प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने दावा किया है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का पीएचडी स्कॉलर मन्नान वानी उनके संगठन में शामिल हो गया है। सलाहुद्दीन ने स्थानीय मीडिया को जारी किए गए बयान में यह दावा किया है। सलाहुद्दीन ने बयान में कहा, ‘मन्नान वानी के शामिल होने से उस भारतीय दुष्प्रचार की पोल खुल गई है जिसमें यह दावा किया जाता कि कश्मीर के युवक बेरोजगारी और आर्थिक तंगी की वजह से हथियार उठाते हैं।’
भाई मुबस्सिर ने कहा कि 3 जनवरी को मन्नान की पिता से बात हुई थी। 4 जनवरी के बाद से उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा है। वानी के हिज्बुल में शामिल होने की अटकलों के बीच यूपी एटीएस ने दोनों कश्मीरी छात्रों की जांच शुरू कर दी है। जांच अधिकारियों ने बताया कि हॉस्टल में वानी के रूम से संदेहजनक सामग्री मिली है। उन्होंने बताया कि किताबें, फोटोकॉपी, पेन ड्राइव समेत कुछ ‘संदिग्ध’ दस्तावेज उसके कमरे से मिले हैं।
उधर जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर खान ने कहा कि सभी चीजों की जांच की जा रही है। हालांकि अलीगढ़ पुलिस की जांच से पता चला है कि वानी ने जनवरी 2017 में हॉस्टल में हिज्बुल का ‘कैलेंडर’ बांटा था। मन्नान वानी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ने निष्कासित कर दिया है।
दो दिन पहले राइफल के साथ वानी की फोटो फेसबुक पर वायरल हो गई, जिसमें कहा गया कि 5 जनवरी को वह हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ गया था। एएमयू के पीआरओ का कहना है कि भूगर्भ शास्त्र के रिसर्च स्कॉलर मन्नान बशीर वानी को संस्थान से निष्कासित कर दिया गया है।
इसके साथ ही हबीब हॉल हॉस्टल में उसका कमरा भी सील कर दिया गया है। एएमयू प्रशासन का कहना है कि उसकी आपत्तिजनक गतिविधियों से संस्थान का शांतिपूर्ण माहौल खराब हो सकता था, लिहाजा संस्थान ने उसके निष्कासन की कार्रवाई की है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal