बिहार

बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर युवक ने फेंकी चप्पल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गुरुवार को पटना में चप्पल फेंकी गई. नीतीश कुमार पर यह हमला युवा जनता दल (यू) के कार्यक्रम में हुआ. सीएम की ओर चप्पल एक शख्स ने फेंकी. इस कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की …

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फरक्का एक्सप्रेस हादसे में बिहार के पांच लोगों की मौत, जानिए कैसे हुआ हादसा..

फरक्का एक्सप्रेस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई है जिसमें से पांच मृतक बिहार के मुंगेर जिले के बताए जा रहे हैं। मृतकों में हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर मांझी टोला निवासी सौगंध, दिनेश और किशनपुर मांझी …

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गुजरात में बिहारियों पर हमले, गरमायी बिहार की सियासत, अब हार्दिक देंगे सुरक्षा

गुजरात में उत्तर भारत के लोगों पर हो रहे हमले पर बिहार में राजनीतिक पारा चरम पर है। विपक्ष कांग्रेस पर हमलावर है तो वहीं इस बीच पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल ने बिहारियों के सुरक्षा की गारंटी ली है। हार्दिक के कई पोस्टर पटना के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगाए गए हैं। हार्दिक के पोस्टर लगे, करेंगे बिहारियों की सुरक्षा हार्दिक पटेल के समर्थकों द्वारा राजधानी पटना के कई इलाकों में लगाए गए उनके पोस्टर में हार्दिक पटेल के मोबाइल नंबर के साथ ही हेल्पलाइन नम्बर लिखा है जिससे ये अपील की गई है कि अगर बिहार के लोगों समेत उतर भारत के किसी भी व्यक्ति के साथ गुजरात में ज़्यादती होती है तो तुरंत हार्दिक पटेल के नंबर पर फोन कर मदद मांगें। बिहार सरकार के मंत्री ने दी चेतावनी-अल्पेश बिहार ना आएं तो बेहतर वहीं गुजरात में बिहारियों पर हो रहे हमले में बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर का नाम आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस पर हमलावर हैं और मामले पर बिहार सरकार में मंत्री विनोद नारायण झा ने अल्पेश ठाकुर को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो बिहार आने के पहले प्रायश्चित कर लें। इसके साथ ही वो सोच-समझकर ही बिहार आएं और ना ही आएं तो अच्छा है। इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि गुजरात सरकार ठाकोर को जल्द गिरफ्तार करे। जदयू नेता ने कहा-महाराष्ट्र से सीख ले गुजरात की सरकार जदयू नेता श्याम रजक ने कहा है कि गुजरात सरकार महाराष्ट्र की सरकार से ले सीख, बिहारियों की पिटाई के कारण ही एमएनएस को धूल चाटना पड़ा था और अब गुजरात सरकार भी इस इतिहास को याद कर ले। फरक्का एक्सप्रेस हादसे में बिहार के पांच लोगों की मौत, सीएम नीतीश ने जताया शोक यह भी पढ़ें उदय नारायण चौधरी ने मांगा गुजरात के सीएम का इस्तीफा बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी ने गुजरात के सीएम विजय रुपाणी से मांगा इस्तीफा। कहा प्रधानमंत्री लें गुजरात से भगाए जा रहे हिंदी भाषाई लोगों की जिम्मेदारी। बिहार सरकार बनाए उन विस्थापितो की सूची, जो अपना घरबार, नौकरी और संपत्ति छोडकर आ रहे हैं बिहार। पत्नी को मायके से लेकर फरार हुआ पति, परिजनों ने दर्ज करायी FIR, जानिए वजह यह भी पढ़ें बिहारियों को बचाने गुजरात जाएंगे पप्पू यादव मामले पर जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गुजरात जाने का ऐलान किया है। पप्पू ने कहा कि मैं गुरुवार को गुजरात जाऊंगा और वहां बिहार के लोगों की रक्षा करूंगा। बंदी बेटे को उपलब्ध कराया था मोबाइल, पूर्व जदयू नेता पत्नी सहित गिरफ्तार यह भी पढ़ें पप्पू ने वहां उपद्रव कर रहे लोगों को चुनौती देते हुए कहा कि देखते हैं कि कौन वहां से बिहारियों को भगाता और पीटता है? पप्पू ने कहा कि अगर अल्पेश ठाकोर हमले के लिए जिम्मेवार है, तो सरकार उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमला रोकने की बजाय भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है लेकिन वहां स्थिति कुछ और है।

गुजरात में उत्तर भारत के लोगों पर हो रहे हमले पर बिहार में राजनीतिक पारा चरम पर है। विपक्ष कांग्रेस पर हमलावर है तो वहीं इस बीच पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल ने बिहारियों के सुरक्षा की गारंटी ली …

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जयप्रकाश नारायण, जिसने हिला दी थी इंदिरा गांधी की सत्ता

जेपी यानि जयप्रकाश नारायण जिन्होंने आजादी के बाद पहली बार जनआंदोलन का नेतृत्व किया। उनकी आज पुण्यतिथि पर उनके गांव सिताबदियारा सहित पूरा बिहार उन्हें नमन कर रहा है। आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता संग्राम सेनानी और प्रसिद्ध समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की चर्चा न की जाए। जयप्रकाश कौन थे, इसका एक ओजपूर्ण परिचय रामधारी सिंह दिनकर की उन पंक्तियों से मिलता है, जो उन्होंने 1946 में जयप्रकाश नारायण के जेल से रिहा होने के बाद लिखी थी और पटना के गांधी मैदान में जेपी के स्वागत में उमड़ी लाखों लोगों के सामने पढ़ी थी... कहते हैं उसको जयप्रकाश जो नहीं मरण से डरता है ज्वाला को बुझते देख, कुंड में स्वयं कूद जो पड़ता है है जयप्रकाश वह जो न कभी सीमित रह सकता घेरे में अपनी मशाल जो जला बांटता फिरता ज्योति अंधेरे में हां जयप्रकाश है नाम समय की करवट का, अंगड़ाई का भूचाल, बवंडर, के दावों से, भरी हुई तरुणाई का खुलासा: ऐसे की जाती IRCTC की वेबसाइट हैक, एक माह के लिए 20 हजार की वसूली यह भी पढ़ें है जयप्रकाश वह नाम जिसे इतिहास समादार देता है बढ़कर जिनके पदचिह्नों को उर पर अंकित कर लेता है। सन 1946 की यह कविता रची जाने से पहले जयप्रकाश नारायण की युवा अवस्था बेहद तूफानी रही है। जेपी जब 20 वर्ष के थे तो उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए 1922 में वे अमेरिका चले गए। जहां उन्होंने 1922-1929 के बीच समाज-शास्त्र का अध्ययन किया। यहां की महंगी पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिए जेपी ने खेतों, कंपनियों के साथ ही रेस्टोरेंट तक में काम किया। अमेरिका में मजदूरी करके वहां के कई विश्वविद्यालयों में बी.ए. और उसके बाद समाजशास्त्र में एम.ए. करने के बाद वे पीएचडी की तैयारी कर रहे थे तभी मां की बीमारी के कारण स्वदेश वापस लौटना पड़ा था। 1929 में जब वे अमेरिका से लौटे, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तेजी पर था। उनका संपर्क गांधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरू से हुआ। वे आंदोलन का हिस्सा बने। 1932 में गांधी, नेहरू और अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद, उन्होंने भारत में अलग-अलग हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया। पुत्री समान इंदिरा को हराया, फिर साथ बैठकर रोए 1977 में जेपी के आंदोलन के फलस्वरूप इंदिरा को हराकर जब जनता पार्टी सत्ता में पहुंची तो 24 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में विजय रैली का आयोजन किया गया, लेकिन खुद जेपी ही उस रैली में नहीं पहुंचे। अपनी राजनीतिक विजय के सबसे बड़े दिन जेपी गांधी शांति प्रतिष्ठान से निकलकर रामलीला मैदान जाने की जगह सफदरजंग रोड की एक नंबर कोठी में गए, जहां पहली बार हारी हुई इंदिरा बैठी थीं। जेपी से मिलकर इंदिरा के आंसू आ गए, लेकिन उससे भी ज्यादा हैरत की बात थी कि अपनी पराजित पुत्री के सामने जीते हुए जेपी भी रो रहे थे। छात्र आंदोलन की अगुवाई की वह इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध थे। 1974 में ही पटना में छात्रों ने आंदोलन की शुरुआत की। यह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक रहेगा, इस शर्त पर जेपी ने उसकी अगुवाई करना मंजूर किया। गिरते स्वास्थ्य के बावजूद जेपी इस आंदोलन से जुड़े और यह आंदोलन बाद में बिहार में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन बनकर उभरा और आखिर में जेपी के कारण ही यह आंदोलन 'संपूर्ण क्रांति' आंदोलन बना। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जेपी हुए गिरफ्तार इसके बाद देश में जो सरकार विरोधी माहौल बना और इंदिरा गांधी का सत्ता में रहना मुश्किल होने लगा तो 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जिसके अंतर्गत जेपी सहित 600 से भी अधिक विरोधी नेताओं को बंदी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई। जेल मे जेपी की तबीयत और भी खराब हुई। 7 महीने बाद उनको मुक्त कर दिया गया। जेपी छात्र आंदोलन से ही निकले बिहार की राजनीति के दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव, जनता दल यूनाइटेड के नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के सुशील मोदी, ये तीनों जेपी आंदोलन में विद्यार्थी नेता के रूप में उभरे और बुलंद मुक़ाम हासिल किया। सुशील मोदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आए थे। आपातकाल के बाद वहीं लौट गए। लालू और नीतीश ने बिहार से होते हुए केंद्र की सियासत में भी अपना सिक्का जमाया। राम विलास पासवान जेपी आंदोलन में शामिल नहीं हुए लेकिन आपातकाल के विरोध में जेल जाने वालों में उनका भी नाम आता है। आज ही के दिन जेपी ने ली थी अंतिम सांस 8 अक्टूबर 1979 को दिल की बीमारी और डायबीटीज के कारण पटना में जेपी की मृत्यु हो गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने लोकनायक की मृत्यु पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी।

जेपी यानि जयप्रकाश नारायण जिन्होंने आजादी के बाद पहली बार जनआंदोलन का नेतृत्व किया। उनकी आज पुण्यतिथि पर उनके गांव सिताबदियारा सहित पूरा बिहार उन्हें नमन कर रहा है। आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता …

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छेड़खानी का विरोध करने पर 34 लड़कियों की बेरहमी से पिटायी, 10 गिरफ्तार

बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। 14 छात्राओं की हालत नाजुक बतायी जा रही है। छात्राओं पर इस तरह से किए हमले में पुलिस ने अबतक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इन सबसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही, फरार आरोपियों की तलाशी के छापेमारी जारी है। बता दें कि स्कूल के वार्डन ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। मामले पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी एसके सिंघल ने कहा कि दस लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है। View image on Twitter View image on Twitter ANI ✔ @ANI Total 10 people have been arrested in the incident where at least 30 schoolgirls where thrashed for allegedly resisting sexual advances in Supaul: ADG Police HQ SK Singhal #Bihar 4:30 PM - Oct 8, 2018 34 See ANI's other Tweets Twitter Ads info and privacy दरभंगा जोनल के आइजी पंकज दारद ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। पिछले चार दिनों से हॉस्टल की लड़कियों को परेशान करने के लिए मनचले हॉस्टल की दीवार पर अश्लील बातें लिख देते थे। लड़कियों के मना करने पर मनचलों ने काफी संख्या में हॉस्टल में घुसकर लड़कियों की जमकर पिटाई की। घटना को अंजाम देने वालों में मनचलों के अभिभावक भी शामिल थे जिसमें महिलाएं भी थीं। सबने हॉस्टल में घुसकर लड़कियों के साथ ही उनके शिक्षकों को भी बुरी तरह पीटा है। आइजी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और सबके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। बिहार के सुपौल में 34 बच्चियों की पिटायी पर SC ने दिखाई सख्ती, कहा-एेसा नहीं चलेगा यह भी पढ़ें एएसपी त्रिवेणीगंज ने बताया कि कुछ महिलाओं को हिरासत में लिया गया है और सबसे पूछताछ की जा रही है। चार थानों की पुलिस छापेमारी कर रही है। हमने अस्पताल में जाकर घायल लड़कियों के बारे में जानकारी ली है, जिसमें उनकी स्थिति अब धीरे-धीरे सुधर रही है। सुपौल के एसपी मृत्युंजय चौधरी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के साथ एक मजिस्ट्रेट भी अगले आदेश तक स्कूल कैंपस में तैनात रहेंगे। बता दें कि विद्यालय में 100 लड़कियां पढ़ती हैं। स्कूल के एक स्टाफ ने भी बताया कि मनचले स्कूल की दीवार पर अपशब्द लिखने के अलावा छेड़छाड़ करते थे। इससे छात्राएं परेशान थीं। गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमला: गरमायी सियासत तो बोले सीएम नीतीश यह भी पढ़ें जब छात्राओं ने इसका विरोध किया तो मनचलों के अभिभावक स्कूल में घुस आए और छात्राओं की पिटाई की। हमले में 34 लड़कियां घायल हो गई हैं जिनका इलाज अनुमंडलीय अस्पताल, त्रिवेणीगंज में चल रहा है। हमसफर से सफर हुआ आसान, अब पाटलिपुत्र से वाया लखनऊ, कानपुर, कोटा टू उदयपुर यह भी पढ़ें जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम को कुछ छात्राएं विद्यालय परिसर में खेल रही थीं। इस दौरान कुछ मनचले उन पर अभद्र टिप्पणी करने लगे और फब्तियां कसने लगे। छात्राओं ने इसकी शिकायत अपने अध्यापकों से की। इसके बाद अध्यापक और अन्य लोग मनचलों को समझाने गए, लेकिन वे उनसे ही उलझ गए। थोड़ी देर बाद मनचलों के साथ लाठी-डंडे से लैश महिला-पुरुष हमलावरों ने छात्राओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। जिसमें 34 छात्राओं को गंभीर चोट लगी है। बाद में एंबुलेंस से छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया गया। वृंदावन में 36 बिहारी गिरफ्तार, पहले होटल में छलकाया जाम फिर की अश्लील हरकत यह भी पढ़ें छात्राओं को बचाने आयी वार्डन और शिक्षिकाओं को भी नहीं बख्शा गया। लड़कियां और शिक्षिकाएं जैसे-तैसे ग्रिल के अंदर गयीं और तब उनकी जान बची। बदमाशों के हमले में तीन महिला सहित तीन दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हुई हैं। डीएम वैद्यनाथ यादव ने बताया कि छींटाकशी का विरोध करने पर लड़कियों ने कुछ लड़कों की धुनाई कर दी। इसके विरोध में लड़कों के अभिभावकों ने लड़कियों पर हमला बोल दिया। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर डीईओ को हमलावरों को चिह्नित करने और उन पर केस दर्ज कराने के लिए कहा गया है।

बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज …

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बिहार में आज से ऑनलाइन दाखिल-खारिज शुरू, अब नहीं होगी परेशानी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय स्थित संवाद में आज रिमोट के माध्यम से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन दाखिल खारिज’ ‘ऑनलाइन लगान भुगतान’ एवं ‘निबंधन कार्यालयों को अंचल कार्यालयों से संबद्ध कर Suo-Motu दाखिल खारिज’ सुविधा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे संतोष हो रहा है कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके लिए हमलोग पहले से ही काफी प्रयासरत थे। वर्ष 2005 में सत्ता में आने के बाद और जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान समीक्षा से यह पता चला कि 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले भूमि विवाद के हैं। आपसी झगड़े, आपराधिक घटनाओं में भी भूमि विवाद एक महत्त्वपूर्ण वजह होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीनी आंकड़े अपडेट नहीं है। यह भूमि दस्तावेज काफी पुराना है, सर्वे 1901 पर आधारित है। हमलोगों ने नया सर्वे सेटलमेंट कराना शुरु किया है। इसके लिए एरियल सर्वे कराया गया। हालांकि 5-5 जगहों से इसके लिए अनुमति लेनी पड़ी, जिस कारण तीन वर्ष का समय लग गया लेकिन अब यह बिहार में छेड़खानी का विरोध करने पर 34 लड़कियों की बेरहमी से पिटायी, 10 गिरफ्तार यह भी पढ़ें काम पूर्ण हो गया है। इस काम के लिये कर्मियों की संख्या की कमी है, जिसका आकलन किया गया है। इसके लिए 1203 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 2297 सर्वेक्षक अंचल निरीक्षक सह कानूनगो, 22966 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 2406 लिपिक/विशेष लिपिक, 1203 कार्यपालक सहायक, 12 डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं 1203 आई0टी0 ब्वॉय की नियुक्ति के लिए लोक वित्त समिति द्वारा प्रस्ताव किया गया है, इसके लिए विभाग को तेजी से काम करना होगा फिर मुख्य सचिव के स्तर से इसकी समीक्षा की जाएगी। बिहार के सुपौल में 34 बच्चियों की पिटायी पर SC ने दिखाई सख्ती, कहा-एेसा नहीं चलेगा यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने सर्वे सेटलमेंट के आधार पर खरीद-बिक्री का काम अभी किया जा रहा है लेकिन आज तीन ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत के बाद इसमें सुविधा होगी। भूमि विवाद के कारणों को हल करने में इससे सहुलियत होगी। लगान वसूली के लिए कर्मचारी की संख्या कम रहने के कारण काफी समस्या होती थी। साथ ही कर्मचारी को तलाष करने में भी लोगों को काफी परेषानी होती थी। उन्होंने कहा कि 1100 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण करवाया गया है और शेष पंचायतों में भी पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जाना है। पंचायत सरकार भवन में ही कर्मचारी के बैठने की व्यवस्था होगी, जिससे लोगों को कर्मचारी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमला: गरमायी सियासत तो बोले सीएम नीतीश यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यों में कानून व्यवस्था को बहाल करना उनकी प्राथमिकता है। इस कार्य में बिहार जैसे राज्य में सबसे बड़ी समस्या भूमि विवाद के कारण होती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग काफी महत्वपूर्ण विभाग है, जिसके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। अब नए तकनीक के प्रयोग से कार्यों में सुविधा होगी। जमीन का बंटवारा होने के बाद भी दादा-परदादा-पिताजी के नाम से जमीन रहती है। दाखिल खारिज अपने नाम से नहीं होने से खरीद बिक्री में विवाद होता है। निबंधन शुल्क ज्यादा होने के कारण भी आपसी सहमति से हुए बंटवारे का निबंधन लोग नहीं कराते हैं। हमसफर से सफर हुआ आसान, अब पाटलिपुत्र से वाया लखनऊ, कानपुर, कोटा टू उदयपुर यह भी पढ़ें उन्होंने कहा कि अब पारिवारिक बंटवारे में हमने यह निर्देश दिया है कि इस शुल्क को सांकेतिक किया जाय। कम से कम खर्च में लोग दाखिल खारिज करा सकेंगे और उनकी जमीन का दस्तावेज आधिकारिक हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमाबंदी रजिस्टर तथा अन्य भूमि संबंधी दस्तावेजों को स्कैन कर ई-रिकॉर्ड के रुप में सुरक्षित रखा जाएगा ताकि पुराने दस्तावेज सुरक्षित रहें और उनका भविष्य में उपयोग हो सके। इससे नए सर्वे सेटलमेंट में भी सहुलियत होगी और भूमि विवाद के निराकरण में मदद मिलेगी। वृंदावन में 36 बिहारी गिरफ्तार, पहले होटल में छलकाया जाम फिर की अश्लील हरकत यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्ताह के एक दिन यानि शनिवार को थाना प्रभारी एवं अंचलाधिकारी की बैठक होगी जिसमें भूमि विवाद की जानकारी ली जाएगी एवं उसके समाधान का उपाय किया जायेगा। हर 15 दिनों पर जिलाधिकारी एवं एस0पी0 की बैठक होगी, जिसमें अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी की बैठक में निष्पादित मामलों की जानकारी प्राप्त की जाएगी एवं जिले के अंदर भूमि विवाद संबंधी समस्या के समाधान के लिए विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। निर्धारित 15 दिन में एक दिन पूरे समय बैठने का मौका नहीं मिलता है, फिर भी कम से कम कुछ घंटों की बैठक जरुर होनी चाहिए। प्रत्येक माह में एक दिन मुख्य सचिव, डी0जी0पी0, प्रधान सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एवं प्रधान सचिव निबंधन विभाग की एक बैठक होगी, जिसमें सभी जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा और जमीन विवाद संबंधी समस्या के समाधान की समीक्षा की जाएगी। इस तरह ऊपर से नीचे तक एक तंत्र विकसित होगा और जवाबदेही के साथ कार्य का निष्पादन होगा। लालू के लाल तेजप्रताप हैं कुरुक्षेत्र में, सारण से चुनाव लड़ने के लग रहे कयास यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक वर्ष के अंदर कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे जिसमें खतिआनों एवं रजिस्टर-2, सरकारी बंदोबस्ती पंजी, दाखिल खारिज पंजी, सरकारी रजिस्टर का, डिजिटलाइजेशन एवं स्कैनिंग किया जाएगा। इससे नए सर्वे सेटलमेंट में पुराना रिकाॅर्ड किसका है, इसके बारे में भी जानकारी मिल सकेगी और नए सर्वे सेटलमेंट में जो आपत्तियाॅ होंगी, उसके निष्पादन में कम समय लगेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय स्थित संवाद में आज रिमोट के माध्यम से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन दाखिल खारिज’ ‘ऑनलाइन लगान भुगतान’ एवं ‘निबंधन कार्यालयों को अंचल कार्यालयों से संबद्ध कर Suo-Motu दाखिल खारिज’ सुविधा का शुभारंभ किया। …

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 बड़ा खुलासा:ऐसे की जाती थी IRCTC की वेबसाइट हैक,जानिए आप

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन तत्काल ही नहीं आगे के दिनों की आरक्षित टिकट बुकिंग के लिए अपने सॉफ्टवेयर को फुल प्रूफ बनाने की हर कोशिश में जुटी है। परंतु हैकर्स कोई न कोई उपाय निकाल कर इसके सॉफ्टवेयर को हैक कर त्वरित गति से तत्काल अथवा आगे के दिनों की टिकट आसानी से बुक कर ले रहे हैं। हाल के दिनों में पकड़े गए दलालों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक रेड मिर्ची नामक साफ्टवेयर से आइआरसीटीसी की वेबसाइट हैक कर टिकट की बुकिंग की जा रही है। नतीजा यह हो रहा है कि आम यात्रियों को आरक्षित टिकट मिल नहीं पा रही है। इतना ही नहीं एक ओर रेलवे आम यात्रियों के लिए शॉर्ट नाम से टिकट बुक नहीं कराने का निर्देश दे रखी है जबकि दलाल आसानी से शार्ट नामों से ही टिकट बुक कर बेच दे रहे हैं। इस संबंध में आरपीएफ इंस्पेक्टर आरआर कश्यप ने बताया कि टिकट दलाल टीम व्यूअर पर जाकर गैरकानूनी तरीके से साफ्टवेयर खरीदते हैं। अभी अधिकांश एजेंट रेड मिर्ची नामक साफ्टवेयर खरीद कर आरक्षित टिकटों की बुकिंग कर रहे हैं। साफ्टवेयर बेचने वाले सारे इंजीनियर बंगलुरु अथवा गुजरात के हैं। सारे साफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो किसी न किसी नाम से साफ्टवेयर बनाकर बेचते हैं। अभी रेडमिर्ची और नियो के नाम से साफ्टवेयर बना रहे हैं। पहले इनके द्वारा क्रोशिया, बप्पा, ब्लैक कोबरा, लायन, रेमंड, डबल बुल आदि नाम से साफ्टवेयर का निर्माण किया जा रहा था। हर बार नाम बदल दिया जाता है। इतना ही नहीं एजेंट कई नामों से आइआरसीटीसी में अपना अकाउंट खोलकर आईडी लिए रहते हैं। आज पकड़े गए पटना ट्रैवेल एजेंसी के मालिक सतीश ने 113 नामों से आईडी बना रखा था जिससे टिकट की बुकिंग कर रहा था। एक माह के लिए 20 हजार रुपये देना होता है टिकट दलालों को बंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की कंपनी का मार्केटिंग नेटवर्क इतना तगड़ा है कि वे टिकट दलालों को घर तक साफ्टवेयर पहुंचा देते हैं। पकड़े जाने के भय से कभी भी इसकी सीधे मार्केटिंग नहीं करते हैं। टिकट दलालों को पीक सीजन में एक माह के लिए इस साफ्टवेयर की कीमत 20 हजार रुपये तक देना पड़ता है। अकेले पटना शहर में 200 से अधिक ऐसे टिकट दलाल हैं जो इस तरह के साफ्टवेयर का उपयोग कर गली-मोहल्ले में रेल टिकट बुक कर रहे हैं। टिकट के साथ ही पहचान पत्र भी बनाकर देते हैं एजेंट ट्रैवेल एजेंसियां शॉर्ट नाम से अथवा छोटे-छोटे नामों से लंबी दूरी की आरक्षित टिकटों की बुकिंग करती हैं। समय आने पर जब इसकी बिक्री करते हैं तो चार घंटे के अंदर ही टिकट खरीदने वालों के टिकट पर अंकित नामों से मतदाता पहचान पत्र बनाकर दे देते हैं। पहली नजर में कोई भी टिकट निरीक्षक इस पहचान पत्र को देखकर फर्जी नहीं कह सकता है। इस पर यात्रा करने वाले यात्री की ही तस्वीर लगी होती है। पचास लाख से अधिक की पूंजी निवेश करते हैं एजेंट टिकट दलाल दुर्गापूजा, दीपावली व छठ पूजा के साथ ही होली के लिए चार माह पूर्व से ही टिकटों की बुकिंग करके रखते हैं। इसमें वो पचास लाख रुपये से अधिक तक की राशि निवेश करके रखे रहते हैं।

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन तत्काल ही नहीं आगे के दिनों की आरक्षित टिकट बुकिंग के लिए अपने सॉफ्टवेयर को फुल प्रूफ बनाने की हर कोशिश में जुटी है। परंतु हैकर्स कोई न कोई उपाय निकाल कर इसके सॉफ्टवेयर …

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#बड़ा फैसला: सीएम हों या मंत्री, अब बैठकों के दौरान नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल

केंद्रीय कैबिनेट और कर्नाटक के बाद अब बिहार सरकार ने भी ‘उच्चस्तरीय’ बैठकों में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी है। गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने एक आदेश जारी करते हुए राज्य …

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IRCTC घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू एंड फैमिली की कोर्ट में होगी पेशी

आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य शनिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होंगे. दरअसल, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने लालू एंड फेमली के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. …

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एसआइटी हुई हैरान, जिनके पास जमीन नहीं उन्होंने बेच दिया लाखों के धान

बिहार के बहुचर्चित धान खरीद घोटाले की जांच में कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे इस घोटाले की जांच कर रही सीआइडी की एसआइटी (विशेष जांच दल) भी हतप्रभ है। 600 करोड़ रुपये से भी अधिक के इस घोटाले में कुछ ऐसे किसानों को धान खरीद के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया है, जिनके पास एक धुर जमीन भी नहीं है। ऐसे में घोटाले को अंजाम देने वालों की संपत्ति जब्त करने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ADVERTISING inRead invented by Teads बता दें कि इस घोटाले से जुड़े राइस मिलरों की करीब पांच करोड़ से भी अधिक की चल और अचल संपत्ति को ईडी ने जब्त कर लिया है। जिन लोगों के नाम पर धान खरीद के करोड़ों रुपये बांट दिए गए, उनके संबंध में ईडी को कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाई है। सीआइडी की एसआइटी ने धान बेचने वाले लोगों को चिह्नित करने के लिए कई जिलों में अंचलाधिकारियों (सीओ) को इसका जिम्मा दिया था। जब सीओ ने इस इस मामले की जांच की तब पाया कि वैसे लोगों को भी धान खरीद के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान किया गया है, जिनके पास एक धुर भी जमीन नहीं है। व्यवसायी को फोन पर कहा-30 लाख दो, मोबाइल बंद करते ही घर पर फेंका बम यह भी पढ़ें इतना ही नहीं, सीओ की जांच भी यह भी सामने आया कि जिस किसान के पास केवल 50 कठ्ठा जमीन है, उस किसान से 80-90 क्विंटल धान की खरीद दिखाकर उसे लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया है। कम रकबा वाले किसानों से 80-90 क्विंटल धान की खरीद न केवल धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास, बक्सर, भोजपुर और कैमूर जिलों से की गई है, बल्कि उत्तर बिहार के मधुबनी, दरभंगा, सुपौल और वैशाली जैसे जिले भी शामिल हैं। बता दें कि एसआइटी द्वारा धान खरीद के संबंध में दायर की गई चार्जशीट को आधार बनाकर ईडी की टीम घोटालेबाजों की संपत्ति जब्त कर रही है। अब ईडी के सामने मुश्किल यह है कि ऐसे किसानों के नाम पर करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिए जाने के बाद वह आखिर कार्रवाई किसके खिलाफ करे।

बिहार के बहुचर्चित धान खरीद घोटाले की जांच में कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे इस घोटाले की जांच कर रही सीआइडी की एसआइटी (विशेष जांच दल) भी हतप्रभ है। 600 करोड़ रुपये से भी अधिक के …

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