भगवान गणेश ने चतुर्थी के दिन जन्म लिया था इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी कहा जाता है. इस बार चतुर्थी 5 सितम्बर को है. इस दिन दुनियाभर में गणेश जयंती धूमधाम से मनाई जाती है.
इसी दिन से शुरू होता है गणेश उत्सव. चतुर्थी पर मंगल कामना के लिए अपने घर में गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं लेकिन किसी तरह के गणेश और कहां स्थापित करने से वे प्रसन्न होते हैं
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यह कम लोग ही जानते हैं. उत्तर भारत में गणेश चतुर्थी को ढेला चतुर्थी भी कहते हैं.घर में शांति,सुख-समृद्धि की कामना रखने वाले लोग सफेद रंग के विनायक की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं. घर में इनका स्थाई चित्र भी लगाना चाहिए.घर परिवार में हमेशा मंगल रहें, इसके लिए सिन्दूरी रंग की गणेश प्रतिमा स्थापित करके नियमानुसार आराधना करना चाहिए.गणेशजी की बैठक मुद्रा वाली प्रतिमा घर पर स्थापित करना शुभ होता है.
इसी प्रकार कला अथवा अन्य शिक्षा के प्रयोजन से पूजन करना हो तो नृत्य गणेश की प्रतिमा अथवा तस्वीर का पूजन लाभदायक होता है.बैठे हुए और बाएं हाथ की तरफ सूंड किए गणेशजी की स्थापना करना चाहिए. दाएं हाथ की तरफ यदि सूंड है तो गणेशजी हठी माने गए हैं और उनकी साधना और आराधना कठिन होती है. वे देर से प्रसन्न होते हैं.गणेश उत्सव के पहले दिन किसी भी शुभ मुहूर्त में गणेशजी की स्थापना करके इनकी पूजा करे, पूजा में एक सुपारी भी रखे, पूजा के बाद इस सुपारी को अपनी तिजोरी में रख दे, ऐसा करने से आपकी तिजोरी कभी भी खाली नहीं रहेगी.
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