लखनऊ.बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) में शुक्रवार को 7वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बतौर मुख्य अतिथि शिकरत की। राष्ट्रपति के साथ उनकी वाइफ सविता कोविंद, न्यायधीश प्रमोद कोहली, यूपी के गवर्नर राम नाईक, टेक्निकल एजुकेशन मिनिस्टर आशुतोष टंडन, यूजीसी के चेयरमैन वीएस चौहान भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कहा- “यहां उपस्थित सभी लोगों को मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई।” लखनऊ में आप की तहजीब देखने को मिलती है जो सम्मान और प्राथमिकता का संदेश है।
-प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने कहा, “सभी देशवासी लखनऊ की पहले आप की तहजीब सीख ले तो देश की आधी समस्या खत्म हो जाएगी। बाबा साहब अम्बेडकर का लखनऊ से पुराना नाता रहा है। उन्हें दीक्षा देने वाले गुरु भदन्त प्रज्ञानंद लखनऊ में ही रहते थे।”
-लखनऊ आकर मेरी पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। 2002-03 में मैं बीबीएयू की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट का मेम्बर था। मुझें आज यहां आकर बेहद खुशी है।
-बीबीएयू में अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. भीम राव अम्बेडकर दो सभागार बने हुए हैं। हमें दोनों का सम्मान करने और याद करने का मौका मिला है। ये मेरे लिए खुशी की बात है।
-बाबा साहब अम्बेडकर ने अपने परिश्रम से दुनिया में अपना एक अलग मुकाम कायम किया था।
-17 साल की उम्र में सुषमा वर्मा बीबीएयू से पीएचडी कर रही हैं और नीलू शर्मा को टेलीविजन फॉर इनवायरमेंट का फिल्म फॉर चेंज फेलशिप (लंदन) मिला है। इन दोनों बेटियों ने मेरे मन मे कभी न मिटने वाली एक अलग सी छाप छोड़ी है।
-जब देश विकसित होगा तभी सभी को विकास का अवसर मिलेगा। माता पिता और गुरुजनों ने आपको पढ़ाया है।
-जिन छात्रों को गोल्ड मेडल मिला है अगर वे अपना काम शुरू करते हैं तो आपको अपार सफलता मिल सकती है।
-बीबीएयू के छात्रों से उम्मीद करता है कि वे लाइफ में समानता और एकता का भाव बनाये रखेंगे।
-आज एक भारत रत्न को याद करने का दिन भी है लौह पुरूष सरदार पटेल जी की पुण्यतिथि है। जिनको हम सभी नमन करते हैं। बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में दो बेटियों ने वो कर दिखाया जिससे हर भारतवासी को गर्व है। इतने कम उम्र में बेटियां पीएचडी कर इस विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है।
राज्यपाल ने क्या कहा
-वहीं, राज्यपाल रामनाईक ने कहा- “दीक्षांत समारोह का मतलब है कि किताबी पढ़ाई खत्म हुई है। अब जीवन की लड़ाई स्टार्ट हुई है और ज्ञान तो जीवन के अंत तक प्राप्त करना चाहिए।”
-उन्होंने कहा- 3 बातों का ख्याल रखिए, माता-पिता, गुरुजन ने आपके पंखों में ताकत भरी है। आपको ऐसे आकाश में उड़ान करना है। जहां पूरा आकाश खुला है। जीवन मे अब बहुत बड़ी स्पर्धा आई है। इस स्पर्धा में आगे बढ़ना है तो कड़ी मेहनत के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। शॉर्टकट का प्रयोग कभी ना करो, जो हिम्मत नहीं हारता है, जीवन में वही आगे जाता है।
-जो विद्यार्थी पास हुए हैं उनमें लड़कियां ज्यादा हैं। लड़कियां पढ़ने के लिए लड़कों से ज्यादा आगे आ रही हैं। 192 पदक में लड़कों को 70 पदक मिले हैं, जबकि 122 पदक लड़कों को मिले हैं।
इन चार छात्र- छात्राओं को मिला राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड मेडल
-विकास चौरसिया- 2016 बैच- एमएससी एम्प्लॉयड मैथमेटिक्स- 94.69%
-महेंद्र- 2016 बैच एमएससी एम्प्लॉयड मैथमेटिक्स- 89.06%
-ऋचा वर्मा- 2017 बैच- एमएससी इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी- 90.83%
-मंजेश कुमार- 2017 बैच- एमएससी एम्प्लॉयड मैथमेटिक्स- 89.38%
राष्ट्रपति ने किया अम्बेडकर भवन का उद्घाटन
-राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद रिमोट लेकर अम्बेडकर भवन का उद्घाटन करने मंच पर पहुंचे। लेकिन रिमोट का बटन दबाने पर वह काम नहीं कर रहा था। ये देख मौके पर बीबीएयू के रजिस्ट्रार वी राम ने पर्दा हटाया। उसके बाद उद्घाटन का कार्य सम्पन्न हो पाया।
इन दो छात्राओं को राष्ट्रपति ने किया जिक्र
-नीलू शर्मा को स्वामी विवेकानंद फेलोशिप फार सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप और टेलीविजन फॉर इनवायरमेंट का फ़िल्म फार चेंज फेलशिप लंदन से मिली है। वहीं, सुषमा वर्मा ने सबसे कम उम्र की पीएचडी की पढ़ाई कम्प्लीट की है। इन दोनों छात्राओं को प्रोग्राम में बोलने का मौका मिला।
नहीं पहुंचे सीएम
-सीएम योगी आदित्यनाथ को भी इस प्रोग्राम में इनवाइट किया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे। राष्ट्रपति के हाथों चार गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इस प्रोग्राम में कुल 210 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और करीब 2 हजार छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गई।
बौद्धभिच्छु प्रज्ञानंद को दी श्रद्धांजलि
-राष्ट्रपति एयरपोर्ट से सीधे रिसालदार पार्क पहुंचे और वहां बौद्धभिच्छु प्रज्ञानंद को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान राज्यपाल रामनाईक भी मौजूद थे।