पाकिस्तान में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विपक्ष की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) से बातचीत का प्रस्ताव देकर नई सियासी बहस छेड़ दी है।
यह पेशकश ऐसे समय आई है, जब पीटीआइ के संस्थापक इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भ्रष्टाचार के एक मामले में 17-17 साल की सजा सुनाई गई है और देश में विरोध-प्रदर्शन की आशंका जताई जा रही है।
इस्लामाबाद में संघीय कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि अगर पीटीआइ गंभीरता से संवाद चाहती है तो सरकार भी बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने साफ किया कि बातचीत केवल वैध मुद्दों पर होनी चाहिए और इसमें किसी तरह की धमकी या दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
शहबाज शरीफ ने जोर देकर कहा कि देश के विकास और स्थिरता के लिए सभी राजनीतिक दलों के बीच सामंजस्य जरूरी है। प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब विपक्षी गठबंधन तहरी तहफ्फुज-ए-आइन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) ने भी संवाद के लिए दरवाजे खुले होने की बात कही थी। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच बातचीत को लेकर अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है। इससे पहले दिसंबर में शुरू हुई वार्ता कई मुद्दों पर अटक गई थी।
इमरान खान ने ‘आसिम कानून’ के खिलाफ प्रदर्शन का दिया निर्देश
पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी को ‘आसिम कानून’ के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन की तैयारी करने का निर्देश दिया है। यह स्पष्ट रूप से रक्षा बलों के प्रमुख आसिम मुनीर के संदर्भ में है।
सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में खान ने कहा कि सोहेल अफरीदी के लिए मेरा संदेश है कि वे सड़क पर आंदोलन के लिए तैयार रहें। पूरे देश को अपने अधिकारों के लिए उठ खड़ा होना चाहिए। न्याय के लिए संघर्ष करना एक पवित्र कर्तव्य है और मैं अपने देश की हकीकती आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान करने को तैयार हूं।
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