आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हवाई जहाज उतारकर भले ही इसकी गुणवत्ता को क्लीन चिट दी जा चुकी हो, लेकिन इसके अधूरे इंतजाम वाहनों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाले मार्गों से तो भारी वाहनों के लिए बैरियर हटा दिए गए हैं।
मगर, लखनऊ से नोएडा के उतरने वाले रोड पर अभी भी बैरियर लगा है। इस वजह से भारी वाहन चालकों को लगभग 14 किमी उल्टी दिशा में लौटना पड़ना पड़ता है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। 302 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे दो साल में बनकर तैयार हुआ। सपा सरकार ने 21 नवंबर 2016 को आननफानन में इसका शुभारंभ कर दिया, लेकिन बहुत काम अधूरे छोड़ दिए, जो अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं।
एक्सप्रेसवे पर बदइंतजामी की स्थिति यह है कि भारी वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इसकी वजह से दूसरे छोटे वाहन चालकों की जान पर जोखिम बन आई है। इनररिंग रोड पर आगरा और नोएडा की ओर से लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों के लिए लगे बैरियर हटा दिए गए हैं।
यानी भारी वाहन इन दोनों दिशाओं से लखनऊ की ओर जा सकते हैं। मगर, लखनऊ से नोएडा की ओर उतरने वाले रोड पर अब भी बैरियर लगा हुआ है।
इससे भारी वाहनों को 14.2 किमी तक उल्टी दिशा में लौटना पड़ रहा है। यहां से वे उल्टी दिशा में आगरा के लिए लौटते हैं। इससे दोनों तरफ से हादसे की संभावना बनी रहती है। यह कट भी अवैध है।