अमेरिका में एक भारतीय मूल के नागरिक को 27.5 साल कैद हुई है। इस शख्स का नाम याह्या फारूक मोहम्मद है और इस पर आतंकियों की मदद करने का आरोप लगा है। कोर्ट ने फारूक मोहम्मद को आतंकी संगठन अल-कायदा के नेता अनवर अल-अवाकी को हजारों डॉलर की मदद पहुंचाने और अपने ऊपर चल रहे केस की सुनवाई कर रहे जज की हत्या की साजिश का दोषी पाया।
39 वर्षीय मोहम्मद ओहियो यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग कर चुका है और 2008 में एक इसने एक अमेरिकी महिला से शादी की थी। इसी मामले में मोहम्मद के तीन भाइयों को भी सितंबर 2015 दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मोहम्मद यमन गया था उसने वहां अनवर अल-अवाकी से मुलाकात कर उसे वित्तीय मदद के अलावा कई आधुनिक उपकरण और अन्य मदद दी थी।
अल अवाकी ने मोहम्मद की इस मदद को अमेरिकी सेना के खिलाफ जिहाद फैलाने के तौर पर इस्तेमाल किया था। अल-अवाकी अल-कायदा का मुख्य सदस्यों में से एक था। इसे अमेरिका ने यमन में सितंबर 2011 में एक ड्रोन हमले में मारा गिराया था। अल-अवाकी को 2010 में अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया गया था।