितों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया। बताया यह भी जाता है कि उक्त महिला कारोबारी के करोड़ों रुपए विदेश में फंसे हुए थे। भय्यू महाराज ने यह राशि वसूलने के लिए भी महिला की मदद की थी। मनमीत अरोरा और अमोल से हो रही थी लंबी बातचीत - पुलिस ने पहले परिवार के सदस्यों और कुछ सेवादारों के बयान लेकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था। नईदुनिया ने संदेहियों की कॉल डिटेल और उनके बीच हुई बातचीत का खुलासा किया और बताया कि मनमीत अरोरा व अमोल चौहान घटना के दो दिन पूर्व से लगातार कॉल कर रहे थे। भय्यू महाराज इनसे हुई बातचीत के बाद तनाव में आ जाते थे। वह कभी वॉशरूम तो कभी बंद कार में बात करते थे। सीएसपी ने प्रमुख संदेही मनमीत अरोरा, अमोल चौहान से पूछताछ की। सीएसपी के मुताबिक जमीनों में हुए निवेश की जानकारी मिली है। संदेहियों से दोबारा पूछताछ कर ली जाएगी। कभी नहीं किए व्यावसायिक सौदे - राजा बड़जात्या के मुताबिक उनका मुख्य काम वकालत है। उनकी सूर्योदय (आश्रम) और महाराज के प्रति आस्था है। उन्होंने महाराज से कभी व्यावसायिक सौदे नहीं किए। जो जानकारी पता थी वह पुलिस को बता दी। पुलिस जांच पर विश्वास है। सेवादारों ने छुपा लिया महा'राज - पुलिस ने भी मान लिया पुलिस ने राजा बड़जात्या, अमोल चौहान और मनमीत अरोरा से पूछताछ की तो उन्होंने कुहू (बेटी) और डॉ. आयुषी (पत्नी) के बीच चल रही लड़ाई ही मुख्य वजह बताई और जमीनों में किए निवेश व मुंबई की महिला कारोबारी के संपर्क सूत्रों को छुपा लिया। जांच अधिकारी सीएसपी मनोज रत्नाकर ने फौरी तौर पर बयान लिए। भय्यू महाराज की सास रानी शर्मा के मुताबिक पारिवारिक झगड़ा तो सेवादार और पुलिस की उपज है। भय्यू महाराज का डॉ. आयुषी से बेहद लगाव था। वह उसके कारण आत्महत्या नहीं कर सकते। कुछ वजह है जो उनसे भी छुपाई जा रही है। रानी ने मामले की जांच कर संदेहियों पर कार्रवाई की मांग की है।

भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) आत्महत्या केस में नई जानकारी सामने आई है। जो सेवादार, कंस्ट्रक्शन व्यवसायी महाराज को बार-बार कॉल कर रहे थे उनकी भूमिका संदिग्ध है। कुछ पर जमीन और स्टांप हेराफेरी का शक है, जिसकी डीजीपी द्वारा गोपनीय …

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