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जानिए क्यों भारत से बातचीत करने को बेताब है पाकिस्‍तान

: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनका देश अमेरिका से भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू कराने में भूमिका अदा करने का अनुरोध करता है, क्योंकि दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संवाद अभी बंद है. साथ ही उन्होंने आगाह किया कि बातचीत नहीं होने से तनाव और बढ़ सकता है. बहरहाल, कुरैशी ने बुधवार को वॉशिंगटन में बताया कि अमेरिका ने इस संबंध में पाकिस्तान के हालिया अनुरोध को खारिज कर दिया है. इससे एक दिन पहले उन्होंने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से मुलाकात की थी. कुरैशी ने अमेरिकी कांग्रेस द्वारा मुहैया कराए जाने वाले धन से चलने वाले शीर्ष थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जब हमने अमेरिका से वार्ता में भूमिका निभाने के लिए कहा- तो हमने क्यों कहा? सिर्फ इसलिए कि हमारे बीच द्विपक्षीय वार्ता बंद है. हम सीमा के पश्चिमी ओर ध्यान लगाना, आगे बढ़ना चाहते हैं जो हम कर नहीं पा रहे हैं क्योंकि हमें पूर्वी ओर (भारत के साथ सीमा पर) मुड़कर देखना होता है. यह कोई अच्छी स्थिति नहीं है.’’ ये भी पढ़ें- नहीं सुधर रहा PAK, चार गुना बढ़ गईं जम्मू में इंटरनेशनल बॉर्डर पर गोलीबारी की घटनाएं उन्होंने कहा, ‘‘अब क्या आप (अमेरिका) मदद कर सकते हैं? उनका जवाब ना था. वे द्विपक्षीय संवाद चाहते हैं लेकिन कोई द्विपक्षीय गतिविधि नहीं है.’’ उन्होंने आगाह किया कि इससे दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारतीय नेताओं की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘इस तरह बातचीत बंद होने से तनाव बढ़ता है और वहां से हाल में आए कुछ बयान बहुत मददगार नहीं हैं. तथाकथित सर्जिकल स्ट्राइक और इस तरह की बातों का कोई मतलब नहीं है. यह राजनीति है..वहां चुनाव होने वाले हैं.’’ उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की नई सरकार बातचीत से कतरा नहीं रही है . न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक रद्द होने का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भारत पीछे हट गया. ये भी पढ़ें- पाकिस्तान ने अपने इस पुराने दोस्‍त को दिया झटका, इस बड़ी परियोजना पर लिया यू-टर्न इसके लिए डाक टिकट जारी कर आतंकवादियों के महिमामंडन और भारतीय सुरक्षाबलों की क्रूर हत्याओं को भारत द्वारा वजह बताए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारतीयों के पास कोई बेहतर विकल्प है तो हमारे साथ साझा करें. अगर एक-दूसरे से बातचीत नहीं करने से मुद्दे हल होंगे और क्षेत्र में स्थिरता आएगी तो ठीक है. अगर यह उनका आकलन है तो फिर ठीक है.’’ ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठकों के बाद पाकिस्तान के लिए रवाना होने वाले कुरैशी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों देश एक-दूसरे से बातचीत नहीं कर रहे. बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चलने के भारत के रुख पर एक सवाल के जवाब में कुरैशी ने इमरान खान के एक बयान का हवाला दिया जब वह विपक्ष के नेता थे और नई दिल्ली की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे. तब उन्होंने कहा था कि हमेशा वार्ता को विफल करने वाले तत्व होंगे. कुरैशी ने खान के हवाले से कहा, ‘‘हमेशा वार्ता को विफल करने वाले तत्व होंगे. हमेशा ऐसे तत्व होंगे जो शांति प्रक्रिया को बाधित करेंगे लेकिन जब वे ऐसा करें तो चलिए एक साथ मिलकर उनका मुकाबला करें. वे हमें वापस भेजेंगे लेकिन हमें देखना होगा कि हमारे हित में क्या है, हमारे क्षेत्रीय हित में क्या है. पाकिस्तान के हित में क्या है.’’ इसके बाद जल्द ही उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठा दिया. उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे महसूस करते हैं कि भारत के हिस्से वाले कश्मीर में जो भी गड़बड़ी हो रही है, वह सब पाकिस्तान करवा रहा है तो यह गैर यथार्थवादी नजरिया है.

 पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनका देश अमेरिका से भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू कराने में भूमिका अदा करने का अनुरोध करता है, क्योंकि दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संवाद अभी …

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आतंकी हाफि‍ज सईद और पाकि‍स्‍तानी मंत्री एक मंच पर बैठे, खुली पोल  

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी नूर-उल-हक कादरी द्वारा इस सप्ताह की गई गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ मंच साझा करते हुए ‘अधिक संवेदनशील होना चाहिए था.’ पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री कादरी के इस्लामाबाद में एक सभा में लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख सईद के साथ मंच साझा करने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘मैं स्वदेश जाऊंगा और निश्चित तौर पर उनसे पूछूंगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. हालांकि मुझे बताया गया कि वह कश्मीर में स्थिति का उल्लेख करने को लेकर एक कार्यक्रम था.’ कुरैशी ने अमेरिकी कांग्रेस द्वारा मुहैया कराए जाने वाले धन से चलने वाले शीर्ष थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में कहा, ‘इसका लश्कर-ए-तैयबा से कुछ लेना देना नहीं था. वहां अन्य राजनीतिक तत्व थे. वह उनमें से एक था.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्हें (कादरी) अधिक संवेदनशील होना चाहिए था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि वह उसके (सईद) विचार से इत्तेफाक रखते हैं.’ भारत से बातचीत करने को बेताब है पाकिस्‍तान, फिर अमेरिका से लगाई गुहार कादरी इस्लामाबाद में रविवार को दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल द्वारा आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन में सईद के समीप बैठे दिखाई दिए. सम्मेलन की पृष्ठभूमि में एक बैनर में ‘पाकिस्तान की रक्षा’’ लिखा था और उसमें ‘भारत के खतरों’ के साथ-साथ ‘कश्मीर’ का जिक्र था. दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल 40 से अधिक पाकिस्तानी रजानीतिक दलों और धार्मिक दलों का गठबंधन है, जो रूढ़िवादी नीतियों की पैरवी करता है. इंटरनेशनल कोर्ट का बड़ा फैसला, अब दुनिया लाइव देख सकेगी कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई कादरी की सईद के साथ उस कार्यक्रम में मौजूदगी भारत के इस रुख की पुष्टि करता है कि अगस्त में प्रधानमंत्री इमरान खान के पदभार ग्रहण करने के बाद भी आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में गंभीर है. उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवाद के आगे घुटने नहीं टेक सकते. हमें उनका मुकाबला करना होगा और इलाकों से खदेड़ना होगा. हमने सफलतापूर्वक यह किया है. यह काम प्रगति पर है, हमें इसे जारी रखना होगा, लेकिन काफी हद तक चीजें बदली हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी नूर-उल-हक कादरी द्वारा इस सप्ताह की गई गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ मंच साझा करते हुए ‘अधिक …

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 पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक की पत्नी गिरफ्तार, लगे है ये गंभीर आरोप

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक की पत्नी रोसमा मंसूर पर गुरुवार को अरबों डॉलर के घोटाले के सिलसिले में धन शोधन के आरोप लगाए गए. इस घोटाले की वजह से रज्जाक की पिछली सरकार गिर गई थी. अदालत परिसर में 66 वर्षीय रोसमा ने धनशोधन के 17 आरोपों में अपना गुनाह नहीं कबूला. उसी अदालत परिसर में उनके पति नजीब रज्जाक भी राज्य निधि की कथित लूट के मामले में अलग से एक अदालत में पेश हुए. रोसमा को बाद में 20 लाख रिंगित (483,365 अमेरिकी डॉलर) के मुचलके पर जमानत दे दी गयी और उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया. उन्हें किसी भी गवाह से संपर्क करने से भी रोक दिया गया. आरोप साबित होने पर रोसमा को अपना शेष जीवन जेल में बिताना पड़ सकता है. बुधवार को हुई थी गिरफ्तारी मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी रोसमा मंसूर को अरबों डॉलर के घोटाले के सिलसिले में भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने बुधवार को गिरफ्तार किया था. बता दें कि इस घोटाले की वजह से पिछली सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था.अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह द्वारा 1एमडीबी के राज्य कोष की कथित जांच में उनके पति और पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक घेरे में आए हैं और उन पर भ्रष्टाचार एवं धनशोधन समेत दो दर्जन से ज्यादा आरोप लगे हैं.वह जमानत पर हैं. मई में हुए चुनावों में मिली थी शिकस्त मई में हुए चुनाव में प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद की अगुवाई वाले सुधारवादी गठबंधन के हाथों रज्जाक को शिकस्त का सामना करना पड़ा था.मंसूर के वकील के. कुमारेंद्रन ने एएफपी को बताया, ‘‘ रोसमा मंसूर को गिरफ्तार कर लिया गया है.’’ उन्हें गिरफ्तार करने से पहले बुधवार को मलेशियाई भ्रष्टाचार रोधी आयोग (एमएसीसी) ने उनसे घंटों लंबी पूछताछ की थी. एमएसीसी ने एक बयान में कहा कि उसने राज्य अभियोजक से मंजूरी लेने के बाद धनशोधन से संबंधित मामले में 66 वर्षीय मंसूर को गिरफ्तार कर लिया है.इसने कहा कि इसके बाद मंसूर को कई आरोपों का सामना करना पड़ेगा.

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक की पत्नी रोसमा मंसूर पर गुरुवार को अरबों डॉलर के घोटाले के सिलसिले में धन शोधन के आरोप लगाए गए. इस घोटाले की वजह से रज्जाक की पिछली सरकार गिर गई थी. अदालत परिसर …

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ट्रंप ने भेजा ऐसा अलर्ट, घनघना उठा हर अमेरिकी का मोबाइल फोन

अमेरिका में उस समय लोग हैरान हो गए जब उनके मोबाइल पर "Presidential Alert" लिखा मैसेज आया. स्थानीय समय अनुसार दोपहर 2 बजकर 18 मिनट पर लोगों को यह मैसेज मिला. मैसेज मिलने पर लोग य‍ह सोचने पर मजबूर हो गए कि आखिर से "Presidential Alert" लिखा मैसेज है क्या? इस मैसेज को इंटिग्रेटेड अलर्ट एंड वॉर्निंग सिस्टम द्वारा भेजा गया था. यह मैसेज अमेरिका में हर उस फोन में पहुंचा, जिसके ऑपरेटर्स ने वायरलैस इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम में रजिस्टर करवाया हुआ था. कई लोगों ने सोचा कि इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भेजा गया है. हालांकि ऐसा नहीं था. यह मैसेज एक ड्र‍िल का हिस्सा था. इसे नैशनल वायरलैस इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम के टेस्ट करने के लिए भेजा गया गया था. मैसेज के साथ यह जानकारी भी भेजी गई कि "THIS IS A TEST of the National Wireless Emergency Alert System. No action is needed." आपको बता दें कि "Presidential Alert" लिखे होने का मतलब है कि कोई राष्ट्र‍ीय विपदा और इसे खासकर फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी की ओर से भेजा गया था. आपको बता दें कि अलर्ट सिस्टम की शुरुआत तत्कालिन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा 2006 में हरिकेन कटरीना के आने के बाद शुरू किया गया था. 2005 में हरिकेन कटरीना से भारी तबाही हुई थी. इसे 2012 में लॉन्च किया गया था. बुधवार को पूरे अमेरिका में इसे पहली बार टेस्ट किया गया. पहले इसे 20 सितंबर को टेस्ट किया जाना था हालांकि हरीकेन फ्लोरेंस की वजह से इसे अब टेस्ट किया गया. इस तरह के अलर्ट मैसेज भेजने का तरीका अलग होता है. कई बार तेज आवाज के साथ इसे भेजा जाता है, जिसमें तेज वाइब्रेशन भी होता है. फोन कोई भी मोड में हो यह तेज आवाज के साथ 2 बार अलर्ट मैसेज टोन बजता है. हालांकि ये उन्हीं मोबाइल ऑपरेटर्स के फोन पर आएगा जो पहले से इस सेवा के लिए रजिस्टर्ड हैं. वैसे लोग इस अलर्ट से खुद को बाहर रख सकते हैं हालांकि कुछ सरकारी अलर्ट से वह खुद को बाहर नहीं रख सकते और वह आएंगे ही.

अमेरिका में उस समय लोग हैरान हो गए जब उनके मोबाइल पर “Presidential Alert” लिखा मैसेज आया. स्थानीय समय अनुसार दोपहर 2 बजकर 18 मिनट पर लोगों को यह मैसेज मिला. मैसेज मिलने पर लोग य‍ह सोचने पर मजबूर हो गए कि …

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इस देश में भूकंप और सुनामी से मचाया हाहाकार, मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर पहुंचा 1,424

इस देश में भूकंप और सुनामी से मचाया हाहाकार, मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर पहुंचा 1,424

भारत ने भूकंप और सुनामी प्रभावित इंडोनेशिया की मदद के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। इसके तहत दो विमानों और तीन नौसैनिक पोतों से राहत सामग्री भेजी गई है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में …

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उत्कृष्ट योजना के तहत कालका मेल बनी नए कलर की पहली ट्रेन

रेलवे ने ट्रेनों का लुक एंड फील बदलने के लिए पुराने किस्म के डिब्बों वाले यानी आईसीएफ कोच वाली गाड़ियों का रंग रोगन और सुविधाओं को बेहतर बनाना शुरू कर दिया है. इस कवायद को उत्कृष्ट योजना का नाम दिया गया है. उत्कृष्ट योजना के तहत पहली ट्रेन कालका मेल को नई कलर स्कीम के साथ चलाया जा रहा है. 2000 ट्रेनों के कलर में किया जा रहा है बदलाव बाहर से देखने पर यह ट्रेन एकदम अलग नजर आती है, क्योंकि इसका रंग अब हल्का पीला किया गया है. जिसको लोग पसंद कर रहे हैं, उत्कृष्ट योजना के तहत देशभर में चलने वाली तकरीबन 2000 ट्रेनों की कलर स्कीम में बदलाव किया जा रहा है. कोच में किए गए ये बदलाव उत्कृष्ट योजना के तहत पुराने किस्म के आईसीएफ कोच वाली गाड़ियों को नई सुविधाओं और रंग रोगन के साथ उतारा जा रहा है. इसके तहत चालू वित्त वर्ष में 640 ट्रेनों को बदला जाएगा. रेलवे बोर्ड के मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल के मुताबिक हावड़ा दिल्ली कालका देश की पहली ऐसी ट्रेन हो गई हैस जिसको उत्कृष्ट योजना के तहत सजाया संवारा गया है. उन्होंने बताया कि पूरी ट्रेन को ग्लासी और कलरफुल विनाइल रैपिंग से सजाया गया है. हर डिब्बे में एलईडी लाइटिंग लगाई गई है. डिब्बों के अंदर स्टेनलेस स्टील पैनलिंग और एंटी स्किड फ्लोरिंग के साथ स्टेनलेस स्टील का डस्टबिन भी रखा गया है. बाथरूम में बड़े-बड़े शीशे लगाए गए हैं. शौचालयों का नवीनीकरण ट्रेनों में हाईब्रिड डिजाइन बायो डायलेट लगाया गया है और इसको स्वच्छ रेल टॉयलेट का नाम दिया गया है. इसमें पूरी कोशिश की गई है नई तकनीक का इस्तेमाल करके दुर्गंध को कम से कम रखा जाए. मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल ने बताया कि कालका मेल को नया रंग रूप देने में 60 लाख रुपये का खर्च आया है. यात्रियों को मिलेगी यह सुविधाएं कालका मेल के स्लीपर क्लास में अंदर का रंग बदला गया है तो वहीं थर्ड एसी, सेकंड एसी, हॉर्स फर्स्ट क्लास में अलग-अलग तरीके की सुविधाएं दी गई हैं. हर डिब्बे में ब्रेल लिपि में दृष्टि बाधित लोगों को सहायता करने के लिए बोर्ड लगाए गए हैं. हर एक डिब्बे के अंदर डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं, जिनमें तमाम तरह की जानकारी रहती हैं. मोबाइल चार्जिंग के लिए यूरोपियन और इंडियन दोनों तरह के स्विच लगाए गए हैं. जिससे लोगों को अपने मोबाइल को चार्ज करने में आसानी रहे.

रेलवे ने ट्रेनों का लुक एंड फील बदलने के लिए पुराने किस्म के डिब्बों वाले यानी आईसीएफ कोच वाली गाड़ियों का रंग रोगन और सुविधाओं को बेहतर बनाना शुरू कर दिया है. इस कवायद को उत्कृष्ट योजना का नाम दिया गया है. …

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केरल में अब ‘डे चक्रवात’ का खतरा, 7 जिलों में रेड अलर्ट जारी

भीषण बाढ़ के बाद केरल पर अब फिर मौसम कहर बरपा सकता है. मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में 6 से 8 अक्टूबर के बीच 'डे चक्रवात' आ सकता है. इससे केरल समेत देश के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग का कहना है कि अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इससे दक्षिण-पूर्वी हिस्से में तूफान या चक्रवात आ सकता है. इसलिए केरल में मछुआरों को 6 से 8 अक्टूबर के बीच समुद्र में न जाने के लिए कहा गया है. राज्य के 7 जिलों में 3 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इस बारे में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा है कि मौसम विभाग ने श्रीलंकाई तट के करीब अरब सागर में कम दबाव वाले क्षेत्र के बारे में चेतावनी जारी की है. चक्रवात का केंद्र लक्षद्वीप के तट के पास होगा. इसलिए राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने मछुआरों को 6 से 8 अक्टूबर के बाद समुद्र में नहीं जाने के निर्देश दिए हैं. डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक... मुख्यमंत्री पी विजयन ने आगे बताया कि चक्रवात को देखते हुए मछुआरों को 5 अक्टूबर तक सुरक्षित वापस लौटने की सलाह दी गई है. हमने 7 जिलों में 3 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है. डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के साथ बैठक की है. केंद्र से एनडीआरएफ की 5 कंपनियों को मदद के लिए आने कहा है. कहां-कहां बारिश की संभावना... मौसम विभाग ने तमिलनाडु और केरल के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी गरज के साथ छीटें पड़ने के आसार हैं. बाढ़ से तबाह हो गया था केरल... केरल में कुछ दिनों पहले भारी बारिश और बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई थी. इसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. जबकि केरल का बुनियादी ढांचा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. रिपोर्ट्स के अनुसार, 45,000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर धान, केला, मसाले और अन्य फसलें खराब हो गई थीं.

भीषण बाढ़ के बाद केरल पर अब फिर मौसम कहर बरपा सकता है. मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में 6 से 8 अक्टूबर के बीच ‘डे चक्रवात’ आ सकता है. इससे केरल समेत देश के कई हिस्सों में भारी बारिश होने …

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क्रूज पर छुट्टी मनाने गए 1300 भारतीयों ने यूं कटाई देश की नाक

हमारे देश के लोग दुनियाभर में अपने सभ्य व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि भारतीय जहां भी जाते हैं वहां अपनी छाप छोड़ जाते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में क्रूज पर छुट्टियां मनाने गए 1300 भारतीयों ने ऐसा कारनामा किया है जो पूरे देश के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गया है। दरअसल, तंबाकू कंपनी में काम करने वाले 1300 भारतीय रॉयल कैरेबियन सी में क्रूज पर छुट्टियां मनाने गए थे। भारतीय कर्मचारियों का ये दल 6 सितंबर को तीन दिन के लिए रवाना हुआ था। लेकिन भारतीय कर्मचारियों की वजह से क्रूज पर सवार अन्य विदेशी यात्री छुट्टियों का लुत्फ नहीं ले सके। कहा जा रहा है कि यहां भारतीय कर्मचारियों ने जमकर हंगामा काटा। भारतीय देर रात तक पार्टी करते रहे। यहीं नहीं, उन्होंने पार्टी में डांस के लिए अर्धनग्न कपड़ों में बार बालाएं भी बुलाई थीं। कुछ विदेशियों ने बताया कि कुछ भारतीय बार और बफे पर भी टूट पड़े। तीन हजार की क्षमता वाले क्रूज पर सवार अन्य यात्रियों ने भारतीयों की इस हरकत की काफी आलोचना की है। 'हर रात बार डांसर लाते थे कर्मचारी' कुछ यात्रियों ने एक ऑस्ट्रेलियाई नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में अपने खराब अनुभव के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि तीन दिन की यात्रा में भारतीय कर्मचारी हर रात कुछ बार डांसर को लेकर आते थे। बार डांसर ने बहुत कम कपड़े पहने हुए थे। भारतीय दल इनके साथ डेक पर देर रात तक हंगामा करते थे। अन्य यात्रियों ने ये भी बताया कि भारतीयों ने डांसर के साथ अभद्र व्यवहार भी किया और उनकी तस्वीर और डांस का विडियो अपने फोन में शूट किया। कहा जा रहा है कि शिकायत के बाद क्रूज कंपनी से यात्रियों का पैसा रिफंड कर दिया है।

हमारे देश के लोग दुनियाभर में अपने सभ्य व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि भारतीय जहां भी जाते हैं वहां अपनी छाप छोड़ जाते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में क्रूज पर छुट्टियां मनाने गए 1300 …

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पुतिन की भारत यात्रा से आखिर क्‍यों बौखलाएं है ड्रैगन व पाक, जानिए कारण

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर देश की ही नहीं, बल्कि चीन और पाकिस्‍तान समेत दुनिया की नजरें हैं। आप जानते हैं क्‍यों। आइए, हम आपको बताते हैं वह खास वजह, जिसके चलते हमारे पड़ोसी मुल्‍कों की नजर इस यात्रा पर टिकी है। दरअसल, इस यात्रा के दौरान दोनों देशाें के बीच एस - 400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर करार होेना है। यह करार पांच अरब डॉलर की राशि से ज्यादा का होगा। अगर यह सौदा हुआ तो देश की प्रतिरक्षा कवच और सुदृढ़ और अभेद्य हो जाएगी। इससे कहीं न कहीं पड़ोसी मुल्‍क कमजोर होंगे। इसके अलावा पुतिन अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। दोनों नेता ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के मद्देनजर कच्चे तेल की स्थिति समेत विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि अगर सेना के बेड़े में एस 400 ट्रायम्‍फ एयर डिफेंस सिस्‍टम शामिल हुआ तो इसके क्‍या दूरगामी परिणाम होंगे। हमारी रक्षा प्रणाली कितनी मजबूत होगी। यह कैसे काम करेगा। जी हां, इस डिफेंस सिस्‍टम से भारत की सुरक्षा निगरानी बेहद मजूबत हो जाएगी। भारतीय सेना दुश्‍मन की हर गतिविधियों पर पैनी नजर रख सकेगी। इसका अंजदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महज तीन एस 400 ट्रायम्‍स से पाकिस्‍तान के चप्‍पे-चप्‍पे पर सेना के जवान नजर रख सकेंगे। इसकी सूचना से पाकिस्‍तान के हर हमले को प्रहार के पूर्व ही विफल किया जा सकता है। उसके लड़ाकू विमानों और ड्रोन्‍स को आसानी को आसानी से गिराया जा सकता है। इस रक्षा सस्टिम की खूबियां 1- एक साथ 100 से 300 लक्ष्‍यों को ट्रैक करने में कुशल दरअसल, एस-400 लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला एक मिसाइल सिस्टम है, जिसे रूस ने बनाया है। ये एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। अपनी खूबियों के कारण ही इस सिस्‍टम पर चीन अौर पाकिस्‍तान की नजर है। यह रक्षा प्रणाली बेहत संवदेनशील और उच्‍च क्षमता वाले रडार से युक्‍त है। इसलिए इसकी निगरानी क्षमता बेजोड़ है। यह रडार दुश्‍मन की हर गतिविधि पर नजर रखने में सक्षम है। यह एक साथ 100 से 300 लक्ष्‍यों को ट्रैक कर सकता है। यानी एस-400 ट्रायम्‍फ मिसाइल एक साथ 100 हवाई खतरों को भांप सकता है और अमेरिका निर्मित एफ-35 जैसे 6 लड़ाकू विमानों को दाग सकता है। क्रूज पर छुट्टी मनाने गए 1300 भारतीयों ने यूं कटाई देश की नाक.. विदेशी बोले- शर्मनाक यह भी पढ़ें यह सिस्‍टम मोबाइल कमांड सेंटर से लैस है। इसके चलते कमांड पोस्‍ट पर तैनात हथियार परिचालक अपने साथी सुरक्षाकर्मी से वार्ता कर सकते हैं। इसका फायर कंट्रोल रडार तत्‍काल फैसला लेने में मददगार होता है। लक्ष्‍य सुनिश्चित होने पर कमांड सेंटर फायर कंट्रोल रडार को मिसाइल लांच करने के आदेश देता है। इसकी रफ्तार 17000 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस मिसाइल की रफ्तार वर्तमान में मौजूदा किसी भी विमान से ज्‍यादा है। 2- 600 किलोमीटर तक निगरानी रखने में सक्षम उपकरण सतह से आकाश में यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर अपना लक्ष्‍य भेदने में सक्षम है। मिसाइल दागने की क्षमता में एस 400 ट्रायम्‍फ बाकी रक्षा प्रणाली से ढाई गुना अधिक है। सतह से एस 400 ट्रायम्‍फ करीब 600 किलोमीटर तक निगरानी कर सकता है। 400 किलोमीटर दूर से यह दुश्‍मन के मिसाइल को मार गिराने की क्षमता रखता है। यह दुश्‍मन के लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल और ड्रोन्‍स को नष्‍ट करने में पूरी तरह से सक्षम है। यानी 400 किमी के रेंज में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है 3- मस्‍ट में एक साथ 72 मिसाइलें एक साथ प्रत्‍येक एस 400 ट्रायम्‍फ में आठ मिसाइल लांचर होते हैं। इससे 400 मिसाइलों को लांच किया जा सकता है। इसमें एक कमांड सेंटर और उच्‍च क्षमता वाला रडार होता है। यह मस्‍ट युक्‍त होता है। इस मस्‍ट में 72 मिसाइलें आ सकती है। भारत की मिसाइल डिफेंस क्षमता भारतीय सेना के पास तीन प्रकार की मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम है। पहला- स्‍पाइडर, इसकी क्षमता 15 किलोमीटर है। इसकी प्रहार क्षमता 15 किमी है। यह दुश्‍मन की हरकतों पर नजर रख सकता है। सेना ने 1800 स्‍पाइडर का आर्डर दिया है। दूसरा, आकाश है। इसकी क्षमता स्‍पाइडर से अधिक है। यह 25 किलोमीटर दूर तक दुश्‍मन की हर हरकत पर नजर रखने में सक्षम है। तीसरा, बराक है। यह 25 किलोमीटर तक दुश्‍मन की सभी गतिविधियों पर निगरानी कर उनके मंसूबों को नष्‍ट कर सकता है। यह पांच मिनट के भीतर मिसाइल की फायरिंग को रोकने में सक्षम है। JAGRAN TOP TEN: टॉप न्‍यूज, आज इन बड़ी खबरों पर बनी हुई है नजर यह भी पढ़ें चीन और तुर्की के बाद भारत डील करने वाला तीसरा देश चीन और तुर्की के बाद रूस के साथ एस-400 डील करने वाला भारत तीसरा मुल्‍क है। यानी भारत दुनिया का तीसरा मुल्‍क बन गया है जिसके पास यह मिसाइल सिस्टम मौजूद होगा। सऊदी अरब के साथ भी इस मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर बात चल रही है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर देश की ही नहीं, बल्कि चीन और पाकिस्‍तान समेत दुनिया की नजरें हैं। आप जानते हैं क्‍यों। आइए, हम आपको बताते हैं वह खास वजह, जिसके चलते हमारे पड़ोसी मुल्‍कों की …

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 राशिफल 04 अक्टूबर : आपका दिन शुभ होगा,सभी काम समय पर पुरे होंगे

मेष: कोई नया सौदा करते समय कागज़ात की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लें, कामकाज में अड़चनें आ सकती हैं।  वृषभ: कानूनी मामलों का निपटान होगा, शत्रु पक्ष आपकी गतिविधियों व ऊर्जा को देखकर ही परास्त हो जाएगा। ऋणों का …

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