कलेक्टोरेट सभाकक्ष में रतलाम जिले के निजी स्कूल संचालकों एवं प्राचार्यो की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन में स्कूल संचालकों को 18 बिन्दुओं के निर्देशों का जस का तस पालन करना अनिवार्य होगा। स्कूल संचालकों की बसों की नियमित चेकिंग की जायेगी। चेकिंग में कानून का उल्लंघन करने वाले संचालकों के स्कूलों की मान्यता रद्द होगी। सभी बस ड्रायवरों और कंडेक्टरों का चरित्र सत्यापन कराना होगा। 18 बिन्दुओं के निर्देशों का पालन प्रतिवेदन सभी स्कूल संचालक, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग तथा परिवहन विभाग को प्रेषित करेगें। कलेक्टर ने इन सभी बिन्दुओं का पालन सुनिश्चित करने की अंतिम समय सीमा 15 दिवस तय की है। 15 दिवस की अवधि के बाद नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
यह हैं 18 बिन्दु
18 बिन्दुओं की जानकारी देते हुए जिला परिवहन अधिकारी जया वसावा ने बताया कि
- स्कूल वाहनों का रंग पीला हो
- अपात खिड़की लगी हो
- अपात खिड़की के पास सीट न हो
- अग्निशमन के संसाधन उपलब्ध हो
- बस के दरवाजे पर लॉक लगा हो
- स्कूल का नाम तथा फोन नम्बर चस्पा किया गया हो
- सीट के नीचे बच्चों का स्कूल बेग रखने का स्थान हो
- प्रशिक्षित चालक हो
- ड्रायवर एवं अटेण्डर अनुभवी
- स्पीड गर्वनर लगा हो
- वैध दस्तावेज जैसे लायसेंस
- बीमा
- फिटनेस
- परमीट आदि हो
- महिला अटेण्डर का नाम तथा नम्बर बस पर लगा हो
- फस्टएड बॉक्स हो जिसमें दवा एक्स्पायर न हो
- सी.सी.टी.वी कैमरा लगा हो
- कंडक्टर, ड्रायवर का चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र उपलब्ध हो।
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औपचारिकता न निभायें स्कूल संचालक – एसपी अमितसिंह
पुलिस अधीक्षक अमितसिंह ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को पालक स्कूल संचालकों की जिम्मेदारी पर स्कूल भेजते है। इसलिये बच्चों की जिंदगी की जिम्मेदारी स्कूल संचालकों की भी है। बच्चों को लाने ले जाने के लिये पालक फीस पेमेंट करते हैं। इसलिये कोई भी संचालक अपनी जिम्मेदारी से पीछे न हटे। एसपी ने कहा कि सभी स्कूल संचालकों को अपने स्कूल में एक महिला शिक्षक की नामांकित करना चाहिए। ऐसी महिला शिक्षक से सभी बच्चें एवं बच्चीयॉ अपनी निजी समस्याऐं साझा कर सके। बच्चों का यौन उत्पीड़न एक घिनौना अपराध है। जिससे निपटने के लिये पूरी तरह सचेत रहने की आवश्यकता है। एसपी ने चेताया कि ड्रायवर को बस संचालक के रूप में नियुक्ति देने से पूर्व पुराने मालिक ने उस ड्रायवर को क्यों निकाला था। इसकी भी पूरी पड़ताल की जाना चाहिए।