मदरसा बोर्ड के वेब पोर्टल पर अपना विवरण अपलोड न करने वाले 2682 मदरसों की मान्यता रद्द की जाएगी। ब्योरा अपलोड करने की अंतिम तिथि रविवार को समाप्त हो गई। वेब पोर्टल पर विवरण अपलोड करने वाले 16 हजार 461 मदरसों को ही मान्यता और अनुदान का हक होगा।
मदरसा शिक्षा परिषद ने मदरसों के फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए वेब पोर्टल madarsaboard.upsdc.gov.in बनवाया था। इस पर तहतानियां, फौकानियां, आलिया और उच्च आलिया स्तर के सभी 19143 मदरसों को अपनी पूरी जानकारी देनी थी। इसमें शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों और छात्रों के विवरण के अलावा भवन का फोटो और कक्षों की माप का विवरण और आधार की डिटेल शामिल थी।
विवरण ज्यादा होने और वेब पोर्टल में आ रही दिक्कतों को देखते हुए मदरसा बोर्ड ने इसकी 15 सितंबर से बढ़ाकर पहले 30 सितंबर और फिर 15 अक्तूबर कर दी थी। इसके बावजूद 16,461 मदरसों ने ही विवरण वेब पोर्टल पर अपलोड किया है। 2,682 हजार मदरसे डेटा अपलोड नही कर सके हैं।
ऑनलाइन किया जाना है वेतन का भुगतान
नए नियमों के मुताबिक अनुदानित मदरसों के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वित्तीय विवरण ऑनलाइन हासिल होने के बाद खातों के सत्यापन कर उन्हें वेतन का भुगतान ऑनलाइन किया जाना है। जिला स्तर पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हर महीने मदरसों को अनुदान का भुगतान भी पोर्टल पर ही ऑनलाइन करेंगे।
ऐसे में वेब पोर्टल पर विवरण न देने वाले मदरसों को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पाएगा। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि जिन मदरसों ने वेब पोर्टल पर विवरण अपलोड कर दिया है उन्हें ही बोर्ड मान्यता देगा।
16461 मदरसों के कुल 32,483 शिक्षकों का डेटा आधार लिंक के साथ अपलोड हुआ है। इनमें से 8 हजार 457 शिक्षक अनुदानित मदरसों के और 23 हजार 540 मदरसा आधुनिकीकरण योजना के शिक्षक हैं। प्रदेश के सभी 560 अनुदानित मदरसों ने अपना विवरण अपलोड कर दिया है। वेब पोर्टल पर विवरण अपलोड करने की अंतिम तिथि अब नहीं बढ़ाई जाएगी।