अमेरिका में पांच अफ्रीकी प्रवासियों को जबरन उनके देश भेजने के मामले में एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है। न्यायाधीश ने प्रशासन पर कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने को लेकर सवाल तीखे सवाल पूछे है। मामले में न्यायाधीश तान्या चटकन ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रशासन अदालत के आदेशों को दरकिनार करने की कोशिश कर रहा है, ताकि पांच अफ्रीकी प्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजा जा सके, जहां उन्हें यातना या मौत का खतरा है।
ऐसे में इस मामले में चर्चा तब तेज हो गई जब ट्रंप प्रशासन ने इन पांच प्रवासियों को सीधे उनके देश भेजने की बजाय पहले घाना भेजा, ताकि घाना उन्हें आगे उनके मूल देशों में भेज सके। कोर्ट ने इन प्रवासियों को उनके देशों में भेजने से रोक दिया था, क्योंकि वहां उनकी जान को खतरा है।
एसीएलयू ने कोर्ट में दिया तर्क, लेकिन न्यायाधीश ने लगाई फटकार
बता दें कि अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (एसीएलयू) ने बताया कि इन पांच में से एक व्यक्ति को पहले ही घाना से गाम्बिया भेज दिया गया है, जबकि अमेरिकी अदालत ने साफ कहा था कि उसे गाम्बिया नहीं भेजा जा सकता। इसपर न्याय विभाग की वकील एलियानिस पेरेज ने कोर्ट में दलील दी कि घाना ने वादा किया था कि वह ऐसा नहीं करेगा। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका यह तय नहीं कर सकता कि घाना किसे कहां भेजेगा।
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