मियामी: खगोलीय घटना की दृष्टि से आज अंतरिक्ष में बेहद महत्वपूर्ण घटना होने वाली है. करीब सौ साल से धरती की ओर आ रहा यह क्षुद्रग्रह धरती से 4.4 मिलियन माइल्स (7 मिलियन किलोमीटर) की दूरी से गुजरेगा. इस क्षुद्रग्रह के बारे में सबसे पहले 1981 में पता चला था. 19वीं सदी के विख्यात समाज सेवी और आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटएंगल के नाम पर इसका नामकरण किया गया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार फ्लोरेंस को अब तक का सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह माना है, यह क्षुद्रग्रह धरती से 4.4 मिलियन माइल्स (7 मिलियन किलोमीटर) की दूरी से गुजरेगा. सौ साल पहले इसकी खोज की गई थी. इस क्षुद्रग्रह की चौड़ाई करीब 2.7 माइल्स यानी 4.4 किलोमीटर है. नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज़ के मैनेजर पॉल कोडस ने बताया कि फ्लोरेंस से पहले धरती के करीब से कई क्षुद्रग्रह गुजर चुके हैं. आज धरती से गुजरने वाले इस फ्लोरेंस क्षुद्रग्रह का वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे, इसका अध्ययन कैलिफोर्निया व पोर्टे रिको जमीन पर स्थित राडार की मदद से किया जाएगा.
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दरअसल खगोलीय घटनाओं का संसार इतना रोचक है कि जो लोग इसमें रूचि रखते हैं उन्हें बहुत आनंद आता है. 1890 के बाद यह धरती से बेहद करीब से गुजरने वाला क्षुद्रग्रह है. आमतौर पर क्षुद्रग्रह आकार में काफी छोटे होते हैं और यह सूर्य के आस पास घूमते हैं, लेकिन 1890 के बाद धरती से बेहद पास से गुजरने वाले इस क्षुद्रग्रह का आकार बड़ा है. बड़े क्षुद्रग्रह के आपस में टकराकर धरती पर गिरने की घटनाएं कम होती हैं. लाखों सालों में कभी ऐसा होता है जब बड़े क्षुद्रग्रह आपस में टकरा कर धरती को नुकसान पहुंचाते हैं. लेकिन वैज्ञानिकों को यकीन है कि फ्लोरेंस ऐसा ग्रह नहीं है जो धरती को नुकसान पहुंचाए. इस क्षुद्र ग्रह की गतिविधियों के अध्ययन निष्कर्ष में कई चौंकाने वाली बातें सामने आएंगी.