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वाराणसी में 42 दिन का रेल ट्रैफिक ब्लॉक, दर्जनों गाडिय़ां प्रभावित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म के काम के साथ ही वॉशेबल एप्रेन के निर्माण के कारण जा रहा है। इसके कारण आज से 42 दिन तक रेल संचालन प्रभावित रहेगा। वाराणसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर आठ पर पर वॉशेबल एप्रेन के निर्माण के चलते आज से 26 जुलाई तक 42 दिनों के लिए मेगा ट्रैफिक ब्लॉक लिया गया है। इसके कारण वाराणसी से चलने वाली दर्जनों गाडिय़ों की आवाजाही प्रभावित हुई है। दो दर्जन ट्रेनों का परिचालन अस्थायी तौर पर ठप रहेगा। इसके चलते गुजरात, बुंदेलखंड व मुंबई सहित अन्य रूट के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नितिन चौधरी के अनुसार वॉशेबल एप्रेन निर्माण कार्य के लिए प्लेटफार्म नंबर आठ पर 15 जून से 26 जुलाई तक ट्रैफिक लॉक लिया जा रहा है। इस अवधि में 25 ट्रेनें अस्थायी रुप से रद रहेंगी। इनमें नौ पैसेंजर ट्रेन भी शामिल हैं। 42 दिनों तक प्रभावित ट्रेन में 20904 वाराणसी-वडोदरा महामना सुपर फास्ट दिनांक 15 जून 22 जून 29 जून और 6 जुलाई 13 जुलाई और 20 जुलाई को रद रहेगी। 20903 वडोदरा-वाराणसी महामना सुपर फास्ट एक्सप्रेस दिनांक 13, 20, 27 जून और 04, 11 व 18 जुलाई को रद रहेगी। ट्रेन संख्या 19168 वाराणसी-अहमदाबाद साबरमती एक्सप्रेस दिनांक 17, 19, 21, 22, 24, 26, 28, 29 जून और 01, 03, 05, 06, 08, 10, 12, 13, 15, 17, 19, 20, 22, 24, 26 व 27 जुलाई को रद रहेगी। ट्रेन 19167 अहमदाबाद-वाराणसी साबरमती एक्सप्रेस दिनांक 14, 16, 18, 19, 21, 23, 25, 26, 28 व 30 जून और 02, 03, 05, 07, 09, 10, 12, 14, 16, 17, 19, 21, 23 व 24 जुलाई को रद रहेगी। ट्रेन 11072 वाराणसी-लोकमान्य तिलक टर्मिनस कामायनी एक्सप्रेस आज से 27 जुलाई तक रद रहेगी। 11071 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस दिनांक 13 जून से 25 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 11108-21108 वाराणसी-ग्वालियर/खजूराहो बुन्देलखंड एक्सप्रेस दिनांक 15 जून से 26 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 11107-21107 ग्वालियर/खजूराहो-वाराणसी बुन्देलखंड एक्सप्रेस 14 जून से 25 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 16230 वाराणसी-मैसूर एक्सप्रेस 16, 21, 23, 28, 30 जून, 5, 7, 12, 14, 19, 21 व 26 जुलाई को रद रहेगी। ट्रेन 16229 मैसूर-वाराणसी एक्सप्रेस 14, 19, 21, 26, 28 जून, 3, 5, 10, 12, 17, 19 व 24 जुलाई को रद रहेगी। ट्रेन 17324 वाराणसी-हुबली एक्सप्रेस 10, 17, 24 जून, एक, 08, 15 व 22 जुलाई को रद रहेगी। ट्रेन संख्या 17323 हुबली-वाराणसी एक्सप्रेस 08, 15, 22, 29 जून छह, 13 व 29 जुलाई को रद रहेगी। ट्रेन 13133 सियालदाह-वाराणसी एक्सप्रेस 12, 13, 15, 16, 18, 19, 20, 22, 23, 25, 26, 27, 29, 30 जून, दो, तीन, चार, छह, सात, नौ, दस, 11, 13, 14, 16, 17, 18, 20, 21, 23, 24 व 25 जुलाई को रद रहेगी। 13134 वाराणसी-सियालदाह एक्सप्रेस 15, 16, 18, 19, 21, 22, 23, 25, 26, 28, 30 जून, दो, तीन, पांच, छह, सात, नौ, 10, 12, 13, 14, 16, 17, 19, 20, 21, 23, 24, 26 व 27 जुलाई को रद रहेगी। इनके साथ ही ट्रेन, 54255 वाराणसी-लखनऊ पैसेंजर 16 जून से 27 जुलाई तक, 54256 लखनऊ- वाराणसी पैसेंजर 15 जून से 26 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 54261 मुगलसराय-जौनपुर पैसेंजर 14 जून से 26 जुलाई तक ट्रेन 54262 जौनपुर-वाराणसी पैसेंजर 15 जून से 26 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 54267 मुगलसराय-वाराणसी पैसेंजर 15 जून से 26 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 54268 वाराणसी-मुगलसराय पैसेंजर 15 जून से 26 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 54270 वाराणसी-मुगलसराय पैसेंजर 15 जून से 26 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 63553 आसनसोल-वाराणसी एमईएमयू 14 जून से 14 जून से 26 जुलाई तक रद रहेगी। ट्रेन 63554 वाराणसी-आसनसोल एमईएमयू 15 जून से 27 जुलाई तक रद रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म के काम के साथ ही वॉशेबल एप्रेन के निर्माण के कारण जा रहा है। इसके कारण आज से 42 दिन तक रेल संचालन प्रभावित रहेगा। वाराणसी रेलवे स्टेशन …

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इतिहास बन जाएगी लालू द्वारा शुरू की गई ये रेल सेवा, जानिए वर्षों तक क्‍यों चली घाटे में

पटना घाट से दीघा घाट का रेलखंड पटना का सबसे पुराना रेलखंड है। पटना में रेल लाइन बिछाने के लिए इसका निर्माण किया गया था। बाद में इसपर रेलसेवा बंद हो गई। लालू प्रसाद के रेलमंत्री बनने के बाद इस ट्रैक पर पुन: रेल का परिचालन शुरू हुआ। इस रूट पर सात हॉल्ट दीघा, राजीव नगर, शिवपुरी, पुनाईचक, बेलीरोड, पुराना सचिवालय और आर ब्लॉक हैं। गुजरती है ट्रेन तो लगता है जाम इस रेलखंड पर सुबह और शाम मिलाकर दो जोड़ी डेमू ट्रेनों का परिचालन दानापुर मंडल की ओर से किया जा रहा है। इन ट्रेनों में मुश्किल से चार-पांच यात्री सवार होकर यात्रा करते हैं। सुबह-शाम जब यह ट्रेन बेली रोड को पार करती है तो क्रॉसिंग बंद होने से दोनों ओर गाडिय़ों की लंबी कतारें लग जाती हैं। पटना घाट से गाड़ी 8 बजकर 20 मिनट में खुलती है। सभी स्टेशनों और हॉल्टों पर रूकते हुए दीघा हॉल्ट पर 9 बजकर 45 मिनट पर पहुंचती है। कुछ ही समय के बाद ट्रेन वापस प्रस्थान कर जाती है। अरबों की जमीन बचाने के लिए घाटे में चलाई जा रही थी ट्रेन पटना-दीघा रेलखंड की अरबों की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए रेल प्रशासन हर माह लाखों का घाटा सहकर ट्रेन चला रहा है। इस रेलखंड में चलने वाली ट्रेन लगभग खाली ही रहती है। यात्री नहीं मिलते हैं। हाल्टों पर टिकट घर वर्षो से बंद है। फिर भी रेलगाड़ी चलती है। हालांकि रेलगाड़ी के परिचालन के बाद भी पटरी के दोनों तरफ खटाल हैं। अतिक्रमणकारी हमेशा इस रेलखंड की जमीन को कब्जा करने की जुगत में लगे रहते हैं।  रेल मंत्रालय द्वारा पटना-दीघा रेलखंड की जमीन को राज्य सरकार को पथ निर्माण के लिए देने के फैसले के बाद दानापुर रेलमंडल के डीआरएम रंजन प्रकाश ने बताया कि रेलगाड़ी नहीं चलाई जाती तो जमीन पर अतिक्रमण हो जाता। अतिक्रमण से जमीन को बचाए रखने के लिए घाटे बाद भी रेलगाड़ी चलाई जा रही थी।डीएमआरएम ने बताया कि यातायात को सुगम बनाये रखने में दीघा-पटना रेलखंड की जमीन मील की पत्थर साबित होगी। दूसरी तरफ पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पटना-दीघा रेलखंड की जमीन 71.253 एकड़ है। रेल मंत्रालय इस रेलखंड की जमीन को सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार को देने का सैद्धांतिक सहमति दे दी है। पटना की यातायात व्यवस्था सुगम हो जाएगी। 221.7191438 करोड़ रुपये राज्य सरकार रेलवे को भुगतान करेगी। पटना उच्च न्यायालय की कमेटी ने जमीन के बदले राशि तय की है। बोरिंग रोड को जाम से मिलेगी राहत, घट जाएगी दीघा की दूरी दीघा-पटना रेलखंड की जगह फोरलेन बन जाने से बोरिंग रोड और अशोक राजपथ पर वाहनों का दबाव घट जाएगा। अभी सड़क जाम के कारण दीघा से पटना जंक्शन जाने में घंटों लग जाते हैं। सड़क निर्माण के बाद दीघा से पटना जंक्शन की दूरी भी घटकर महज सात किलोमीटर हो जाएगी। शहर के कई महत्वपूर्ण सड़क भी इससे जुड़ जाएंगे। नई सड़क के बाद उत्तर बिहार से आने वाले वाहनों के बोझ को भी आसानी से झेला जा सकेगा। दीघा गंगा ब्रिज से अभी छोटे वाहनों का परिचालन हो रहा है। सोनपुर की तरफ चौड़ी सड़क के निर्माण नहीं होने के कारण वाहनों का दबाव नहीं है। उत्तर बिहार से आने वाले वाहनों के लिए एम्स तक जाने के लिए एलिवेटेड रोड का निर्माण भी हो रहा है। इसके साथ बगल में चौड़ी सड़क का निर्माण हुआ है। जुड़ जाएंगी कई कॉलोनियां दीघा रेल लाइन के स्थान पर सड़क निर्माण के बाद राजधानी के कई मोहल्ले मुख्य सड़क पर आ जाएंगे। पंचवटी कॉलोनी, माइका कॉलोनी, फेयर फिल्ड कॉलोनी, राजीव नगर, इंद्रपुरी, महेश नगर, शिवपुरी, पटेलनगर पूर्णरूप से मुख्य सड़क के किनारे आ जाएंगे। इन मोहल्ले का कायाकल्प हो जाएगा। इसके अलावा दीघा, पाटलिपुत्र, पुनाइचक, एसकेपुरी, आर.ब्लॉक का अधिकांश क्षेत्र का एक छोर मुख्य सड़क से जुड़ जाएगा।

पटना घाट से दीघा घाट का रेलखंड पटना का सबसे पुराना रेलखंड है। पटना में रेल लाइन बिछाने के लिए इसका निर्माण किया गया था। बाद में इसपर रेलसेवा बंद हो गई। लालू प्रसाद के रेलमंत्री बनने के बाद इस …

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फैयाज और डार की हत्या से सबक लिया होता, तो बच जाती औरंगजेब की जान

अगर सरकार ने सेना के शहीद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज और शहीद जवान इरफान अहमद डार की हत्या से सबक लिया होता, तो औरंगजेब की जान नहीं गई होती. आतंकियों ने फैयाज और डार की भी हत्या उस समय की थी, जब वो छुट्टी में अपने घर गए हुए थे. सेना ने फैयाज और डार को खोने के बाद एसओपी यानी Standard operating procedure का पालन जरूरी करने का फैसला किया था. इसके तहत सेना में तैनात कश्मीर घाटी के कर्मियों को सुरक्षा देने और उनके घर के नजदीक की स्थानीय सेना यूनिट को जानकारी देने की व्यवस्था की गई थी. हालांकि शहीद औरंगजेब के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. उनको घर तक छोड़ने के लिए न तो वाहन की व्यवस्था की गई और न ही सुरक्षा मुहैया कराई गई. उनको यूनिट के सैनिकों ने रास्ते से गुजर रही कार को हाथ देकर रुकवा लिया और उनको बैठा दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि आतंकियों ने उनको रास्ते में आगवा कर लिया और हत्या कर दी. औरंगजेब को बिना सुरक्षा के भेजने से पहले इस बात को भलीभांति समझ लेना चाहिए था कि जम्मू-कश्मीर में आतंक के सौदागर अमन की भाषा नहीं जानते हैं. रमजान के पवित्र महीने में सरकार ने जब घाटी में सीजफायर किया, तो यह उम्मीद की जा रही थी कि इससे सूबे के हालात बदलेंगे, लेकिन आतंकी खूनी खेल खेलने से बाज नहीं आए. ईद मनाने घर जा रहे सेना के एक जवान औरंगजेब को पुलवामा से आतंकवादियों ने अगवा कर लिया और निर्मम हत्या कर दी. आतंकियों ने ऐसे किया अगवा गुरुवार को औरंगजेब ईद मनाने के लिए घर जा रहे थे. सुबह करीब नौ बजे यूनिट के सैनिकों ने एक कार को रोककर चालक से औरंगजेब को शोपियां तक छोड़ने को कहा. वो बेफिक्र होकर उस कार में सवार होकर घर के लिए निकल पड़े. हालांकि उनको यह पता नहीं था कि वो इस बार ईद मनाने घर नहीं पहुंच पाएंगे. वो जिस कार में सवार होकर घर जा रहे थे, आतंकवादियों ने उनको कालम्पोरा में रोक लिया और उनका अपहरण कर लिया. गोलियों से छलनी शव हुआ बरामद आतंकियों के चंगुल में आए सेना के जांबाज औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव गुरुवार रात करीब 10 बजे पुलवामा के जंगलों से बरामद हुआ. ईद से ठीक पहले कश्मीर में आतंकियों ने खून की होली खेल डाली. पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला. उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान मिले. औरंगजेब 4-जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के शादीमार्ग (शोपियां) स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे. हिज्बुल आतंकी समीर को ढेर करने वाली टीम का हिस्सा थे औरंगजेब वो हिज्बुल आतंकी समीर को 30 अप्रैल 2018 को ढेर करने वाले मेजर रोहित शुक्ला की टीम में शामिल थे. जांबाज औरंगजेब ने कई बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दिया था. माना जा रहा है कि सेना के ऑपरेशनों में हिस्सा लेने के चलते आतंकियों ने उनको निशाना बनाया है. ईद से पहले कश्मीर में दो जनाजे एक साथ कश्मीर को एक ही दिन दो जनाजों का सामना करना पडा. एक तरफ कलम का सेनानी शुजात बुखारी तो दूसरी तरफ सीमा का प्रहरी औरंगजेब. आतंकवादियों ने दिखा दिया है कि रमजान में सीजफायर के फैसले का उनके लिए क्या मतलब है. आतंकियों ने औरंगजेब के परिवार की ईद कर दी काली औरंगजेब और बुखारी के परिवारों की ईद आतंकियों ने काली कर दी. बेटे औरंगजेब के अगवा होने की खबर मिलते ही उनके पिता दिनभर दरगाह के सामने घुटने टेककर सलामती के लिए दुआ मांगते रहे, लेकिन वो दुआ नामंजूर हो गई. आतंकियों ने एक बहन की रहम की फरियाद पर खून फेर दिया है. गोलियों से छलनी औरंगजेब की लाश हिंदुस्तान के लिए सबक है कि वो आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर नए सिरे से विचार करे.

अगर सरकार ने सेना के शहीद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज और शहीद जवान इरफान अहमद डार की हत्या से सबक लिया होता, तो औरंगजेब की जान नहीं गई होती. आतंकियों ने फैयाज और डार की भी हत्या उस समय की थी, …

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फजलुल्लाह पर US ने रखा था 32 करोड़ का इनाम, मलाला पर कराया था हमला

अमेरिका ने आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के सरगना मौलाना फजलुल्लाह को ड्रोन स्ट्राइक कर मार गिराया है. अमेरिकी सेना ने यह दावा किया है कि 13 जून को अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर कुनार प्रांत में आतंक विरोधी हमले में फजलुल्लाह मारा गया. आतंकी फजलुल्लाह अमेरिका की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में था और उस पर करीब 32.5 करोड़ रुपये का इनाम था. अमेरिका के एक राज्य विभाग ने तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) पाकिस्तान प्रमुख मौलाना फजलुल्लाह की पहचान या उसका पता बताने वाले को 50 लाख डॉलर (32.5 करोड़ रुपये) के इनाम की घोषणा की थी. आतंकी फजलुल्लाह पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का मुखिया था. टीटीपी को सितंबर 2010 में वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. फजलुल्लाह कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका था. उसी ने नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर हमला करवाया था. नवम्बर 2013 में फजलुल्लाह को तहरीक-ए-तालिबान का नेता चुना गया था. तहरीक-ए-तालिबान वही संगठन है जिसने पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में 134 बच्चे समेत करीब 151 लोगों की मौत हो गई थी. हाल के दिनों में पाकिस्तान में हुए ज्यादातक आंतकी हमलों के पीछे टीटीपी का ही हाथ था. फजलुल्लाह पाकिस्तान में कई खूनी हमले और साल 2010 में न्यूयॉर्क में टाइम्स स्क्वायर कार बम विस्फोट की कोशिश में शामिल था. पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार कई आक्रामक अभियान के बाद तहरीक ए तालिबान को पाकिस्तान से खदेड़ दिया गया जिसके बाद फजलुल्लाह अफगानिस्तान में छिपा हुआ था. कई बार मारे जाने की खबर बता दें कि इससे पहले भी तालिबानी चीफ के मारे जाने की खबरें आती रही हैं, लेकिन वो सभी खबरें झूठी निकलीं. मार्च 2015 में खबर आई थी कि खैबर एजेंसी के तिराह घाटी में हुए हवाई हमलों में मारे जाने वालों में फजलुल्लाह भी शामिल है. लेकिन उसके बाद टीटीपी ने इसे अफवाह बताया था और कहा था कि उनका चीफ अभी जिंदा है. ठीक इसी तरह जून 2009 में भी फजलुल्लाह के मारे जाने की खबर आई थी.

अमेरिका ने आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के सरगना मौलाना फजलुल्लाह को ड्रोन स्ट्राइक कर मार गिराया है. अमेरिकी सेना ने यह दावा किया है कि 13 जून को अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर कुनार प्रांत में आतंक विरोधी हमले में …

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CIA ने VHP-बजरंग दल को बताया उग्रवादी संगठन, RSS को राष्ट्रवादी

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल को धार्मिक उग्रवादी संगठन तथा आरएसएस को राष्ट्रवादी संगठन बताया है. सीआईए द्वारा जारी वर्ल्ड फैक्ट बुक में विहिप और बजरंग को 'राजनीतिक दवाब समूह' की श्रेणी में शामिल किया गया है. सीआईए की फैक्टबुक में विहिप और बजरंग दल के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख एक 'राष्ट्रवादी संगठन' के तौर पर किया गया है. इस सूची में कश्मीर के संगठन ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को एक अलगाववादी समूह बताया गया है. इसी तरह जमीयत उलेमा-ए-हिंद को एक 'धार्मिक संगठन' बताया है. वर्ल्ड फैक्टबुक अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए का सालाना पब्लिकेशन होता है. इसमें दुनिया के 267 देशों-क्षेत्रों के इतिहास, लोगों, सरकार, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, भूगोल, संचार, यातायात, सेना और कई अन्य मसलों पर जानकारी दी जाती है. खबरों की मानें तो दोनों ही संगठन इस कदम से नाखुश हैं और इस टैग को हटाने के लिए कानूनी रास्तों को अपनाने का विचार कर रहे हैं. 'द प्रिंट' से बात करते हुए बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक मनोज वर्मा ने कहा कि 'यह कुछ दिनों पहले हमारी जानकारी में आया था. हम विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं और इसका सामना करने के लिए कानूनी सलाह चाहते हैं.' ‘राजनीतिक दबाव समूह और नेता’ श्रेणी के तहत दोनों संगठनों को उग्रवादी धार्मिक संगठनों के रूप में नामित किया गया है.

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल को धार्मिक उग्रवादी संगठन तथा आरएसएस को राष्ट्रवादी संगठन बताया है. सीआईए द्वारा जारी वर्ल्ड फैक्ट बुक में विहिप और बजरंग को ‘राजनीतिक दवाब समूह’ की श्रेणी में …

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AAP का नया दांव, LG दफ्तर में धरने के बाद अब PM आवास का घेराव

अफ्रीका से गधे चोरी कर रहा है चीन, ये है खास वजह

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के अनशन का आज पांचवा दिन है. केजरीवाल के साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय उपराज्यपाल के दफ्तर में धरने पर बैठे हैं. मंत्रियों के अनशन की वजह से एलजी …

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अफ्रीका से गधे चोरी कर रहा है चीन, ये है खास वजह

चीन में जिलेटिन की मांग की वजह से अफ्रीकी देशों से काला बाजारी के जरिए गधों की खाल को चीन भेजा जा रहा है. इस वजह से अफ्रीका के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां काफी संख्या …

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1 दिन में 15 लाख व्यू ,वायरल है सलमान की रेस 3 का ये स्पूफ वीडियो

सलमान खान की फिल्म रेस-3 रिलीज हो चुकी है. सलमान के फैन सोशल मीडिया पर इसे शानदार रिस्पॉन्स भी दे रहे हैं. फिल्म की रिलीज से पहले इस पर काफी मीम्स बने थे. अब स्पूफ वीडियो भी सामने आ रहे …

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परमाणु से जॉन को मिली ऐसी कामयाबी,क्या तोड़ पाएंगे अपना ये रिकॉर्ड?

बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम की फिल्म 'परमाणु- द स्टोरी ऑफ पोखरण' बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है. फिल्म कुल तीन हफ्तों से स्क्रीन पर है और अब तक का कुल कलेक्शन 58 करोड़ 86 लाख रुपये हो चुका है. इस फिल्म से जॉन अब्राहम को कई साल बाद कामयाबी मिली है. इससे पहले साल 2015 में आई उनकी फिल्म ढिशूम बॉक्स ऑफिस पर ऐसा कमाल कर पाने में सफल हुई थी. Box Office पर चला परमाणु का जादू तकरीबन 60 करोड़ रुपये का बिजनेस कर चुकी जॉन अब्राहम की फिल्म 'परमाणु' आईपीएल फिनाले के वक्त रिलीज हुई थी और इसका नुकसान यह हुआ कि फिल्म फर्स्ट डे पर कुछ खास बिजनेस नहीं कर सकी. ऐसे में कई लोगों ने फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर चलने पर संदेह भी जताया. एक अन्य निगेटिव पॉइंट यह भी था कि फिल्म की बहुत ज्यादा पब्लिसिटी नहीं की गई थी. गिने चुने इंटरव्यूज के दम पर इस फिल्म को रिलीज कर दिया गया. taran adarsh ✔ @taran_adarsh #Parmanu biz at a glance... Week 1: ₹ 35.41 cr Week 2: ₹ 16.42 cr Week 3: ₹ 7.03 cr Total: ₹ 58.86 cr India biz. HIT. 10:45 AM - Jun 15, 2018 1,511 141 people are talking about this Twitter Ads info and privacy 'परमाणु' के बाद ऐसी फिल्में करना चाहते हैं जॉन अब्राहम ऐसे कई कारण थे जिनके चलते फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो पाने की प्रबल संभावनाएं थीं, लेकिन फिल्म को माउथ पब्लिसिटी का फायदा मिला जिसके चलते फिल्म के बिजनेस का ग्राफ धीरे-धीरे करके ऊपर आना शुरू हो गया. ढिशूम ने उस वक्त 70 करोड़ रुपये का लाइफटाइम कलेक्शन किया था देखना यह होगा कि फिल्म परमाणु ढिशूम का रिकॉर्ड तोड़ पाती है या नहीं.

बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम की फिल्म ‘परमाणु- द स्टोरी ऑफ पोखरण’ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है. फिल्म कुल तीन हफ्तों से स्क्रीन पर है और अब तक का कुल कलेक्शन 58 करोड़ 86 लाख रुपये हो चुका …

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ऑस्ट्रेलिया मानो बच्चो की टीम, दमदार कप्तान नहीं साबित हुए स्मिथ:लैंगर

ऑस्ट्रेलिया के नए कोच जस्टिन लैंगर ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने केपटाउन में गेंद से छेड़छाड़ की घटना से पहले ‘बिगड़ैल बच्चों’ जैसा व्यवहार किया और स्टीव स्मिथ इस स्थिति से निबटने के लिये दमदार कप्तान साबित नहीं हुए.स्मिथ, …

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