भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा कि 2019 एएफसी एशियन कप क्वालीफाई करने के लिए पूरी भारतीय टीम को श्रेय दिया जाना चाहिए। यूएफा यूरोपा कप में खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर गुरप्रीत सिंह संधू की कप्तानी में टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है।
संधू की कप्तानी में भारत ने कई सालों के बाद 2017 एशिया कप के लिए क्वालिफाई किया है। संधू का कहना है कि टीम इस समय काफी मजबूत है और वे किसी भी टीम को हराने में सक्षम है। संधू ने कहा, ‘हमारे अच्छे प्रदर्शन के लिए चार डिफेंडरों, गोलकीपर या मिडफील्डरों को ही नहीं, बाहर बैठे खिलाडिय़ों के साथ पूरी टीम को इसका श्रेय दिया जाना चाहिए। हमारे सभी मैचों में हमने एक टीम के तौर पर खेला है और सफलता के लिए धैर्य रखा है। संधू भारत के ऐसे पहले फुटबॉल खिलाड़ी हैं जो यूईएफए यूरोपा कप में नार्वे के फुटबॉल क्लब स्टाबैक के लिए खेले हैं।
उन्होंने कहा, ‘पिछली बार 2011 में मैं टीम में था, मेरे लिए यह अच्छा अनुभव रहा था। इसके बाद से एक और एएफसी एशियन कप में क्वालीफाई करना मेरी प्राथमिकता है। एशियन कप वो मंच है, जहां आप अपने करियर में इसलिए खेलना चाहते हैं, क्योंकि वहां एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीमें आती हैं। उनके सभी खिलाड़ी प्रतिभाशाली होते हैं।
गुरप्रीत सिंह संधू
संधू ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जहां से आप काफी कुछ सीखते हुए एक परिपक्व खिलाड़ी बने सकते हैं। उन्होंने है कि हमने कई बड़ी टीमों को क्वालिफिकेशन राउंड में हराया है। म्यांमार के खिलाफ जीत के अलाव बेंगलुरू में किर्गिस्तान को हराना हमारी बड़ी सफलताओं में शामिल है।
ये दोनों ही मजबूत टीमें है और इसके खिलाफ खेलना मुश्किल ही होता है। इन दोनों मैचों में जीत हासिल करने के कारण हमारी स्थिति मजबूत हुई थी और हम एएफसी एशिया कप के लिए क्वालिफाई करने में कामयाब रहे। एशिया कप का आयोजन यूएई में होना है।बता दें कि कप्तान सुनील छेत्री की अगुवाई में भारत ने मकाऊ को 4-1 से शिकस्त देकर चौथी बार एएफसी एशिया कप फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई किया था। इससे पहले भारत ने 1964, 1984 और 2011 में एशिया कप के लिए क्वालिफाई किया था। भारत को अब 14 नवंबर को म्यांमार के खिलाफ मैच खेलने हैं।
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