मनोविज्ञान ने लोगों के इस 13 अंक के डर को ट्रिस्काइडेकाफोबिया या थर्टीन डिजिट फोबिया का नाम दिया है। खास बात ये है कि नबंर 13 के इस डर कि वजह से लोगों के भीतर आत्मविश्वास कम हो जाता है। विदेशों में तो इसका खौफ इतना है कि 13 तारीख को वहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं।
कई विद्वानों का कहना है कि 13 नंबर न्युमरोलॉजी के हिसाब से भी शुभ नहीं माना जाता है। उनका कहना है कि 12 नंबर पूर्णता का प्रतीक है और इसमें एक और नंबर जोड़ना यानि बुरे भाग्य का सकेंत होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कई फाइव स्टार होटल्स में तो 13 वे नंबर का रूम ही नहीं होता है।
माना जाता है कि एक बार जब जीजस अपने अनुयायियों के साथ भोजन कर रहे थे। उस वक्त उनको मिलाकर कुल 13 अनुयायी वहां मौजूद थे। इसके बाद उनको सूली पर चढ़ा दिया गया था। ब्रिटेन के एक मशहूर होटल में तो आज भी अगर 13 लोगो के खाने का आर्डर मिलता है तब भी 14 वीं चेयर सजाई जाती है और उस पर केस्पर नाम की बिल्ली की मूर्ती रखी जाती है। यानि 13 चेयर का रखा जाना शुभ नहीं माना जाता हैं।
बच्चे 13 साल की उम्र में टीनेजर बनते है और ये जीवन की सबसे संवेदनशील अवस्था मानी जा सकती है। ये उम्र का सबसे नाजुक दौर माना जा सकता है इसलिए माता पिता बच्चों का इस उम्र में ज्यादा ध्यान रखते हैं।
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