अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगातार मिल रही असफलता से आतंकियों ने घुसपैठ की रणनीति बदल दी है। अब आतंकी ग्रुप के बजाय, अकेले-अकेले घुसपैठ करेंगे, ताकि हमलों को अंजाम दे सकें। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 50 खूंखार आतंकी घात लगाकर बैठे हुए हैं। वह अब अकेले-अकेले हमला कर अधिक नुकसान करना चाहते हैं। पिछले एक साल में आतंकियों ने कई बार जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के बार्डर पर घुसपैठ की है।
हर बार आतंकी मारे गए हैं या फिर वापस भागने को मजबूर हो गए हैं। इस वजह से अब आतंकी अकेले आने की साजिश रच रहे हैं, ताकि घुसपैठ करने पर कम नुकसान हो। आतंकी संगठन के आकाओं ने आतंकियों को यह नया फरमान जारी किया है। आतंकी संगठन चाहते हैं कि अगर कहीं आतंकी पकड़ा भी जाए तो नुकसान कम हो। लेकिन यदि वो घुसपैठ में सफल हो जाए तो अधिक नुकसान करे। वह अधिक से अधिक जान माल को नुकसान पहुंचाए।
यह सभी आतंकी आत्मघाती हमलों की ट्रेनिंग लेकर बैठे हुए हैं। करीब 150 किलोमीटर लंबे बार्डर पर करीब 50 आतंकी हर तीन किलोमीटर की दूरी पर घात लगाकर बैठे हुए हैं, जो घुसपैठ कर हमला करने की फिराक में हैं। उल्लेखनीय है कि सांबा, अरनिया, आरएसपुरा आदि में आतंकियों की घुसपैठ को बीएसएफ ने नाकाम किया है। इससे आतंकियों पर पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई का दबाव बढ़ा है। इसलिए अब आतंकी संगठनों ने आतंकियों से कहा है कि जैसे भी जाएं, जम्मू जिलों के बार्डर से घुसपैठ करें और हमला करें। इसके लिए वह ग्रुप में न जाए, अकेले-अकेले घुसपैठ करें।
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