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नेमार ने दागा 55वां गोल, अब रोनाल्डो और महान पेले ही उनसे आगे

नेमार ने शुरुआती एकादश में वापसी करते हुए शानदार गोल दागा, जिससे ब्राजील ने विश्व कप से पूर्व अपने अंतिम मैत्री मैच में ऑस्ट्रिया को 3-0 से शिकस्त दी. नेमार ने इसके साथ ही तीन महीने पहले हुए पैर के ऑपरेशन के बाद पूर्ण फिटनेस हासिल करने की पुष्टि भी कर दी. स्टार नेमार ने मैच के 63वें मिनट में गोल दागा. यह ब्राजील की ओर से यह उनका 55वां गोल है. इसके साथ ही उन्होंने देश की ओर से सर्वााधिक गोल दागने वाले खिलाड़ियों की सूची में रोमारियो की बराबरी की. ब्राजील की तरफ से उनसे अधिक गोल अब सिर्फ महान पेले (77) और रोनाल्डो (62) ने दागे हैं. ब्राजील की ओर से दो अन्य गोल गैब्रिएल जीजस (36 वें मिनट) और फिलिप कोटिन्हो (69 वें मिनट) ने दागे. टिटे की टीम की विश्व कप पूर्व तैयारी काफी अच्छी रही है और अब टीम रूस के सोच्ची शहर में अपने बेस के लिए रवाना होगी. ब्राजील की टीम के आज रूस पहुंचने का कार्यक्रम है, जिसके बाद टीम अगले रविवार को स्विट्जरलैंड के खिलाफ टूर्नामेंट का अपना पहला मैच खेलेगी.

नेमार ने शुरुआती एकादश में वापसी करते हुए शानदार गोल दागा, जिससे ब्राजील ने विश्व कप से पूर्व अपने अंतिम मैत्री मैच में ऑस्ट्रिया को 3-0 से शिकस्त दी. नेमार ने इसके साथ ही तीन महीने पहले हुए पैर के …

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तो मेसी के बाद रोनाल्डो के रिकॉर्ड तक पहुंच जाएगा ये इंडियन स्टार?

करिश्माई खिलाड़ी सुनील छेत्री ने इंटरकॉन्टिनेंटल कप के फाइनल में केन्या के खिलाफ दो गोल कर बड़ी उपलब्धि हासिल की. भारतीय टीम के कप्तान ने अर्जेंटीना के दिग्गज लियोनेल मेसी के 64 गोल की बराबरी कर ली. छेत्री और मेसी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा गोल करने के मामले में संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं. सक्रिय फुटबॉलरों में सबसे ज्यादा गोल पुर्तगाल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने 150 मैचों में 81 गोल किए हैं. सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ियों की सम्रग सूची में ये दोनों खिलाड़ी हालांकि 21वें स्थान पर हैं. इनसे ऊपर आईवरी कोस्ट के दिदिएर ड्रोग्बा (104 मैच में 65 गोल) हैं. 33 साल के छेत्री का यह 102वां मैच था और इस मैच से पहले उनके नाम 62 अंतरराष्ट्रीय गोल थे. उन्होंने रविवार रात खेले गए फाइनल के आठवें और फिर 29वें मिनट में गोल दागे. छेत्री प्रति मैच गोल करने की औसत के मामले में मेसी से बेहतर और सक्रिय फुटबॉलरों में सबसे बेहतर हैं. छेत्री की औसत 0.62 गोल प्रति मैच है, जबकि मेसी का एवरेज 0.52 (124 मैचों में 64 गोल) का है. रोनाल्डो की औसत प्रति मैच 0.54 गोल का है. छेत्री पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया के बाद 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले केवल दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं. मैच के बाद छेत्री से जब मेसी से बराबरी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘मेसी और रोनाल्डों से मेरी तुलना करना सही नहीं है. मैं उन दोनों खिलाड़ियों का बड़ा प्रशंसक हूं. वे काफी बड़े खिलाड़ी हैं। मैं अपने देश के लिए अधिक से अधिक गोल करना चाहता हूं.’

करिश्माई खिलाड़ी सुनील छेत्री ने इंटरकॉन्टिनेंटल कप के फाइनल में केन्या के खिलाफ दो गोल कर बड़ी उपलब्धि हासिल की. भारतीय टीम के कप्तान ने अर्जेंटीना के दिग्गज लियोनेल मेसी के 64 गोल की बराबरी कर ली. छेत्री और मेसी अंतरराष्ट्रीय …

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संजू यो-यो टेस्ट में फेल, इंग्लैंड दौरे के लिए इंडिया-ए टीम से हुए बाहर

संजू सैमसन इंग्लैंड जाने वाली इंडिया-ए टीम से बाहर हो गए हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने यो-यो टेस्ट में फेल हो जाने की वजह से 23 साल के इल बल्लेबाज को दौरे पर जाने से मना कर दिया. श्रेयस अय्यर की कप्तानी वाली टीम शनिवार को दिल्ली से लंदन के लिए रवाना हुई, लेकिन संजू नहीं जा पाए. मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक संजू सैमसन यो-यो टेस्ट के तहत 16.1 का स्कोर करने में नाकाम रहे, जिसे भारतीय टीम ने टीम में शामिल होने के लिए मानक बना रखा है. न रॉयल्स ने उन्हें इस साल 8 करोड़ रुपये में खरीदा था. विजय हजारे ट्रॉफी में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा था. बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी के सूत्रों ने बताया कि कुछ ही दिन पहले खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट हुआ था. इंग्लैंड दौरे में वनडे ट्राई सीरीज के लिए 16 सदस्यीय इंडिया-ए टीम टीम की घोषणा 8 मई को की गई थी. टीम के रवाना होने से पहले संजू सैमसन का रिप्लेसमेंट नहीं मिल सका है, उम्मीद है जल्द ही किसी को भेजा जाएगा. श्रेयस अय्यर (कप्तान), पृथ्वी शॉ, मयंक अग्रवाल, शुभमान गिल, हनुमा विहारी, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), विजय शंकर, के. गौतम, अक्षर पटेल, क्रुणाल पंड्या, प्रसिद्ध कृष्ण, दीपक चाहर, खलील अहमद, शार्दुल ठाकुर आखिर क्या है यो-यो टेस्ट..? अब जरा 'यो-यो' परीक्षण को भी समझ लें. कई 'कोन' की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं. एक खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दौड़ना शुरू करता है. खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है तो उसने मुड़ना होता है. हर एक मिनट या इसी तरह से तेजी बढ़ती जाती है. अगर समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और 'बीप' के अंतर्गत तेजी पकड़नी पड़ती है. अगर खिलाड़ी दो छोरों पर तेजी हासिल नहीं कर पाता है तो परीक्षण रोक दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं.

संजू सैमसन इंग्लैंड जाने वाली इंडिया-ए टीम से बाहर हो गए हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने यो-यो टेस्ट में फेल हो जाने की वजह से 23 साल के इल बल्लेबाज को दौरे पर जाने से मना कर दिया. …

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चीन को OBOR पर फिर झटका, भारत ने नहीं किया समर्थन

कूटनीति के माहिर खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि वह पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्तों के हिमायती हैं, लेकिन भारत की संप्रभुता के साथ किसी भी हालत में समझौता नहीं हो सकता है. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे पीएम मोदी ने चीन की तमाम कोशिशों के बावजूद उसे तगड़ा झटका दिया है. चीन काफी समय से अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना 'वन बेल्ट वन रोड' (OBOR) पर भारत को साधने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उसको बार-बार विफलता का मुंह देखना पड़ता है. इस बार भी ऐसा हुआ और SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना का समर्थन करने से इनकार कर दिया. साथ ही चीन को पारदर्शिता और संप्रभुता के सम्मान करने की नसीहत भी दी. SCO सदस्य देशों में भारत इकलौता देश है, जो चीन की इस परियोजना का समर्थन नहीं कर रहा है. दरअसल, चीन की यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से गुजरती है, जिसका भारत कड़ा विरोध करता आ रहा है. भारत इसको अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है. भारत का कहना है कि PoK उसका अभिन्न हिस्सा है, जहां से उसकी इजाजत के बिना चीन कोई ऐसा निर्माण कार्य नहीं कर सकता है. SCO शिखर सम्मेलन में रूस, पाकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान ने चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना के समर्थन को दोहराया, लेकिन भारत ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. मतलब साफ था कि भारत अब भी चीन की इस परियोजना का समर्थन नहीं करता है. फिलहाल इसे चीन की कोशिशों के लिए एक झटका माना जा रहा है. रविवार को SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी प्रोजेक्टों पर भारत के नजरिए को सामने जरूर रखा, लेकिन उन्होंने चीन की OBOR परियोजना का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कनेक्टिविटी प्रोजेक्टों पर पारदर्शिता और संप्रभुता का सम्मान करने की बात कही. पहली बार SCO शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज हम फिर एक ऐसे मुकाम पर हैं, जहां भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी भूगोल की परिभाषा बदल रही हैं. विशेषकर SCO क्षेत्र और पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत की  प्राथमिकता है. हम ऐसे नए कनेक्टिविटी प्रोजेक्टों का स्वागत करते हैं, जो समावेशी, पारदर्शी और सभी देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें.

कूटनीति के माहिर खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि वह पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्तों के हिमायती हैं, लेकिन भारत की संप्रभुता के साथ किसी भी हालत में समझौता नहीं हो सकता …

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यह फोटो कुछ खास है! देखें: कैसे तमाम राष्ट्राध्यक्षों के बीच तनकर बैठे हैं ट्रंप

कहा जाता है कि 'एक तस्वीर हजार शब्दों' से ज्यादा बोलती है. कनाडा में हाल ही में संपन्न हुए जी-7 देशों के दो दिवसीय सम्मेलन से भी एक ऐसी दिलचस्प तस्वीर सामने आई है, जो बहुत कुछ बयां कर रही है. कनाडा के ला मालबयी में 8-9 जून को आयोजित 44वें शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. साथ ही संयुक्त बैठक भी हुईं. सम्मेलन के दौरान की एक तस्वीर काफी चर्चा बटोर रही है, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बाकी सदस्य देशों के नेता नजर आ रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं, जबकि जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और जापान के राष्ट्रपति शिंजो आबे उनके सामने खड़े हुए हैं. हालांकि, इस दौरान इन नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन जिस अंदाज में ट्रंप के सामने बाकी नेता खड़े हैं, उससे किसी टीचर के सामने स्टूडेंट जैसी तस्वीर उभर रही है. सोशल मीडिया पर इस तरह की टिप्पणियां भी की जा रही हैं. इस तस्वीर में एंजेला मर्केल ट्रंप से बात कर रही हैं, जबकि शिंजो आबे हाथों में हाथ बांधे हुए दूसरी तरफ मुंह किए खड़े हैं. डोनाल्ड ट्रंप बहुत ही शांति के साथ हाथ बांधे हुए कुर्सी पर बैठे हैं. उनके हाव-भाव भी कुछ अलग ही हैं. ट्रंप के आगे रखी टेबल पर हाथ रखे हुए एंजेला मर्केल खड़ी हैं और ट्रंप से कुछ कह रही हैं. इस तस्वीर पर सोशल मीडिया में भी चुटकी ली जा रही है. बता दें कि शिखर सम्मेलन में कई अहम मसलों पर चर्चा हुई. सम्मेलन के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि हम रूस से उसके अस्थिर व्यवहार, लाकेतंत्र को कमजोर करने की उसकी प्रणाली और उसके सीरियाई शासन को समर्थन रोकने की अपील करते हैं. इसके अलावा इस शिखर सम्मेलन जी-7 देशों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बनाए रखने का संकल्प लिया है.

कहा जाता है कि ‘एक तस्वीर हजार शब्दों’ से ज्यादा बोलती है. कनाडा में हाल ही में संपन्न हुए जी-7 देशों के दो दिवसीय सम्मेलन से भी एक ऐसी दिलचस्प तस्वीर सामने आई है, जो बहुत कुछ बयां कर रही …

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ट्रंप-किम की मुलाकात की जगह का इतिहास जानकर कांप जाएगी रूह

उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुलाकात के लिए सबसे मनहूस जगह को चुना है. सिंगापुर के जिस सेंटोसा टापू पर विश्व शांति कायम करने के लिए वार्ता होने जा रही है, उसका इतिहास बड़ा भयानक है. दो वर्ग मील तक फैले इस टापू में करीब 200 साल पहले समुद्री डाकुओं का आतंक हुआ करता था, जो व्यापारियों को लूटते थे और उनको मौत के घाट उतार दिया करते थे. इसी टापू पर 76 साल पहले हजारों लोगों का नरसंहार हुआ था और 35 साल पहले तेल निकालने वाले जहाज की वजह से एक बहुत बड़ा हादसा हुआ था और टूरिस्ट केबल कार के दो कैरेज समुद्र में जा गिरे थे. इतने बड़े-बड़े हादसों और दर्दनाक वारदातों के बाद लोगों ने इस जगह को ही शापित मान लिया था. लिहाजा फिर तय हुआ कि इस टापू की मनहूसियत को खत्म करने के लिए इसका नाम ही बदल दिया जाए और तब इसे नया नाम मिला सेंटोसा. टेलीग्राफ के मुताबिक साल 1972 तक सेंटोसा द्वीप को 'पुलाऊ बेलकांग मति' (Pulau Blakang Mati) नाम से जाना जाता था, जिसका मतलब होता है - मृत्यु का द्वीप (Island of Death from Behind). अब इत्तेफाक देखिए इसी शापित जगह से विश्वशांति कायम करने की शुरूआत होने जा रही है. 12 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के मार्शल किम जोंग उन सिंगापुर के इसी सेंटोसा द्वीप पर पहली बार एक-दूसरे से मिलेंगे. यहां स्थित पांच सितारा होटल कपेला (Capella) में एक-दूसरे से हाथ मिलाएंगे. वाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच सिंगापुर समिट की जगह सेंटोसा द्वीप का होटल कपेला होगी. हम इस मेहमान नवाज़ी के लिए सिंगापुर के लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं. भारतीयों के बीच भी लोकप्रिय है यह टापू सिंगापुर का सेंटोसा टापू भारतीय पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. 1690 लोगों की आबादी वाले इस टापू में हर साल दो करोड़ पर्यटक आते हैं. 12 जून को होने वाली वार्ता से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन सिंगापुर के सेंटोसा टापू पहुंच चुके हैं. अब दुनिया भर की निगाहें, दोनों की मुलाकात पर टिकी हुई है.

उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुलाकात के लिए सबसे मनहूस जगह को चुना है. सिंगापुर के जिस सेंटोसा टापू पर विश्व शांति कायम करने के लिए वार्ता होने जा रही …

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G-7 समिट के बाद ‘ट्विटर बम’ फोड़ते सिंगापुर पहुंचे ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की अग्रणी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं के समूह G-7 के सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त घोषाण पत्र को एक झटके में खारिज कर दिया. साथ ही मेजबान कनाडा पर अपमानजनक टिप्पणियां की, जिसके बाद से घमासान मच गया. डोनाल्ड ट्रंप के सिलसिलेवार ट्वीट के बाद से अमेरिका और यूरोप के बीच ट्रेड वॉर छिड़ गया है. कनाडा के क्यूबेक शहर में G-7 सम्मेलन में अमेरिका सहित सभी सदस्य देशों की सहमति से तय हुए संयुक्त बयान को जारी किया गया, इससे पहले ही ट्रंप सिंगापुर के लिए रवाना हो गए और थोड़ी देर बाद अपने विशेष विमान एयरफोर्स-वन में बैठे-बैठे ट्विटर पर बयानबाजी शुरू कर दी. डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘मैंने संवाददाता सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के झूठे बयान और कनाडा द्वारा अमेरिकी किसानों, कामगारों और कंपनियों पर लगाए जा रहे भारी-भरकम शुल्कों को देखते हुए हमने अपने प्रतिनिधि को कहा कि वो साझा बयान की पुष्टि न करें, क्योंकि हम अमेरिकी बाजार में भारी मात्रा में आ रहे वाहनों पर शुल्क लगाने पर विचार कर रहे हैं.’ उन्होंने लिखा, ‘कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने G-7 बैठक में दबे और सुलझे होने का नाटक किया, ताकि वह उसके बाद वहां से मेरे प्रस्थान के बाद संवाददाता सम्मेलन में बोल सकें और कह सकें....उन्हें कोई धमका नहीं सकता. बहुत ही बेईमान और कमजोर व्यक्ति.’ ट्रंप के इन ट्वीट के बाद बवाल मच गया. मामले को लेकर जर्मनी के विदेश मंत्री मेको मास ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G-7 सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान से पीछे हटकर यूरोप के साथ विश्वसनीय संबंध को तार-तार कर दिया है. उन्होंने ट्रंप से कहा कि आप महज एक ट्वीट कर बहुत तेजी से विश्वास खो देते हैं. अमेरिका बोला- जस्टिन ट्रुडो ने घोंपा छुरा वहीं, इस बीच व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार लैरी कुदलोव ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूदो ने G-7 सम्मेलन में हमारी पीठ में छुरा घोंपा है. अमेरिका को जस्टिन द्वारा संवाददाता सम्मेलन में दिए बयान पर ऐतराज है. हम सद्भावना के साथ बयान में शामिल हुए थे. क्‍या है मामला? दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर टैरिफ लगा दिया है, जिसके चलते कनाडा समेत कई देश नाराज हैं. इस समिट में अमेरिकी टैरिफ को लेकर चर्चा की जा रही थी.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की अग्रणी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं के समूह G-7 के सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त घोषाण पत्र को एक झटके में खारिज कर दिया. साथ ही मेजबान कनाडा पर अपमानजनक टिप्पणियां की, जिसके बाद से …

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चीन जरूरी भी, मजबूरी भी: 42 दिन में मोदी-जिनपिंग की दो मुलाकातों से क्या बदला?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के क्विंगदाओ शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में हिस्सा लेकर स्वदेश लौट आए हैं. पिछले 42 दिन में ये चीन का उनका दूसरा दौरा था. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल के आखिरी हफ्ते में चीन का दौरा किया था जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वुहान शहर में मोदी की मेजबानी की थी और अनौपचारिक बातचीत में पर्सनल केमिस्ट्री पर खास जोर दिया गया था. वुहान में दोनों देशों की कोशिश ये थी कि तनाव के मुद्दों की वजह से रिश्ते खराब न हो पाएं, दुनिया ने क्विंगदाओ में इस कोशिश को और आगे बढ़ते देखा. पहली बार एससीओ का पूर्ण सदस्य भारत इस बार पीएम मोदी ने चीन का दौरा एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए किया जिसमें पहली बार भारत पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुआ. रूस-चीन, ईरान के अलावा पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है. सुरक्षा से ज्यादा इस संगठन का जोर आर्थिक सहयोग पर है. ये दोनों मुलाकातें काफी अहम हैं, खासकर डोकलाम तनाव के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आई तल्खी के मद्देनजर. डोकलाम से आगे निकले रिश्ते पिछले साल डोकलाम में सड़क निर्माण से उपजे तनाव ने युद्ध जैसे हालात उत्पन्न कर दिए थे. एशिया के दो सबसे बड़े और परमाणु संपन्न देशों के सैनिक 73 दिन तक आमने-सामने डटे रहे थे. परमाणु युद्ध तक की धमकियां दी जा रही थीं. पर्सनल केमिस्ट्री से बदले हालात डोकलाम तनाव को कम करने के लिए मोदी और जिनपिंग ने कूटनीति का सहारा लिया. साथ ही दोनों नेताओं की पर्सनल केमिस्ट्री भी काफी मददगार साबित हुई. पिछले चार साल में दोनों नेता 14 बार मिल चुके हैं. इस साल कम से कम 4 और सम्मेलनों में मुलाकातें होंगी. साथ ही जिनपिंग ने अगले साल भारत दौरे का न्योता भी स्वीकार किया है. इससे पहले सितंबर 2014 में जिनपिंग भारत आए थे. पीएम मोदी ने अहमदाबाद में उनकी अगवानी की थी. वुहान में बनी बुनियाद अप्रैल में वुहान शहर में दुनिया की दो सबसे बड़ी अभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने अनौपचारिक बैठक कर तनाव को दूर करने की कोशिश का ऐलान किया. आज हालात पिछले कुछ महीनों पहले की स्थिति से काफी भिन्न दिखाई दे रहे हैं. क्या बदलाव दिखा है इन 42 दिनों में भारत-चीन के रिश्तों में, सरहद पर और कूटनीति में.. -ब्रह्मपुत्र नदी का डेटा शेयर करेगा चीन शनिवार को शी जिनपिंग और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद ब्रह्मपुत्र से जुड़े हाइड्रोलॉजिकल डेटा को साझा करने को लेकर अहम समझौता हुआ. पूर्वोत्तर में ब्रह्मपुत्र नदी भारत की लाइफलाइन है और वहां रहने वाले लोगों के लिए इस नदी के जल बहाव के बारे में सटीक जानकारी रखना जरूरी है. डोकलाम तनाव के बाद चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी का डेटा शेयर करना बंद कर दिया था. इससे असम समेत कई पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ के पानी पर नियंत्रण और प्रबंधन में दिक्कतें आ रही थी. -व्यापार घाटा कम करने पर सहमति भारत-चीन के संबंध आर्थिक ज्यादा हैं. चीन ने जहां भारत में 160 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, वहीं चीन के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है. भारत-चीन ने 2020 तक आपसी व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. इसमें भारत की चिंता 51 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को लेकर थी. इसके मद्देनजर चीन ने भारत से अनाज, चीनी, अन्य कृषि उत्पादों के आयात को बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसे व्यापार असंतुलन की भारत की चिंता के मद्देनजर बड़ा कदम माना जा रहा है. -सीमा पर तनाव कम करने के लिए मैकेनिज्म भारत और चीन के बीच 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) है. आए दिन तनाव के मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देश जल्द ही हॉटलाइन संपर्क शुरू करने जा रहे हैं. साथ ही वुहान में दोनों नेताओं के बीच अपनी-अपनी सेनाओं को स्ट्रैटेजिक गाइडेंस जारी करने और शांति बनाए रखने के लिए जरूरी स्ट्रैटेजिक मेकेनिज्म मजबूत करने पर सहमति बनी थी. एससीओ बैठक से इतर हुई मोदी-जिनपिंग मुलाकात के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेता सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से दूर करने पर सहमत हुए हैं. सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि वार्ता करेंगे. -वित्तीय संबंध बढ़ाने पर जोर विदेश सचिव ने बताया कि भारत ने चीन के सरकारी बैंक ‘बैंक ऑफ चाइना’ को मुंबई में शाखा खोलने की अनुमति दे दी है. जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच वित्तीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का सुझाव दिया था. इसके जवाब में मोदी ने कहा कि भारत बैंक ऑफ चाइना को मुंबई में शाखा खोलने की अनुमति देने को तैयार है. -कृषि उत्पादों का भारत करेगा चीन को निर्यात कृषि संबंधी समझौते के तहत अब भारत चीन को बासमती के साथ-साथ अन्य तरह के चावल, चीनी, औषधियों का निर्यात करेगा. भारत पहली बार चीन को चीनी निर्यात करने जा रहा है. पीएम मोदी ने अप्रैल की अपनी चीन यात्रा के दौरान इसका वादा किया था. भारत चीन को 10 से 15 लाख टन चीनी निर्यात की तैयारी कर रहा है. यह सौदा करीब 50 करोड़ डॉलर का हो सकता है. -पीपुल टु पीपुल कॉन्टैक्ट का नया तंत्र भारत और चीन ने विवादित मुद्दों पर बातचीत से इतर आपसी संपर्कों और व्यापारिक संबंधों के जरिए संबंध मजबूत करने का नया मंत्र अपनाया है. द्विपक्षीय रिश्तों में गति लाने के लिए भारत और चीन ने लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए नया तंत्र गठित करने का फैसला किया है. इस तंत्र में दोनों देशों के विदेश मंत्री नेतृत्व करेंगे. लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए फिल्म, संस्कृति, योग, पारंपरिक भारतीय दवाएं, कला और संग्रहालय जैसे माध्यमों पर जोर दिया गया है. इस तंत्र की पहली बैठक इसी साल होगी. चीन में भारतीय फिल्मों के प्रति बढ़ती लोकप्रियता का भी इसमें जिक्र किया गया. जिनपिंग ने भारतीय फिल्म दंगल, बाहुबली और हिंदी मीडियम का खासतौर पर उल्लेख किया. भारत से जुड़ाव के लिए हाल के वर्षों में चीन ने हिन्दी पढ़ने पर ज़ोर दिया है. चीन की 15 यूनिवर्सिटीज में हिन्दी पढ़ाई जा रही है. भारत का योग भी चीन में खासा लोकप्रिय है. चीन में लगभग 1500 योग गुरु हैं जिनमें से अधिकांश भारतीय हैं. दोनों देशों की साझा ताकत दुनिया के लिए अहम चीन और भारत का साथ आना पूरी दुनिया के लिए अहम है. दोनों देशों की आबादी 2 अरब 60 करोड़ से अधिक है. दोनों दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं. दोनों की सीमाएं आपस में मिलती हैं और सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार भी हैं. दुनिया की जीडीपी में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं. इसीलिए दोनों देशों को दुनिया का भविष्य कहा जाता है. भारत-चीन का सहयोग दुनिया की नीतियों को प्रभावित कर सकता है, इस लिहाज से आपसी विश्वास के लिए उठाए गए ये कदम न सिर्फ भारत और चीन के लिए बल्कि पूरी दुनिया खासकर तीसरी दुनिया के लिए देशों के लिए काफी अहम हैं. चीन की ओबीओआर परियोजना के खिलाफ भारत टिका हुआ है, इस दौरे में भी पीएम मोदी ने चीन की इस परियोजना को भारत की संप्रभुता के खिलाफ करार देकर ठुकरा दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के क्विंगदाओ शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में हिस्सा लेकर स्वदेश लौट आए हैं. पिछले 42 दिन में ये चीन का उनका दूसरा दौरा था. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल के …

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कर्नाटक: जयनगर विधानसभा सीट पर वोटिंग शुरू, BJP-कांग्रेस में टक्‍कर

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के जयनगर विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान हो रहा है. वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू हो गई है जो कि शाम 6 बजे तक जारी रहेगी. बता दें, इस सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी के नेता और मौजूदा विधायक बीएन विजय कुमार का मतदान से कुछ दिन पहले ही निधन हो गया था. इसकी वजह से चुनाव आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया था. जयनगर में कुल 216 पोलिंग बूथों पर वोट डाले जा रहे हैं. यहां करीब 2 लाख वोटर हैं. कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्‍कर जयनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने सिद्धारमैया सरकार में गृह मंत्री रहे रामालिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या रेड्डी को उतारा है. सौम्‍य के पक्ष में जेडीएस ने इस सीट पर अपना उम्‍मीदवार नहीं उतारा. वहीं, बीजेपी ने अपने दिवंगत विधायक बीएन विजयकुमार के भाई बी.एन प्रहलाद को टिकट दिया है. जयनगर सीट पर कुल 19 उम्‍मीदवार अपना भाग्‍य आजमा रहे हैं. हालांकि इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही टक्‍कर है.कर्नाटक में चुनाव से ठीक पहले 4 मई को बीजेपी उम्मीदवार बीएन विजय कुमार की चुनाव प्रचार के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. दरसअल हर दिन की तरह 3 मई को भी विजयकुमार अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार के लिए निकले थे. प्रचार के दौरान देर शाम 59 साल के विजयकुमार अचानक गिर गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में कुछ घंटों तक डॉक्टरों ने उनका इलाज किया. लेकिन उन्हें बचाया न जा सका. 4 मई की सुबह करीब 1 बजे बीजेपी नेता ने आखिरी सांस ली. बीएन विजयकुमार जयानगर विधानसभा सीट से दो बार के विधायक रहे थे. एक बार फिर बीजेपी ने उनपर भरोसा जताया था और टिकट दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय कुमार की मौत पर दुख जाहिर किया है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार की मौत पर संवेदना व्यक्त की थी. कर्नाटक में सत्‍ता को लेकर हुई थी खींचतान बता दें, कि जेडीएस और कांग्रेस ने 12 मई के विधानसभा चुनाव के त्रिशंकु नतीजे आने के बाद राज्य में गठबंधन किया था. सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल से मिले न्योते के बाद भाजपा ने सरकार बनाई थी, लेकिन विश्वास मत का सामना किए बगैर ही 19 मई को बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कुमारस्वामी ने कर्नाटक के सीएम के तौर पर 23 मई को शपथ ली थी.

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बंगाल: ईद पर 4 दिन की सरकारी छुट्टी? फर्जी लेटर वायरल, पुलिस ने किया सचेत

ईद का त्योहार जल्द ही आने वाला है ऐसे में लोगों की बीच उत्साह भरपूर है. लेकिन त्योहार से पहले ही पश्चिम बंगाल में एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जिसमें कहा गया है कि ईद-उल-फितर के लिए सरकार की ओर से चार दिन की सरकारी छुट्टी का ऐलान किया गया है. जो कि एक गलत खबर है. अब इसी को लेकर कोलकाता पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को चेताया. कोलकाता पुलिस ने ट्वीट किया कि सोशल मीडिया पर ये एक गलत खबर फैलाई जा रही है, जो कि पूरी तरह से निराधार है. इसके पीछे जो भी उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. क्या है इस चिट्ठी में? चिट्ठी में लिखा गया है कि 12 जून से 15 जून के बीच कभी भी ईद हो सकती है, इसको देखते हुए राज्य के गवर्नर ने 12-15 जून की छुट्टी का ऐलान किया है. इसके अलावा 16 जून को पहले से ही छुट्टी निर्धारित है. इसके आगे चिट्ठी में कहा गया है कि इस दौरान राज्य के सभी विभागों के दफ्तर बंद रहेंगे. कब है ईद? आपको बता दें कि रमज़ान खत्म होने को ही है, अभी अलविदा जुम्मा भी मनाया गया था. बताया जा रहा है कि ईद आने वाले शुक्रवार या फिर शनिवार को हो सकती है. गौरतलब है कि ईद का ऐलान चांद को देखकर किया जाता है.

ईद का त्योहार जल्द ही आने वाला है ऐसे में लोगों की बीच उत्साह भरपूर है. लेकिन त्योहार से पहले ही पश्चिम बंगाल में एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जिसमें कहा गया है कि ईद-उल-फितर के लिए सरकार की …

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